Monday, December 23, 2024
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केजरीवाल ने श्रीकृष्ण से की खुद की तुलना… हाथ जोड़कर माफी माँगें: दिल्ली CM के ‘कंस की औलाद’ वाले बयान पर भड़के BJP प्रवक्ता, बोले- पूरा यादव समाज आहत हुआ

भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल को 'कंस के औलादों' वाला बयान वापस लेते हुए देश भर के कृष्णवंशियों-यदुवंशियों से माफी माँगनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा है कि केजरीवाल का 'कंस की औलादों का सर्वनाश' वाला बयान बेहद निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है।

आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। इस दौरान वे लगातार बेतुकी बयानबाजी भी कर रहे हैं। इसी सिलसिले में शनिवार (8 अक्टूबर 2022) को आयोजित एक रैली में केजरीवाल ने उनके पोस्टर लगाने वालों को ‘कंस की औलाद’ कहा था। उनके इस बयान को लेकर बीजेपी लगातार हमलावर है। बीजेपी-ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री और बिहार बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद ने केजरीवाल से माफी की माँग की है।

निखिल आनंद ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल को ‘कंस के औलादों’ वाला बयान वापस लेते हुए देश भर के कृष्णवंशियों-यदुवंशियों से माफी माँगनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा है कि केजरीवाल का ‘कंस की औलादों का सर्वनाश’ वाला बयान बेहद निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है।

बिहार बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद का कहना है कि केजरीवाल ने कहा है कि वह जन्माष्टमी के दिन पैदा हुए थे तो क्या वे खुद को भगवान श्रीकृष्ण या उनके वंशज घोषित कर देंगे या फिर खुद को भगवान श्रीकृष्ण की औलाद समझने लगे हैं। भगवान श्रीकृष्ण के नाम पर राजनीति करने की केजरीवाल की घटिया मानसिकता निंदनीय है। केजरीवाल के इस बयान ने देश के यादव समाज के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुँचाया है।

उन्होंने यह भी कहा कि केजरीवाल द्वारा खुद की तुलना भगवान श्रीकृष्ण से करने की भावना और मंशा निराशजनक है। केजरीवाल को अपने इस बयान के लिए पूरे यादव समाज से मंच लगाकर हाथ जोड़कर माफी माँगनी चाहिए। यदि वह ऐसा नहीं करते हैं तो देशभर के यादव समाज के लोग आम आदमी पार्टी का राजनीतिक विरोध करेंगे। केजरीवाल को यह पता होना चाहिए कि भगवान श्रीकृष्ण ने कंस के शासन में हो रहे अत्याचार के कारण ही उसका वध किया था। श्रीकृष्ण ने कभी भी कंस की औलादों या उनके खानदान के लोगों के समूल नाश करने की बात नहीं की और न ही यह बात कहीं लिखी हुई है।

निखिल आनंद ने केजरीवाल की मानसिकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि श्रीकृष्ण तो खुद कंस के भांजे थे और माता देवकी कंस की बहन थीं। देशभर में जितने भी यदुवंशी हैं वे कृष्ण-कंस-बलराम सहित तमाम यादव समाज के लोगों और राजाओं की ऐतिहासिक परंपरा और परिवार की विरासत से ही आते हैं। केजरीवाल ने भगवान श्रीकृष्ण से खुद को फर्जी तरीके से जोड़ कर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की है। उनकी यह घटिया मानसिकता बेहद निंदनीय है।

उन्होंने आगे कहा कि ऐसा करने वाले केजरीवाल इस बात का भी जवाब दें कि मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर को अतिक्रमण मुक्त कराने और वहाँ भगवान श्रीकृष्ण के भव्य मंदिर की स्थापना को लेकर उनकी व्यक्तिगत राय क्या है? क्या केजरीवाल श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन की मुहिम का समर्थन करते हैं?

बता दें, केजरीवाल ने गुजरात के दाहोद में आयोजित के रैली में उनके पोस्टर लगाने वालों पर टिप्पणी करते हुए कहा था, “मैं एक धार्मिक आदमी हूँ। हनुमान जी का कट्टर भक्त हूँ, मेरा गुजरात आना तय हुआ तो इन लोगों ने पूरे गुजरात में मेरे खिलाफ हर जगह पोस्टर लगा दिए। ये कंस की औलाद हैं जो भगवान का इस तरह से अपमान करते हैं। अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा था कि मेरा जन्म श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन हुआ था। भगवान ने मुझे एक विशेष काम, कंस की औलादों ल को खत्म करने के लिए भेजा है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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