आंध्र प्रदेश में तेलुगु देशम पार्टी की सरकार आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। टीडीपी का कहना है कि जगन ने विशाखापत्तनम में 500 करोड़ रुपए खर्च कर आलीशान महल बनवाया है और ये महल बना है कि रुशिकोंडा हिल पर।
#WATCH | Andhra Pradesh: Drone visuals of the buildings constructed atop Rushikonda in Visakhapatnam.
— ANI (@ANI) June 20, 2024
Rushikonda Palace controversy erupted when Bheemili MLA Ganta Srinivasa Rao visited the buildings constructed atop Rushikonda by the previous YSRC regime. Terming the buildings… pic.twitter.com/XcjVQ68kAo
आरोप है कि अपना ये 500 करोड़ रुपए का महल खड़ा करने में रेड्डी ने पहाड़ पर लगे आधे से ज्यादा पेड़ों का सफाया कर डाला। गुरुवार (20 जून 2024) को इसकी ड्रोन से बनाई वीडियो और तस्वीर भी खूब वायरल हुई। कुछ लोग अब इन तस्वीरों को 2021 में रुशिकोंडा पहाड़ वाली फोटो से तुलना करके दिखा रहे हैं कि रेड्डी ने अपने महल के लिए प्रकृति के साथ कितना घिनौना खेल खेला है।
Rushikonda mountain destroyed by contastine Jagan Mohan Reddy to build his palace in this pious location which has religious significance for Hindus
— Dubey ji (@dubeyjikahin) June 21, 2024
No Environmentalist, NGO or activist went there to stop destruction of this natural habitat
Hindus as usual are in deep slumber pic.twitter.com/sgxRUz44Ld
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, रुशिकोंडा हिल पर बनाया गया पैलेस का विवाद उस समय शुरू हुआ था जब भीमिली के विधायक गंटा श्रीनिवास राव ने पिछली वाईएसआरसी सरकार द्वारा रुशिकोंडा हिल के ऊपर बनाए गए महलों का दौरा किया था। उन्होंने इन बिल्डिंगों को ‘राज महल’ बताया था। साथ ही टीडीपी नेता ने परियोजना को लेकर चिंता जताई थी।
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— వేగుచుక్క✨ (@vegu_chukka) June 16, 2024
Rushikonda palace pic.twitter.com/G51EhupOdF
रुशिकोंडा पहाड़ की तस्वीरें देखने के बाद लोग जगन मोहन रेड्डी की तुलना दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल से कर रहे हैं। रुशिकोंडा पर बने ‘महल’ की तुलना दिल्ली वाले ‘शीशमहल’ से हो रही है। कहा जा रहा है कि पहाड़ा पूरा पेड़ों से घिरा था तो हरा भरा लगता था लेकिन अपने बड़े बड़े घर बनाने के लिए राजनेताओं ने सब बर्बाद कर दिया। लोग माँग कर रहे हैं कि ग्रीन ट्रिब्यूनल को इस मामले में कार्रवाई करनी चाहिए। कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर महल के भीतर की भी सामने आई हैं। इसमें चमचमाते पत्थर और इंटीरियर दिखाई दे रहा है।