ज्ञानवापी पर दिए गए आपत्तिजनक बयान के बाद समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की हर तरफ आलोचना हो रही है। अब बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने भी उनके बयान की निंदा की है। मायावती ने स्वामी प्रयाद मौर्य के बयान को पूरी तरह से राजनैतिक बताया है।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कभी भाजपा सरकार में मंत्री रहने के दौरान इसी मुद्दे पर स्वामी प्रसाद मौर्य की चुप्पी पर भी सवाल उठाया है। रविवार (30 जुलाई 2023) को किए गए ट्वीट में मायावती ने बौद्धों और मुस्लिमों से स्वामी प्रसाद की बयानबाजी के चक्कर में न आने की अपील की है।
2 हिस्सों में किए गए ट्वीट में मायावती ने कहा:
“समाजवादी पार्टी के नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्य का ताजा बयान कि बद्रीनाथ सहित अनेकों मन्दिर बौद्ध मठों को तोड़कर बनाए गए हैं तथा आधुनिक सर्वे अकेले ज्ञानवापी मस्जिद का क्यों बल्कि अन्य प्रमुख मन्दिरों का भी होना चाहिए, नए विवादों को जन्म देने वाला यह विशुद्ध राजनीतिक बयान है।”
इसी ट्वीट-थ्रेड में मायावती ने स्वामी प्रसाद मौर्य से सवाल किया है कि जब वो लम्बे समय तक भाजपा सरकार में मंत्री रहे थे, तब उन्होंने ये दबाव क्यों नहीं बनाया था।
2. जबकि श्री मौर्य लम्बे समय तक बीजेपी सरकार में मंत्री रहे किन्तु तब उन्होंने इस बारे में पार्टी व सरकार पर ऐसा दबाव क्यों नहीं बनाया? और अब चुनाव के समय ऐसा धार्मिक विवाद पैदा करना उनकी व सपा की घिनौनी राजनीति नहीं तो क्या है? बौद्ध व मुस्लिम समाज इनके बहकावे में आने वाले नहीं।
— Mayawati (@Mayawati) July 30, 2023
अपने इसी ट्वीट में मायवती ने आगे लिखा, “चुनाव के समय ऐसा धार्मिक विवाद पैदा करना उनकी (स्वामी प्रसाद मौर्य) व सपा की घिनौनी राजनीति नहीं तो क्या है? बौद्ध व मुस्लिम समाज इनके बहकावे में आने वाले नहीं।”
क्या कहा था स्वामी प्रसाद मौर्य ने
दरअसल अदालत के आदेश पर हो रहे ज्ञानवापी के सर्वे पर समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने 2 दिन पहले आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। तब स्वामी प्रसाद ने बद्रीनाथ सहित देश के तमाम मंदिरों को पूर्व में बौद्ध मठ बताते हुए उनके भी ASI सर्वे की माँग की थी। 1947 वाली स्थिति को बनाए रखने की माँग करते हुए मौर्य ने कहा था कि अगर बात निकली तो बहुत दूर तक जाएगी।