राजस्थान की तरह ही छत्तीसगढ़ कॉन्ग्रेस में भी भीतरी लड़ाई चल रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी कैबिनेट में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की बीच पर्दे के पीछे खींचतान चल रही है। ऐसे में कॉन्ग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने सिंहदेव पर आरोप लगाकर सियासत गरमा दी है।
बलरामपुर जिले के रामनुजगंज से विधायक बृहस्पति सिंह ने अपने काफिले पर हमले के लिए सिंहदेव को जिम्मेदार ठहराया है। कॉन्ग्रेस विधायक ने अपनी जान को खतरा बताते हुए आरोप लगाया कि ‘महाराज’ उनकी हत्या करवा सकते हैं। उन्होंने कहा, “अगर मुझे मारकर सिंहदेव मुख्यमंत्री बन सकते हैं तो उन्हें इस पद से नवाजा जाना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि टीएस सिंह सिंहदेव कॉन्ग्रेस के दूसरे विधायकों का अपमान करते ही रहते हैं। वे इस मुद्दे को कॉन्ग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी के सामने उठाएँगे औऱ विधायक दल की बैठक में भी इस बात को रखेंगे। कॉन्ग्रेस विधायक ने कहा, “छत्तीसगढ़ क़ॉन्ग्रेस के प्रभारी पीएल पुनिया, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष से शिकायत कर मामले में कार्रवाई की माँग करूँगा।”
रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार (24 जुलाई 2021) को सरगुजा में विधायक के काफिले को निशाना बनाया गया था। उनकी गाड़ी के शीशे तोड़ दिए गए थे और उनके सुरक्षाकर्मियों के साथ भी मारपीट की गई। पुलिस ने घटना के सिलसिले में तीन को गिरफ्तार भी किया है। एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया, “हमने कुछ लोगों के खिलाफ अत्याचार अधिनियम और अन्य संबंधित धाराओं से संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। हम मामले की जाँच कर रहे हैं।”
काफिले पर हमले के बाद 18 से अधिक विधायक सिंह के रायपुर स्थित आवास पर उनका हालचाल जानने भी पहुँचे थे। इस बीच सिंहदेव ने इसे पार्टी का मसला बताते हुए इसे बातचीत से सुलझाने की बात कही है। उन्होंने कहा, “हम एक साथ काम कर रहे हैं। अगर कोई मुद्दा है तो हम बातचीत के जरिए उसका समाधान करेंगे।” सिंहदेव ने कहा कि मैंने इस मामले में एसपी से कड़ा एक्शन लेने को कहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक विधायक ने कहा, “मैंने मुख्यमंत्री के पक्ष में बयान दिया था इसी कारण यह सब हुआ है। सिंहदेव से जुड़े लोगों ने मेरे आदमियों पर हमला किया। अगर मैं कार में होता तो मुझ पर भी हमला होता। मेरी जान को खतरा है।” अंबिकापुर के सर्किट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए कॉन्ग्रेस नेता ने सीएम भूपेश बघेल की सराहना की औऱ दावा किया कि वो अगले 25 साल तक राज्य के सीएम रहेंगे।