करोड़ों रुपये के शारदा चिट-फंड घोटाले के सिलसिले में कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार आज लगातार दूसरे दिन पूछताछ के लिए शिलॉन्ग स्थित सीबीआई कार्यालय पहुँचे। कुमार से सीबीआई ने कल आठ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी और टीएमसी के पूर्व सांसद कुणाल घोष को भी पूछताछ के लिए सीबीआई कार्यालय में पेश होने के लिए कहा गया था।
सीबीआई द्वारा कुमार से कई कड़े सवाल पूछे जाने की संभावना है। सीबीआई कुमार को कुणाल घोष जैसे प्रमुख अभियुक्तों के बयानों के साथ मिलान करेगी, जिन्होंने दावा था किया कि पुलिस आयुक्त जाँच के सभी पहलुओं में बहुत सक्रिय थे।
सीबीआई यह भी जानना चाहती है कि मई 2014 तक दर्ज किए गए 75 मामलों में से जब यह मामला सीबीआई को स्थानांतरित किया गया, तो एसआईटी ने केवल शारदा मामले को ही क्यों लिया और बाकी सभी को क्यों छोड़ दिया? क्या ऐसा किसी राजनीतिक नेतृत्व के निर्देश पर किया गया था? सीबीआई के अनुसार एसआईटी की जाँच में गैप है, क्योंकि जाँच से जुड़े महत्वपूर्ण व्यक्तियों को एसआईटी द्वारा कभी बुलाया ही नहीं गया। एजेंसी यह भी पता लगाना चाहती है कि कहीं राजीव कुमार किसी के निर्देशों के तहत तो ऐसा नही कर रहे थे?
सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि घोटाला सामने आने पर राज्य पुलिस पहले शारदा समूह के परिसर में प्रवेश करने वाली थी। इस पर सीबीआई ने आरोप लगाया है कि सबूतों को दबाने के लिए मामले से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों को वहाँ से हटाया गया है।