उत्तर प्रदेश की जनता के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सत्ता संभालने के साथ ही कई योजनाएँ शुरू की, जिनका लाभ गरीबों और पिछड़ों को खास कर के मिल रहा है। यहाँ हम आपको योगी सरकार की उन योजनाओं के बारे में बताएँगे, जिन्होंने असर डाला और जिनके कारण 2022 विधानसभा चुनाव में उनकी वापसी की उम्मीदें मजबूत होती जा रही हैं। हर ओपिनियन पोल और सर्वे यही कह रहे हैं कि उनकी वापसी लगभग तय है।
गोपालक योजना: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ‘गोपालक योजना’ लेकर आई, जिसके तहत बेरोजगार लोगों को भोजन के नए अवसर दिए जाते हैं। डेयरी फार्म का रोजगार आय का एक अच्छा साधन हो सकता है। इस योजना के तहत बैंकों द्वारा 5 वर्ष के लिए 40,000 रुपए प्रति वर्ष के हिसाब से लोन दिए जाते हैं। 10-20 गाय रखने वालों को इस योजना का लाभ मिलता है। कम से कम 5 पशु रखने पर ऋण मिलता है। 1 लाख से कम सलाना आय वालों को ये लोन मिलता है। पशु मेले से पशु खरीदे जाते हैं।
मुफ्त टेबलेट–स्मार्टफोन योजना: इस योजना के तहत छात्रों को मुफ्त में टेबलेट और स्मार्टफोन दिए जाते हैं। 49 जिलों में इसके लिए साढ़े 24 लाख छात्र-छात्राओं का पंजीकरण भी करा लिया गया है। 31 जिलों के 38,000 से अधिक युवाओं को इसका लाभ भी मिल चुका है। ये योजना कुछ ही समय पहले लागू की गई है। 1 करोड़ छात्रों को इसका लाभ दिया जाना है।
स्कॉलरशिप योजना: इस योजना के तहत 9वीं से लेकर 12वीं तक के छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप दी जाती है। आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को पढ़ाई के लिए पैसे की तंगी का सामना नहीं करना पड़े, इसीलिए इस योजना को लाया गया है। 2 लाख रुपए प्रतिवर्ष से कम की पारिवारिक आय वाले छात्रों को इसका लाभ दिया जा रहा है। सरकारी वेबसाइट से इसके आवेदन लिए जाते हैं।
शादी अनुदान योजना: गरीब परिवारों को कन्या की शादी के मौके पर 51,000 रुपए का अनुदान दिया जाता है। इस धनराशि को कन्या के विवाह में इस्तेमाल किया जाता है।
मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना: प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बच्चों को अब तक नज़रअंदाज़ किया जाता रहा था, लेकिन योगी सरकार ने उनकी भी चिंता की है। यूपीएससी, यूपीपीएससी, जेईई और नीट जैसी परीक्षाओं के लिए प्रशिक्षण संसाधन इसके तहत मुहैया कराए जाते हैं। इसके लिए एक पोर्टल भी लॉन्च किया गया है।
प्रवासी श्रमिक उद्यमिता विकास योजना: कोरोना काल में हमने देखा कि कैसे श्रमिकों को महाराष्ट्र और दिल्ली से भगा दिया गया। ऐसे में उत्तर प्रदेश वापस आने वाले मजदूरों को यही काम मिले, इसकी योजना शुरू की गई। इससे श्रमिकों को किसी दूसरे राज्य में जाकर मजदूरी नहीं करनी पड़ेगी।
आसान क़िस्त योजना: इसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को किस्तों में बिजली बिल के भुगतान की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। शहरी उपभोक्ताओं को 12 और ग्रामीण उपभोक्ताओं को 34 किस्तों की मोहलत मिलती है। मासिक क़िस्त की न्यूनतम राशि 1500 रुपए रखी गई है।
बीसी सखी योजना: ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को इस योजना के माध्यम से बैंकिंग सेक्टर से जोड़ा जाता है। महिलाओं को रोजगार मिलता है और ग्रामीण क्षेत्र के लोग बैंकों से जुड़ते हैं। डिजिटल उपकरण के लिए महिलाओं को 50,000 रुपए और 4000 रुपए प्रति माह 6 महीने तक किए जाते हैं।
बाल सेवा योजना: कोरोना संक्रमण के कारण जो बच्चे अनाथ हुए, उनके भरण-पोषण की जिम्मेदारी इस योजना के माध्यम से योगी आदित्यनाथ सरकार ने उठाई है। उन बच्चों की पढ़ाई से लेकर विवाह तक के खर्च का प्रावधान किया गया। 4000 रुपए प्रति माह का इसके लिए प्रावधान किया गया है। 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को राजकीय गृह आवास मुहैया कराई जाती है। पात्र उम्र होने के बाद लड़कियों की शादी की व्यवस्था भी की जाती है।
फ्री बोरिंग योजना: लघु एवं सीमान्त किसानों को इसके तहत खेतो की सिंचाई के लिए बोरिंग की सुविधा दी जाती है। हर वर्ग के गरीब किसानों के लिए ये सुविधा उपलब्ध है। बोरिंग के लिए पम्पसेट खरीदना हो तो उसके लिए भी लोन मिलता है।
वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना:75 जिलों में वहाँ के विशेष प्रोडक्ट्स खोज कर उन्हें बढ़ावा देने के लिए इस योजना को लाया गया, जिससे रोजगार भी बढ़ता है। इस योजना के तहत 5 वर्षों में 25 लाख लोगों को रोजगार के प्रावधान हैं। उन प्रोडक्ट्स के लिए कच्चा माल़, डिजाइन, प्रशिक्षण, तकनीक एवं बाजार – सब योगी सरकार उपलब्ध कराई जाती है।
मिशन शक्ति अभियान: इसके तहत महिलाओं/लड़कियों को आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है। कई चरणों में इस योजना को चलाया जा रहा है।
पारिवारिक लाभ योजना: इसके तहत गरीब परिवारों के आय सृजन करने वाले व्यक्ति की अगर मृत्यु हो जाती है तो उस स्थिति में उस परिवार के प्रत्येक सदस्य को 30,000 रुपए की धनराशि दी जाती है। बिना किसी बिचौलिए के सीधे आधार से जुड़े बैंक खाते में ये रकम डाली जाती है।
भाग्य लक्ष्मी योजना: इस योजना को बेटियों के जन्म के शुभ अवसर के लिए लाया गया है। लड़की का जन्म होने पर उसकी 50,000 रुपए माता-पिता को मिलते हैं। माँ को अलग से 5100 रुपए दिए जाते हैं। छठी कक्षा में लड़की जाती है तो 3000 रुपए, 8वीं में 5000 रुपए, 10वीं में 7000 रुपए और 12वीं में 8000 रुपए दिए जाते हैं। 21 वर्ष की उम्र होने पर 2 लाख रुपए की सहायता दी जाती है।
श्रमिक भरण-पोषण योजना: इसके तहत 15 लाख दिहाड़ी मजदूरों और रिक्शा/खोमचे/रेहड़ी/फेरी वाले 20.37 लाख श्रमिकों को प्रति व्यक्ति 1000 रुपए दिए जाने की घोषणा की गई। कोरोना काल में उनकी आय का साधन बन था, इसीलिए ये योजना लाई गई।
युवा स्वरोजगार योजना: बेरोजगार युवाओं को रोजगार शुरू करने के लिए 25 लाख तक रुपए उपलब्ध कराए जाने के लिए योगी सरकार ये योजना लेकर आई है। कम ब्याज दर में लोन पर इन रुपयों की व्यवस्था की गई है। हर क्षेत्र के लिए अलग-अलग राशि का प्रावधान है।
कन्या सुमंगला योजना: बेटी के जन्म से लेकर पढ़ाई तक के पूरे खर्च को उठाने के लिए योगी सरकार ये योजना लेकर आई है। बालिकाओं को इसके तहत 15,000 रुपए की व्यवस्था की गई है। 3 लाख की आय से कम वार्षिक आमदनी वालों को इस योजना का लाभ मिलता है। किस्तों में ये रकम मिलती है।
जन सुनवाई: आप ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अब योगी सरकार से कोई भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना करने वालों को इसके तहत मदद मिलती है। दूसरे राज्यों में फँसे मजदूरों को भी इससे सहायता मिलता है।
बेरोजगारी भत्ता योजना: इस योजना के तहत शिक्षित बेरोजगार युवकों को भत्ता दिया जाता है। 1000 से 1500 रुपए इन्हें उपलब्ध कराए जाते हैं।
इन सबके अलावा राशन कार्ड बनवाने की योजना को योगी सरकार ने ऑनलाइन कर दिया है। संपत्ति एवं विवाह पंजीकरण योजना को भी डिजिटल किया गया है। श्रमिकों का अब पंजीकरण किया जा रहा है, ताकि उन्हें उनके स्किल्स के हिसाब से काम मिले। वृद्धजनों, विकलांगों और विधवाओं को पेंशन दिए जाने की योजना शुरू की गई। वृद्धों को मिलने वाला पेंशन बढ़ाया गया। भूमि का ब्यौरा अब ऑनलाइन देखा जा सकता है। गन्ना किसानों के लिए अलग पोर्टल बना।