पश्चिम बंगाल में खूनी राजनीतिक हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। टीएमसी के गुंडों ने एक और भाजपा कार्यकर्ता की हत्या कर दी है। रिपोर्ट के अनुसार बंगाल के बीरभूम के नानूर इलाके में 47 वर्षीय भाजपा कार्यकर्ता शंकरी बागड़ी की सोमवार (अक्टूबर 21, 2019) दोपहर टीएमसी कार्यकर्ताओं ने गोली मारकर हत्या कर दी। जानकारी के मुताबिक शंकरी बागड़ी बीरभूम जिले के नानूर थाना क्षेत्र के अंतर्गत हाटसालंडी गाँव की एक भाजपा कार्यकर्ता थीं। दो समूहों के बीच झड़प में टीएमसी के गुंडों द्वारा उसे गोली मार दी गई थी।
कथित तौर पर बागड़ी के बेटे उदय की पड़ोसी आदित्य बागड़ी के साथ लड़ाई हुई थी। आदित्य उस इलाके में टीएमसी समर्थक है। बताया जा रहा है कि घटना वाले दिन दर्जनों टीएमसी कार्यकर्ताओं ने बंदूकें और हथियार के साथ शंकरी बागड़ी के घर को घेर लिया था। वहाँ के बीजेपी के समर्थकों का कहना है कि गाँव में भाजपा की बढ़ती लोकप्रियता से टीएमसी गुंडे काफी चिढ़े हुए हैं। इलाके में टीएमसी कार्यकर्ताओं और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई, तो टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर गोलीबारी शुरू कर दी। इस दौरान शंकरी बागड़ी को गोली जा लगी। झड़प में 6 अन्य भाजपा समर्थक भी घायल हो गए हैं।
Sankari Bagdi, a female BJP worker was brutally murdered by TMC goons in Nanoor, Birbhum. TMC was upset because BJP has a lead in Shankari’s village.
— BJP Bengal (@BJP4Bengal) October 21, 2019
The sad irony is that women are dying due to political violence in a state where a woman is the Chief Minister. pic.twitter.com/5d8AQ36QGb
मीडिया रिपोर्टों का कहना है कि टीएमसी के गुंडे उदय बागड़ी को मारना चाहते थे, मगर गोली शंकरी बागड़ी को लग गई। बता दें कि उदय भी बीजेपी कार्यकर्ता हैं। हिन्दुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक उदय ने कहा कि इलाके के टीएमसी गुंडे उससे काफी गुस्सा हैं, क्योंकि वो टीएमसी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गया। उदय का कहना है कि टीएमसी के गुंडे ने उस पर एक शादीशुदा महिला के साथ अवैध संबंध की झूठी कहानी बनाकर निशाना बनाया।
झड़प के दौरान जैसे ही टीएमसी कार्यकर्ताओं ने उदय को मारने के लिए गोली चलाई कि बीच में शंकरी बागड़ी आ गई। गोली लगने से उनकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने मौके पर पहुँचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। हालाँकि पुलिस ने जाँच शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
टीएमसी ने कथित तौर पर कहा है कि बागड़ी भाजपा से जुड़ी हुई नहीं थीं। लेकिन बीरभूम जिला भाजपा अध्यक्ष श्यामपद मंडल ने कहा है कि बागड़ी स्थानीय भाजपा कार्यालय से जुड़ी थीं। टीएमसी जिला इकाई के उपाध्यक्ष अभिजीत सिंघा ने दावा किया है कि उदय के अवैध संबंधों को लेकर ग्रामीणों के दो समूहों के बीच झड़पें हुईं। इसमें कोई राजनीतिक एंगल नहीं है।
उल्लेखनीय है कि टीएमसी शासित राज्य पश्चिम बंगाल में भाजपा धीरे-धीरे पैर जमाने में सफल रही है। इसको लेकर टीएमसी में काफी आक्रोश है। इसी का नतीजा है कि पश्चिम बंगाल में लगातार बड़े पैमाने पर राजनीतिक हिंसा हो रही है। बता दें कि टीएमसी के गुंडों द्वारा अब तक दर्जनों भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई है।