जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाने और जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के फैसले के बाद पहली बार हुए बीडीसी (ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल) चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 280 ब्लॉकों में से 81 ब्लॉकों पर ही संतोष करना पड़ा। बता दें कि कुल 316 ब्लॉक में से 307 ब्लॉक पर चुनाव होना था। चूँकि 27 सीटों पर उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए थे, इसलिए 280 ब्लॉक पर ही मतदान हुआ।
गुरुवार (अक्टूबर 24, 2019) देर शाम चुनाव परिणाम की घोषणा हुई। जम्मू और कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी शैलेंद्र कुमार ने श्रीनगर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में पहले बीडीसी चुनाव में 98.3 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। उन्होंने कहा कि लगभग 26,000 पंचों और सरपंचों ने वोट डाला।
शैलेंद्र कुमार ने कहा, “कुल 307 ब्लॉकों में से निर्दलीय ने 217 ब्लॉक जीते, जबकि भाजपा को 81 ब्लॉक मिले। 1 ब्लॉक कॉन्ग्रेस के खाते में आए। वहीं 8 ब्लॉक पर जम्मू और कश्मीर नेशनल पैंथर्स (JKNPP) पार्टी ने जीत दर्ज की।”
J&K Chief Electoral Officer, Shailendra Kumar on Block Development Council (BDC) election: The party wise position looks like this – BJP 81, Indian National Congress 1, Jammu & Kashmir National Panthers Party 8, BSP 0, Independent 217 – total comes to 307. https://t.co/WbgQhBMHAa
— ANI (@ANI) October 24, 2019
बीजेपी जम्मू में एक तिहाई ब्लॉक पर जीत हासिल कर सकी। पार्टी को 148 ब्लॉक में से 52 ब्लॉक पर सफलता मिली। वहीं नेशनल पैंथर्स पार्टी ने 8 ब्लॉक पर जीत हासिल की और शेष 88 बीडीसी सीटों पर निर्दलीय अध्यक्ष चुने गए। उल्लेखनीय है कि भाजपा ने 2014 के चुनावों में जम्मू की 37 में से 25 सीटें जीती थीं। बीजेपी ने कश्मीर घाटी में 137 में से 18 ब्लॉक जीते हैं।
जम्मू के कठुआ जिले के 19 ब्लॉक में से बीजेपी ने 9 ब्लॉक पर सीट दर्ज की। बाकी 10 सीटों पर निर्दलीय ने सफलता हासिल की। बता दें कि 2014 के विधानसभा चुनाव में इन सभी सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी। उधमपुर जिले में 17 ब्लॉक में से बीजेपी के खाते में 4 सीटें आईं। रजौरी जिले के 19 ब्लॉक में से बीजेपी ने 8 सीटों पर जीत दर्ज किया, वहीं पार्टी पूंछ जिले में खाता भी नहीं खोल सकी।
राज्य का विशेष दर्जा हटाए जाने के बाद पहली बार हुए बीडीसी चुनावों में अपने नेताओं की नजरबंदी के कारण कॉन्ग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी ने इससे दूरी बनाए रखी। बता दें कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के बेअसर किए जाने के बाद से विपक्ष के अधिकतर नेता जिनके बयान से राज्य में माहौल खराब होने की आंशका थी, उन्हें नजरबंद रखा गया है। पार्टी नेताओं की नजरबंदी से नाराज विपक्षी दलों ने बीडीसी चुनाव का बहिष्कार किया था। इसके पीछे पार्टी का कहना था कि दिग्गज नेताओं की अनुपस्थिति में प्रचार करना मुश्किल होगा।