Friday, November 22, 2024
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राहुल गाँधी ब्रिटिश नागरिक, पासपोर्ट भी विदेशी: सुब्रमण्यम स्वामी पहुँचे दिल्ली हाई कोर्ट, कहा- उनकी भारतीय नागरिकता रद्द की जाए

राहुल गाँधी की नागरिकता को लेकर एक व्यक्ति ने सूचना के अधिकार यानी आरटीआई के तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय से जानकारी माँगी थी। हालाँकि, मंत्रालय ने कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया था। अपने जवाब में मंत्रालय ने कहा था कि जानकारी साझा करने से जाँच की प्रक्रिया बाधित होगी।

भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी की नागरिकता का मुद्दा एक बार फिर उठाते हुए दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। स्वामी ने अपनी याचिका में हाई कोर्ट से केंद्रीय गृह मंत्रालय को निर्देश देने की माँग की है कि वह लोकसभा में विपक्ष के नेता (LOp) राहुल गाँधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने के उनके आवेदन पर निर्णय ले।

सुब्रमण्यम स्वामी की इस याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई होने की संभावना है। यह याचिका अधिवक्ता सत्य सभरवाल के माध्यम से दायर की गई है। दरअसल, स्वामी ने साल 2019 में गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि बैकऑप्स लिमिटेड नाम की एक कंपनी साल 2003 में यूनाइटेड किंगडम में पंजीकृत हुई थी। राहुल गाँधी इसके सचिव एवं निदेशकों में से एक थे।

बकौल स्वामी, 10 अक्टूबर 2005 और 31 अक्टूबर 2006 को कंपनी के वार्षिक रिटर्न में राहुल गाँधी ने अपनी नागरिकता ब्रिटिश बताई थी। 17 फरवरी 2009 को कंपनी के विघटन आवेदन में भी उनकी नागरिकता ब्रिटिश बताई गई थी। उन्होंने कहा कि राहुल गाँधी के पास ब्रिटिश पासपोर्ट है। स्वामी ने इसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 9 और भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 का उल्लंघन बताया है।

दरअसल, गृह मंत्रालय ने 29 अप्रैल 2019 को राहुल गाँधी को एक पत्र लिखकर उनसे एक पखवाड़े (15 दिन) के भीतर इस संबंध में सही स्थिति से अवगत कराने के लिए कहा था। हालाँकि, स्वामी ने तर्क दिया है कि इस पत्र के पाँच साल से अधिक समय बीत जाने के बावजूद गृह मंत्रालय की ओर से अभी भी स्पष्ट नहीं किया गया है कि इस पर क्या निर्णय लिया गया है।

बता दें कि राहुल गाँधी की नागरिकता को लेकर एक व्यक्ति ने सूचना के अधिकार यानी आरटीआई के तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय से जानकारी माँगी थी। हालाँकि, मंत्रालय ने कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया था। जवाब में मंत्रालय ने कहा कि आरटीआई अधिनियम की धारा 8(1)(एच) और (जे) के तहत कोई खुलासा नहीं किया जा सकता है। जानकारी देने से जाँच प्रक्रिया बाधित होगी।

राहुल गाँधी की नागरिकता पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट में भी एक याचिका दाखिल की गई थी। उसमें गृह मंत्रालय को जल्द जाँच के निर्देश दिए जाने की माँग की गई थी। तब उस समय के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने उस याचिका को खारिज कर दी थी। इसके साथ ही उन्होंने इस पर टिप्पणी की थी।

तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि अगर कोई कंपनी किसी फॉर्म में राहुल गाँधी को ब्रिटिश नागरिक बता देती है तो इसका मतलब यह नहीं कि वे ब्रिटिश नागरिक हो गए। इस मामले में राहुल गाँधी की बहन प्रियंका गाँधी वाड्रा ने भी उनका बचाव किया था। प्रियंका ने कहा था कि पूरे देश को पता है कि राहुल भारत में जन्मे हैं और भारतीय हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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