पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है कि पूर्व वित्त मंत्री 74 साल के हैं उनको तिहाड़ जेल न भेजा जाए। उन्होंने कहा कि उनके लिए घर में नजरबंदी ही अच्छी होगी, उनको गिरफ्तारी से छूट दी जाए और जमानत के लिए आवेदन करने दिया जाए। वहीं CBI का कहना है कि इस पर फैसला ट्रायल कोर्ट को करना चाहिए और पी चिदंबरम को किसी भी तरह का संरक्षण न मिले।
“I am begging of you. Please don’t do this. Protect me till you hear this case. He shouldn’t be sent to Tihar,” Sibal requests judges in the #INXMediaCase.#PChidamabaram
— Utkarsh Anand (@utkarsh_aanand) September 2, 2019
कॉन्ग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम मामले में आज बड़ा दिन है। INX मीडिया केस में राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें 2 सितंबर तक सीबीआई हिरासत में भेजा था, जो आज खत्म हो रही है। सोमवार को ही सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई कस्टडी के खिलाफ चिदंबरम द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई होगी। आज पी चिदंबरम को सीबीआई ने कोर्ट में पेश किया।
सुप्रीम कोर्ट ने पी चिदंबरम को अंतरिम जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जाने को कहा है। ट्रायल कोर्ट सीबीआई कस्टडी को भी बढ़ा सकती है। हालाँकि, सीबीआई ने इसका विरोध किया और कहा कि सीबीआई सिर्फ सोमवार तक कस्टडी के लिए राजी हुई थी।
अब सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि अगर अंतरिम याचिका खारिज हो तो कस्टडी तीन दिन के लिए बढ़ जाए। अब इस मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी। ऐसे में इसे चिदंबरम के लिए राहत माना जा रहा है, क्योंकि अगर सीबीआई कस्टडी बढ़ती है तो पी चिदंबरम को तिहाड़ नहीं जाना होगा।
आरोप है कि चिदंबरम ने वित्त मंत्री रहते हुए रिश्वत लेकर आईएनएक्स को 2007 में 305 करोड़ रुपए लेने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से मंजूरी दिलाई थी। जिन कंपनियों को फायदा हुआ, उन्हें चिदंबरम के सांसद बेटे कार्ति चलाते हैं। सीबीआई ने 15 मई 2017 को केस दर्ज किया था। 2018 में ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। एयरसेल-मैक्सिस डील में भी चिदंबरम आरोपी हैं। इसमें सीबीआई ने 2017 में एफआईआर दर्ज की थी।