महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा पढ़ने के कारण गिरफ्तार किए गए सांसद नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा की दूसरी FIR को रद्द करने से बॉम्बे हाई कोर्ट ने इनकार कर दिया है। याचिका पर सोमवार (25 अप्रैल, 2022) को सुनवाई हाई कोर्ट के जस्टिस पीबी वराले और एसएम मोदक की बेंच ने की। कोर्ट ने कहा कि दोनों याचिकाएँ अलग-अलग हैं और ये सुनवाई करने के लायक नहीं है।
BREAKING| #HanumaChalisa Row – ‘Persons In Public Life Expected To Act Responsibly’ : Bombay High Court Dismisses MP-MLA Duo’s Plea To Quash FIR#NavneetKaurRana #RaviRana@CourtUnquote @navneetravirana @MLARaviRana https://t.co/M39tc00sCq
— Live Law (@LiveLawIndia) April 25, 2022
हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि किसी दूसरे के घर या फिर धार्मिक छंदों को सार्वजनिक स्थानों पर पढ़ने से इस तरह के ऐलान से किसी दूसरे व्यक्ति की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन होता है। राज्य को इस बात की आशंका है कि ऐसे कृत्यों से कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ेगी। कोर्ट ने ये भी कहा कि वो याचिकाकर्ताओं की जमानत याचिका पर अपने गुण और दोषों के आधार पर सुनवाई करेगा। बॉम्बे हाई कोर्ट ने नवनीत राणा द्वारा सीएम उद्धव ठाकरे के घर के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने के ऐलान पर नाराजगी जाहिर की।
अदालत ने अपने आदेश में कहा, “याचिकाकर्ता जो राजनीतिक रूप से सक्रिय हैं, उनसे जिम्मेदारी से व्यवहार करने की उम्मीद की जाती है। बड़ी शक्ति बड़ी जिम्मेदारी के साथ आती है। सक्रिय जीवन वाले लोगों के जिम्मेदार आचरण की अपेक्षा है।”
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि लाउडस्पीकर और हनुमान चालीसा पर जारी सियासत के बीच अमरावती से सांसद नवनीत राणा ने उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करने का ऐलान किया था, जिसके बाद 23 अप्रैल, 2022 को मुंबई की खार पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। उन पर मुंबई पुलिस ने राजद्रोह (आईपीसी की धारा 124 A) और धार्मिक भावनाओं को भड़काने के आरोप लगाए थे। इसके अलावा उन पर आईपीसी की धारा 353 (सरकार काम में बाधा) के तहत केस दर्ज किया गया था। इसी एफआईआर को कोर्ट ने खारिज करने से इनकार कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि इस बीच नवनीत राणा ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर कहा, “मुझे 23 तारीख को पुलिस स्टेशन ले जाया गया। 23 अप्रैल को मुझे पूरी रात पुलिस स्टेशन में ही गुजारनी पड़ी। रात को मैंने कई बार पीने के लिए पानी माँगा, लेकिन रातभर मुझे पानी नहीं दिया गया।” नवनीत ने आगे बड़ा आरोप लगाते हुए कहा, “मौके पर मौजूद पुलिस स्टाफ ने कहा कि मैं अनुसूचित जाति की हूँ, इसलिए वह मुझे उसी ग्लास में पानी नहीं दे सकते, जिसमें वे लोग पीते हैं। मतलब मुझे मेरी जाति की वजह से पीने के लिए पानी तक नहीं दिया गया। मैं यह जोर देकर कहना चाहती हूँ कि मेरी जाति की वजह से मुझे बुनियादी मानवाधिकारों से वंचित रखा गया।”
नवनीत राणा का ये भी आरोप था कि जब रात में उन्हें वॉशरूम जाना था तो पुलिस वालों ने इससे इनकार करते हुए कहा कि वे नीची जाति वालों को अपना बाथरूम इस्तेमाल नहीं करने दे सकते।