जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बुधवार (28 जुलाई 2021) को पीडीपी के 22वें स्थापना दिवस के मौके पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए जम्मू-कश्मीर में विशेष दर्जे को बहाल करने की माँग की। महबूबा ने कहा कि राज्य से 5 अगस्त 2019 को जो भी अवैध तरीके से छीना गया है, उसे ब्याज के साथ वापस करना पड़ेगा।
श्रीनगर स्थित पार्टी मुख्यालय में एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी सम्मान के साथ शाँति की वकालत और जम्मू-कश्मीर के लोगों की पहचान और अधिकारों के लिए लड़ती रहेगी। महबूबा ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत में एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य विभाजित कर दिया गया है और ये सब भारत और उसके संविधान के द्वारा नहीं, बल्कि एक पार्टी ने किया है।”
यही नहीं पीडीपी प्रमुख ने केंद्र पर संस्थानों को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए बीजेपी को आधुनिक ईस्ट इंडिया कंपनी करार दिया और कहा कि इजरायल से मशीनें लाकर भारत के लोगों पर नजर रखी जा रही है। यही काम ईस्ट इंडिया कंपनी भी करती थी। उन्होंने अपने भाषण में जम्मू-कश्मीर की पहचान और कश्मीर विवाद के सुलझने तक लड़ाई लड़ने की बात कही।
उन्होंने कहा, “जब भारत 70 साल बाद अंग्रेजों से आजादी हासिल कर सकता है, जब बीजेपी 70 साल बाद जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा छीन सकती है तो हम अपने अधिकारों के लिए क्यों नहीं लड़ सकते? जम्मू-कश्मीर के लोग भारत के साथ रहना चाहते हैं और अपनी आवाज उठाना जारी रखेंगे और विशेष दर्जे की बहाली की माँग करेंगे।”
महबूबा मुफ्ती का कहना है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों ने लोकतंत्र के कारण भारत को प्राथमिकता दी थी। लेकिन वर्तमान भारत के सुरक्षा बल दुश्मनों से नहीं बल्कि यहाँ के लोगों से लड़ रहे हैं। उन्होंने सेना पर लोगों की आवाज दबाने का आरोप लगाया है।
पाकिस्तान से बातचीत की वकालत
महबूबा मुफ्ती का पाकिस्तान प्रेम एक बार फिर से जाग गया है। उन्होंने पाकिस्तान से बातचीत करने की वकालत करते हुए कहा कि कश्मीर मुद्दे का हल निकालने और इस क्षेत्र में खून-खराबा रोकने के लिए भारत को पाकिस्तान से बात करनी चाहिए। उनका कहना है कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है। पड़ोसी देश से बात करने में कोई झिझक नहीं होनी चाहिए।