Tuesday, November 19, 2024
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‘कहीं शिवसेना का डिमॉलिशन न शुरू हो जाए!’ BMC की कार्रवाई पर बीजेपी नेता ने शिवसेना को बताया- ‘चूहा सेना’

"कंगना का ऑफिस अवैध था या उसे डिमॉलिश करने का तरीका? क्योंकि हाई कोर्ट ने कार्रवाई को गलत माना और तत्काल रोक लगा दी। पूरा एक्शन प्रतिशोध से ओत-प्रोत था। लेकिन बदले की राजनीति की उम्र बहुत छोटी होती है। कहीं एक ऑफिस के चक्कर में शिवसेना का डिमॉलिशन न शुरू हो जाए!"

बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत मुंबई में घर पहुँच चुकी हैं। उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच मुंबई एयरपोर्ट से बाहर निकाला गया और खार स्थित उनके घर पहुँचाया गया। घर पहुँचते ही कंगना ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा। कंगना ने कहा कि आज मेरा घर टूटा है, कल तेरा घमंड टूटेगा। 

दूसरी तरफ शिवसेना कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। वहीं अभिनेत्री के मुंबई पहुँचने से पहले ही बीएसमी ने उनके बांद्रा स्थित बंगले में अवैध निर्माण को गिरा दिया। इस कार्रवाई के खिलाफ कंगना ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बीएमसी की कार्रवाई पर रोक लगा दी है।

इस कार्रवाई पर विभिन्न पार्टियों के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी नेता प्रवेश साहिब ने शिवसेना को चूहा सेना कहा है। इससे पहले भाजपा सांसद प्रवेश साहिब ने महाराष्ट्र सरकार को नपुंसक सरकार करार दिया। भाजपा सांसद ने अपने ट्वीट में लिखा, “नपुंसक है महाराष्ट्र सरकार। नपुंसक हैं वो सब जो ऐसे मर्दानगी दिखाते हैं।”

वहीं, अयोध्या के संत समाज ने नाराजगी जाहिर की है। साथ ही ने संतों ने श्राप दिया है कि अब शिवसेना समाप्त हो जाएगी, उसका अंतिम दौर शुरू हो गया है।

महाराष्ट्र के मंत्री नितिन राउत ने कहा है, “कंगना रनौत एक अभिनेत्री है, उनकी बयानबाजी को महत्व देना मुनासिब नहीं। उनको हिदायत देना चाहूँगा कि अपना काम अच्छे से करें, इस पचड़े में न पड़ें। महाराष्ट्र और मुंबई ने ही उन्हें शोहरत दी। जिस माटी ने उन्हें सम्मान दिया, उस माटी का इमान रखना चाहिए।”

वहीं हिमाचल प्रदेश के CM जयराम ठाकुर ने कहा, “महाराष्ट्र सरकार का आचरण दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं इसकी भर्त्सना करता हूँ। हिमाचल की बेटी कंगना रनौत ने सिर्फ अपनी आवाज बुलंद की और कुछ बातों का जिक्र किया। उन्होंने (महाराष्ट्र सरकार) प्रतिशोध और बदले की भावना से कार्रवाई की है जो सचमुच में दुर्भाग्यपूर्ण है।”

कॉन्ग्रेस नेता संजय निरूपम ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “कंगना का ऑफिस अवैध था या उसे डिमॉलिश करने का तरीका? क्योंकि हाई कोर्ट ने कार्रवाई को गलत माना और तत्काल रोक लगा दी। पूरा एक्शन प्रतिशोध से ओत-प्रोत था। लेकिन बदले की राजनीति की उम्र बहुत छोटी होती है। कहीं एक ऑफिस के चक्कर में शिवसेना का डिमॉलिशन न शुरू हो जाए!”

इस कार्रवाई पर कंगना रनौत को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का भी साथ मिला है। आरएसएस के अखिल भारतीय सह-प्रमुख रामलाल ने कंगना के बचाव में ट्वीट करते हुए लिखा है, “असत्य के हथौड़े से सत्य की नींव नहीं हिलती।” हालाँकि उन्होंने इस ट्वीट में किसी का नाम नहीं लिया है, लेकिन इसे सीधे तौर पर कंगना से जोड़कर देखा जा रहा है।

कंगना के ऑफिस पर BMC की कार्रवाई पर महाराष्ट्र पूर्व CM देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “अगर अवैध कंस्ट्रक्शन है तो जरूर कार्रवाई होनी चाहिए। किसी ने आपके खिलाफ बात कही इसलिए अगर आप तब कार्रवाई करते हो तो ये कायरता है बदले की भावना है और महाराष्ट्र में इस तरह की भावना का कोई सम्मान नहीं हो सकता।”

वहीं अनुपम खेर ने कंगना रनौत के दफ्तर टूटने पर अफसोस जताया है। उन्होंने कहा कि किसी का घरोंदा इस बेरहमी से तोड़ना बिल्कुल गलत है। इसका सबसे बड़ा प्रभाव या प्रहार कंगना के घर पर नहीं बल्कि मुंबई की जमीन और जमीर पर हुआ है। 

गौरतलब है कि महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सोमवार (सितंबर 7, 2020) को केन्द्र सरकार के अभिनेत्री कंगना रनौत को Y श्रेणी की सुरक्षा देने के फैसले पर हैरानी जताई थी। उन्होंने कहा था कि रनौत ने अपनी टिप्पणी से मुम्बई और महाराष्ट्र का ‘अपमान’ किया है।

गृहमंत्री ने मंगलवार (सितंबर 8, 2020) को कहा था कि मुम्बई पुलिस अध्ययन सुमन के उन आरोपों की जाँच करेगी, जिसमें उन्होंने कंगना पर मादक पदार्थ लेने का आरोप लगाया है। देशमुख ने कहा कि अभिनेता शेखर सुमन के बेटे अध्ययन सुमन का कंगना के साथ रिश्ता था और उन्होंने आरोप लगाया है कि वह मादक पदार्थ लेती थीं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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