छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार किया। बिलासपुर स्थित घर से उन्हें हिरासत में लिया गया। उन पर चुनाव के दौरान अपने जन्म स्थान को लेकर गलत जानकारी देने का आरोप है।
बिलासपुर के एसपी (ग्रामीण) संजय कुमार ध्रुव ने बताया कि जोगी को अदालत में पेश किया जाएगा। उन पर 2013 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान अपने शपथ पत्र में ग़लत जानकारी देने का आरोप है।
Sanjay Kumar Dhruv, Bilaspur, SP(Rural): He (Amit Jogi) will be produced before a court and as per the orders of the court, action will be taken. He has been accused of giving wrong information in his election affidavit about his birthplace. #Chhattisgarh https://t.co/KsIeqLTnC0 pic.twitter.com/5rAdHfke9Y
— ANI (@ANI) September 3, 2019
अजित जोगी की जनता कॉन्ग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रवक्ता अहमद रिजवी ने कहा कि अमित जोगी की गिरफ़्तारी दंतेवाड़ा उपचुनाव में दबाव बनाने के लिए की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कॉन्ग्रेस सरकार बदले की राजनीति कर रही है। सोमवार को समीरा पैकरा समेत मरवाही के आदिवासियों ने अमित जोगी की गिरफ़्तारी की माँग को लेकर बिलासपुर एसपी ऑफ़िस का घेराव किया था।
दूसरी तरफ, अमित जोगी की गिरफ़्तारी मामले पर क़ॉन्ग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम का कहना है कि कोई अगर ग़लत काम करेगा तो उसकी गिरफ़्तारी होगी ही। क़ानून सबसे लिए एक समान है। अगर उन्होंने (अमित जोगी) ग़लती की है तो उन्हें सार्वजनिक रूप से उसके लिए माफ़ी माँग लेनी चाहिए। मरकाम ने बताया कि अमित जोगी की गिरफ़्तारी भाजपा नेता समीरा पैकरा की शिक़ायत पर हुई है।
ख़बर के अनुसार, 3 फरवरी को मरवाही के पूर्व विधायक अमित जोगी के ख़िलाफ़ गौरेला थाने में धारा-420 के तहत मामला दर्ज किया गया था। ये मामला 2013 में मरवाही विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की प्रत्याशी रहीं समीरा पैकरा ने दर्ज कराया था। दर्ज की गई शिक़ायत के अनुसार जोगी ने शपथ-पत्र में अपना जन्म स्थान ग़लत बताया था। जिस पर गौरेला थाने में अमित जोगी के विरुद्ध धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया। चुनाव हारने के बाद समीरा पैकरा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करके अमित जोगी की जाति एवं जन्मतिथि को चुनौती दी थी।
इस मामले पर हाईकोर्ट ने चार दिन पहले ही फ़ैसला सुनाया था, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि छत्तीसगढ़ विधानसभा का सत्र समाप्त हो चुका है, इसलिए अब इस याचिका को ख़ारिज किया जाता है। इसके बाद समीरा गौरेला थाने पहुँची और उन्होंने इस मामले में शिक़ायत दर्ज कराई।
उन्होंने अपनी शिक़ायत में कहा है कि अमित जोगी ने शपथ-पत्र में अपना जन्म वर्ष 1978 में गाँव सारबहरा गौरेला में होना बताया है, जबकि उनका जन्म 1977 में अमेरिका के डगलस में हुआ था।
हाल ही में, अजित जोगी के आदिवासी के दर्जे के दावे को भी सरकार ने ख़ारिज कर दिया था। जोगी की जाति के मामले की जाँच कर रही हाई-पावर कमिटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। कमिटी ने उन्हें आदिवासी मानने से इनकार कर दिया है।
दरअसल, फ़रवरी 2018 में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के आदेश पर डीडी सिंह की अध्यक्षता में बनी समिति ने 21 अगस्त 2019 को अपनी जाँच रिपोर्ट सरकार के समक्ष रखी। इस रिपोर्ट में कहा गया कि अजित जोगी कोई भी ऐसा प्रमाण नहीं दे सके जिससे वह यह साबित कर सकें कि वह आदिवासी जाति से ताल्लुक रखते हैं।
लिहाज़ा बिलासपुर के कलेक्टर को छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी नियम 2013 के तहत उन पर एक्शन लेने के लिए कहा गया है। अजित जोगी मारवाही से विधायक हैं और अगर इस रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होती है, तो उनकी विधायकी जा सकती है। यह विधानसभा सीट आदिवासी प्रत्याशी के लिए आरक्षित है।