तमिलनाडु के नगरपालिका प्रशासन मंत्री KN नेहरू ने बिहारियों को लेकर विवादित बयान दिया है। राज्य की सत्ताधारी पार्टी ‘द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (DMK) नेता ने कहा कि बिहारियों के पास हमारी तरह ज्यादा दिमाग नहीं होता। त्रिची के ‘कलाई अरंगम कन्वेंशन सेंटर’ में आयोजित DMK के एक ‘रोजगार कैंप’ में उन्होंने ये बातें कहीं। उन्होंने दावा किया कि केंद्रीय मंत्री रहते लालू यादव ने रेलवे में बिहारियों को भर दिया।
KN नेहरू ने आरोप लगाया कि इससे जो नौकरियाँ तमिलनाडु वालों को मिलने वाली थीं, वो बिहारियों को मिल गई। बता दें कि तमिलनाडु में भी बड़ी संख्या में बिहार और उत्तर प्रदेश से मजदूर जाते हैं। उनके इस बयान से इन मजदूरों के लिए असुरक्षा का माहौल पैदा होने और दो राज्यों के बीच तनाव बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। KN नेहरू केंद्र सरकार की नौकरियों को लेकर इस तरह का बयान दिया।
उन्होंने कहा, “बिहारियों के पास ज्यादा दिमाग नहीं होता है। लेकिन आप त्रिची पोनमलाई रेलवे वर्कशॉप को ही देख लीजिए, जहाँ 4000 बिहारी काम कर रहे हैं। इसी तरह पूरे तमिलनाडु में आप रेलवे में गेटकीपर के रूप में बिहारियों को देख सकते हैं।” साथ ही उन्होंने तमिलनाडु के नागरिकों को भी ये कहते हुए फटकार लगाई कि यहाँ के लोगों ने केंद्र सरकार की सरकारी नौकरियों को लेने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई और कोशिश नहीं की।
उन्होंने ‘डायरेक्टिंग त्रिची’ नाम से एक अभियान शुरू किया है, जिसके तहत जिले के 15,000 नागरिकों को नौकरी देने का वादा किया गया है। इसके लिए रजिस्ट्रेशन तैयार किया गया है। रजिस्टर करने वालों को 23 जुलाई से इंडस्ट्रियल विशेषज्ञों द्वारा यूट्यूब से प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है। उन्हें इंटरव्यू के लिए तैयार किया जाएगा। कुल 150 कंपनियों ने इस अभियान में हिस्सा लिया है। लेकिन, इसके माध्यम से तमिलनाडु के नेता भाषाई अनेकता को जन्म देने से बाज नहीं आ रहे।
"பீகார்காரர்களுக்கு நம்மைவிட மூளை அவ்வளவு கிடையாது” – தமிழ்நாடு அமைச்சர் நேருவின் இந்த கருத்தை நீங்கள் எப்படி பார்க்கிறீர்கள்? pic.twitter.com/GoQuBZtFkM
— BBC News Tamil (@bbctamil) July 26, 2021
KN नेहरू ने लालू यादव को रेलवे की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि तमिलनाडु के लोगों को केंद्रीय फोर्स से लेकर रेलवे और बैंक तक में नौकरी लेनी चाहिए। साथ ही उन्होंने दक्षिण भारतीयों में केरल व तमिलनाडु के युवाओं को सबसे प्रतिभावान करार दिया। KN नेहरू ने कहा कि दिवंगत करूणानिधि ने एक बार उन्हें सांसद बनने का ऑफर दिया था तो उन्होंने हिंदी-अंग्रेजी न आने के कारण इसे ठुकरा दिया था।
उन्होंने कहा कि उन्हें उनकी वरिष्ठता को देखते हुए दिल्ली जाने का ये ऑफर दिया गया था, लेकिन आज वो इसे ठुकरा कर पछताते हैं। सत्ता में आने के बाद ‘भीतरी बनाम बाहरी’ का खेल खेलने में लगी DMK शायद ये भूल गई है कि इस साल हुए जिस विधानसभा चुनाव के बाद उसे सत्ता मिली, उसमें उसने बिहार के प्रशांत किशोर को अपना चुनावी रणनीतिकार बना रखा था। अब सरकारी नौकरियों को लेकर वो बिहारियों के खिलाफ बोल रही।