दिल्ली उच्च-न्यायालय ने कहा है कि वो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ये निर्देश नहीं दे सकता कि सत्येंद्र जैन को मंत्री पद से हटाया जाए। बता दें कि ED द्वारा गिरफ्तार किए गए सत्येंद्र जैन मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में फँसे हुए हैं। हालाँकि, इस दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने ये टिप्पणी भी की कि ये अब मुख्यमंत्री के ऊपर है कि वो विचार करें कि आपराधिक पृष्ठभूमि के एक व्यक्ति को मंत्री बने रहने की अनुमति दी जा सकती है या नहीं।
दिल्ली उच्च-न्यायालय ने कहा कि एक सुशासन वाली सरकार अच्छे लोगों के हाथ में होती है और अदालत ये निर्णय नहीं ले सकती कि इसमें क्या अच्छा है और क्या बुरा, लेकिन संविधान के कार्यकर्ताओं को इसकी याद तो दिलाई ही जा सकती है कि वो इसकी सुरक्षा करें, इसे संरक्षित करें और इसकी भावनाओं को बढ़ावा दें। जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमणियम प्रसाद की खंडपीठ ने नंदकिशोर गर्ग की याचिका पर ये बातें कही।
अधिवक्ता शशांक देव सुधी के माध्यम से ये याचिका दायर की गई थी। इस दौरान जजों ने बाबासाहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के उद्धरण का भी जिक्र किया और आशा जताई कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लोगों के नेतृत्व के लिए मंत्रियों की नियुक्ति के समय उनमें निहित विश्वास को बनाए रखेंगे। सत्येंद्र जैन के खिलाफ उधर ED ने आरोप-पत्र भी दाखिल कर दिया है। चार्जशीट में 6 आरोपितों और 4 कंपनियों के नाम भी हैं।
The court has said that good governance is only in hands of good people and though the court cannot sit in judgement of what is good or bad, it can certainly remind constituional functionaries to preserve protect and promote ethos of Constitution.#DelhiHighCourt #SatyendarJain
— Bar & Bench (@barandbench) July 27, 2022
उनकी पत्नी पूनम जैन को भी इस मामले में आरोपित बनाया गया है। साथ ही उनके कई रिश्तेदार भी इस मामले में उनके साथ फँसे हुए हैं। उनके आवास से छापेमारी के बाद 2.35 करोड़ रुपयों के साथ-साथ 133 सोने के सिक्के भी जब्त हुए थे। 2007 में CBI द्वारा दर्ज FIR में भी बताया गया था कि 4 कंपनियों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग की गई थी। वो दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री हैं। मनी लॉन्ड्रिंग की रकम का इस्तेमाल संपत्ति खरीद में किया गया।
सत्येंद्र जैन को दिल्ली सरकार द्वारा संचालित LNJP अस्पताल की बजाए AIIMS या सफदरगंज अस्पताल में जाँच की माँग ED ने की है। ED अधिकारियों का कहना है कि जब वो अस्पताल में भर्ती सत्येंद्र जैन के कमरे में पहुँचे तो वो वहाँ सो रहे थे और किसी भी मेडिकल उपकरण से उनकी निगरानी नहीं की जा रही थी। उनकी पत्नी भी वहाँ उनके साथ में ही थी। अधिकारियों के पहुँचते ही सत्येंद्र जैन ने तुरंत ऑक्सीजन मास्क पहन कर बीपी जाँचने वाला बेल्ट लगा लिया और मॉनिटर चालू कर के लेट गए।