रेलवे भर्ती घोटाले (Railway Recruitment Scam) में FIR दर्ज करने के बाद CBI ने शुक्रवार (20 मई 2022) को राजद (RJD) प्रमुख लालू यादव (Lalu Yadav), उनके परिवार और करीबी लोगों के 17 ठिकानों पर छापेमारी की और घोटाले से संबंधित दस्तावेज खंगाले। इस मामले लालू यादव रेलमंत्री रहने के दौरान नौकरी देने के बदले अलग-अलग लोगों से कुल 1,05,292 वर्गफीट जमीन उपहार के रूप में रिश्वत ली थी।
इस मामले में सीबीआई ने बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabri Devi), उनकी बेटी मीसा भारती (Misa Bharti), हेमा यादव (Hema Yadav), बेटे तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) सहित कई लोगों से पूछताछ की। इस दौरान राजद कार्यकर्ताओं ने पटना में जमकर हंगामा किया। उन्होंने सीबीआई अधिकारियों के साथ धक्का-मुक्की और महिला अधिकारी को घेरकर उनके साथ बदतमीजी की। महिला अधिकारियों को किसी तरह पुलिस ने भीड़ के चंगुल से बचाया।
रेलवे भर्ती बोर्ड में बिना नोटिफिकेशन निकाले जमीन को लेकर नौकरी देने के मामले में CBI ने लालू यादव के खिलाफ शुक्रवार (20 मई 2022) को ही FIR दर्ज की है। सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, उनकी बेटी मीसा भारती और हेमा यादव सहित 15 लोगों पर केस दर्ज किया है।
प्राथमिकी दर्ज करने के बाद अधिकारियों ने दिल्ली और पटना के 16 ठिकानों पर छापेमारी की। पटना में अधिकारियों ने राबड़ी देवी और तेज प्रताप यादव से अलग-अलग कमरों में पूछताछ की। पूछताछ के लिए 3-3 अफसरों की दो टीमें बनाई गई। दिल्ली में मीसा भारती के आवास पर लालू यादव से CBI के एसपी और डीएसपी स्तर के अफसरों ने पूछताछ की।
चारा घोटाले में जेल की सजा काट कर जमानत पर लौटे लालू यादव सीबीआई को देखकर उनसे डॉक्टर बुलाने की माँग की और कहा कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है। इसके अलावा, पूछताछ के दौरान राबड़ी देवी ने अपने दो वकीलों को भी बुला लिया। राबड़ी देवी से पूछताछ के लिए महिला IPS अफसर भी मौजूद रहीं।
वहीं, गोपालगंज में लालू यादव के करीबी और स्वरेजी हाईस्कूल के शिक्षक देवेंद्र यादव के घर भी सीबीआई की करीब चार घंटे तक छापेमारी चली। इस दौरान अधिकारी आवश्यक कागजात के साथ देवेंद्र यादव को भी अपने साथ ले गए। उनका घर उचकागाँव थाना के इटावा गाँव में है।
क्या है मामला
दरअसल, रेलमंत्री रहने के दौरान लालू यादव ने साल 2004-2009 के दौरान रेलवे के समूह ‘डी’ में नौकरी देने के बदले अपने परिवार और करीबी लोगों के नाम पर जमीनें ली थीं। ये सारी जमीनें पटना में स्थित हैं। ये जमीन लालू यादव के परिवार द्वारा संचालित कंपनी के नाम पर उपहार के तौर पर लिया गया था।
दरअसल, रेलवे में इन नियुक्तियों के लिए कोई विज्ञापन या सार्वजनिक नोटिस नहीं निकाला गया था। इसके बावजूद पटना के जिन लोगों से जमीनें ली गईं उन्हें जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में नियुक्ति दे दी गई।
इस मामले में सीबीआई ने लालू यादव के अलावा उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती, बेटी हेमा यादव, राज कुमार सिंह, मिथिलेश कुन्नार, अजय कुन्नारी, संजय राय, धर्मेंद्र राय, विकास कुमार, पिंटू कुमार, दिलचंद कुमार, प्रेमचंद कुमार, लालचंद कुमार, हृदयानंद चौधरी और अभिषेक कुमार पर एफआईआर दर्ज की है।