कृषि कानूनों के खिलाफ देश में किसानों का आंदोलन बढ़ता जा रहा है। इसी के साथ अवॉर्ड वापसी का सिलसिला भी शुरू हो गया है। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल (SAD) के वरिष्ठ नेता प्रकाश सिंह बादल ने कृषि कानूनों के विरोध में और किसानों के समर्थन में अपना पद्म विभूषण सम्मान वापस कर दिया है। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने प्रकाश सिंह बादल के इस कदम को ‘नाटक’ बताया।
सिंह ने एक बयान में सवाल किया कि उन्हें नहीं मालूम है कि प्रकाश सिंह बादल को यह पद्म विभूषण क्यों मिला था। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “प्रकाश सिंह बादल ने कौन सा युद्ध लड़ा या उन्होंने समुदाय के लिए क्या बलिदान दिया? इस पर राजनीति बंद होनी चाहिए। यह ड्रामेबाजी 40 साल पहले चलती थी लेकिन यह अब काम नहीं करता है।”
I don’t know why Prakash Singh Badal got Padma Vibhushan in the first place. What war did Prakash Singh Badal fight or what sacrifice did he make for the community? Stop politicking on this, these theatrics might have worked 40 years ago but they won’t work now: Punjab CM. (4.12) pic.twitter.com/LKQxhTWwan
— ANI (@ANI) December 4, 2020
अपने सम्मान को लौटाते हुए प्रकाश सिंह बादल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखी। करीब तीन पन्नों की इस चिट्ठी में प्रकाश सिंह बादल ने केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का विरोध किया। इसके साथ ही सरकार की ओर से किसानों पर की गई कार्रवाई की भी निंदा की।
प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि जिस तरह से किसानों के साथ धोखा किया गया है उससे मुझे काफी दुख पहुँचा है। किसानों के आंदोलन को गलत तरह से पेश किया जा रहा है और यह बहुत ही दर्दनाक है। बादल ने पत्र में लिखा, “मैं इतना गरीब हूँ कि किसानों के लिए कुर्बान करने के लिए अब मेरे पास कुछ नहीं बचा है, आज मैं जो भी हूँ वह किसानों की वजह से हूँ, ऐसे में जब किसानों का अपमान किया जा रहा है तो इस सम्मान को अपने पास रखने का कोई मतलब नहीं है।”
प्रकाश सिंह बादल को 30 मार्च 2015 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी द्वारा पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
पंजाब के सीएम ने हरसिमरत कौर पर साधा निशाना, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने किया पलटवार
अमरिंदर सिंह ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और प्रकाश सिंह बादल की बहू हरसिमरत कौर बादल की भी आलोचना की। तीन नए कृषि कानून के पास होने के बाद नरेंद्र मोदी कैबिनेट से इस्तीफा देने पर पंजाब सीएम अमरिंदर सिंह ने कहा, “क्या वो (हरसिमरत कौर बादल) अनपढ़ हैं, जो वह नहीं पढ़ सकती है?” उन्होंने ने कहा, “हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा तब दिया, जब किसानों ने इस कानून का विरोध किया। लेकिन जब नया कृषि कानून पारित हो रहा था तो हरसिमरत कौर उस कैबिनेट का हिस्सा थीं।”
Call me illiterate if that floats your boat @capt_amarinder,but I’m amused that u despite being so ‘literate’ don’t know the diff between #PadmaBhushan & #PadmaVibhushan.Never mind! But calling our peacefully protesting Annadata a ‘threat to national security’ is highly shameful.
— Harsimrat Kaur Badal (@HarsimratBadal_) December 4, 2020
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के अनपढ़ वाले बयान पर हरसिमरत कौर बादल ने ट्वीट कर जवाब दिया। हरसिमरत कौर बादल ने लिखा, “मुझे अनपढ़ कह लीजिए, अगर आपको सही लगता है तो। लेकिन मुझे खुशी है कि आप इतने ‘साक्षर’ होने के बावजूद पद्म भूषण और पद्म विभूषण के बीच अंतर नहीं जानते हैं। कोई बात नहीं! लेकिन हमारे शांतिपूर्वक विरोध करने वाले अन्नदाता को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हैं। ये बेहद शर्मनाक है।”
प्रकाश सिंह बादल के अवार्ड वापसी के बाद कई अवार्डी ने किसानों के प्रति समर्थन जाहिर करने के लिए साहित्य अकादमी अवार्ड लौटाए। शुक्रवार (दिसंबर 4, 2020) को सिरमौर शिरे डॉ. मोहनजीत, डॉ. जसविंदर सिंह और पंजाबी नाटककार स्वराजबीर ने अपने पुरस्कार लौटाए।
केंद्रीय पंजाबी लेखक संघ ने एक आधिकारिक पत्र में कहा, “पहले भी पंजाबी लेखकों के एक समूह ने अकादमी पुरस्कार वापस करके सरकार के इस तरह के रवैये के खिलाफ कड़ा विरोध किया था। आज, जब भारत सरकार किसानों की जायज माँगों को मानने के बजाय, उन्हें कठोर सर्दियों में सड़कों पर आंदोलन करने के लिए मजबूर कर रही है, पंजाबी लेखक सम्मान लौटाकर राष्ट्रीय स्तर पर विरोध कर रहे हैं।”