Friday, November 22, 2024
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सोनिया-खड़गे कोई नहीं जा रहे अयोध्या… क्योंकि कॉन्ग्रेस के लिए राम मंदिर हिंदुओं का नहीं, RSS/BJP का इवेंट, उनका राजनीतिक प्रोजेक्ट

कॉन्ग्रेस पार्टी ने भगवान राम के भव्य मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को 'राजनीतिक' करार देते हुए इसमें शामिल होने से मना कर दिया है। सांसद जयराम रमेश की ओर से जारी पत्र में कहा गया, "मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गाँधी एवं अधीर रंजन चौधरी बीजेपी और आरएसएस के इस आयोजन के निमंत्रण को ससम्मान अस्वीकार करते हैं।"

इस समय पूरी दुनिया अयोध्या की तरफ देख रही है, जहाँ 22 जनवरी 2024 को रामलला के मंदिर में भव्य प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का आयोजन होना है। इस कार्यक्रम में हजारों गणमान्य लोगों को बुलाया जा रहा है, लेकिन कॉन्ग्रेस पार्टी ने अब इस कार्यक्रम में शामिल होने से ही मना कर दिया है। कॉन्ग्रेस ने एक पत्र जारी कर इस आयोजन को राजनीतिक करार दिया है और कहा कि वो अधूरे मंदिर में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से दूर रहेगी। पार्टी ने साफ कर दिया है कि सोनिया गाँधी, कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे।

हम निमंत्रण को करते हैं अस्वीकार: कॉन्ग्रेस

कॉन्ग्रेस के महासचिव जयराम रमेश द्वारा पत्र जारी कर पार्टी के फैसले की जानकारी दी गई है। पत्र में लिखा गया है, “पिछले महीने, कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कॉन्ग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गाँधी एवं लोकसभा में कॉन्ग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन का निमंत्रण लिया।”

पत्र में आगे लिखा गया है, “भगवान राम की पूरा-अर्चना करोड़ों भारतीय करते हैं। धर्म मनुष्य का व्यक्तिगत विषय होता आया है, लेकिन बीजेपी और आरएसएस ने वर्षों से अयोध्या में राम मंदिर को एक राजनीतिक परियोजना बना दिया है। स्पष्ट है कि एक अर्धनिर्मित मंदिर का उद्घाटन केवल चुनावी लाभ उठाने के लिए किया जा रहा है। 2019 के माननीय सर्वोच्च न्यायायल के निर्णय को स्वीकार करते हुए एवं लोगों की आस्था के सम्मान में मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गाँधी एवं अधीर रंजन चौधरी बीजेपी और आरएसएस के इस आयोजन के निमंत्रण को ससम्मान अस्वीकार करते हैं।”

कॉन्ग्रेस पार्टी द्वारा जारी किया गया पत्र (फोटो साभार : X_INCIndia)

कॉन्ग्रेस पार्टी ने साफ तौर पर भगवान राम के भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह को राजनीतिक कदम करार दे दिया है। खास बात ये है कि इसी कॉन्ग्रेस पार्टी की जब केंद्र में सरकार थी, तब सुप्रीम कोर्ट में शपथ लेकर सरकार ने भगवान राम के अस्तित्व को ही नकार दिया था। अब जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, दुनिया भर के हिंदुओं की इच्छा पूरी हुई, तो एक बार फिर से कॉन्ग्रेस पार्टी ने अपने कदम से साबित कर दिया है कि वो सनातन परंपरा और हिंदुओं से कितनी नफरत करती है।

अखिलेश यादव ने भी किया इनकार

बता दें कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी राम लला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर दिया है। लाइव हिंदुस्तान के मुताबिक, अखिलेश यादव को विहिप के नेता आलोक कुमार निमंत्रण देने गए थे, लेकिन अखिलेश यादव ने ये कहते हुए आमंत्रण पत्र को लेने से मना कर दिया कि वो आलोक कुमार को नहीं जानते। वो किसी ‘ऐरे-गैरे से निमंत्रण नहीं’ लेंगे। उन्होंने कहा कि जब भगवान राम बुलाएँगे, तो वो खुद जाएँगे। इससे पहले अखिलेश ने कहा था कि वो कार्यक्रम में शामिल होने का बुलावा मिलने पर जाएँगे, हालाँकि अब उन्होंने मना कर दिया है।

22 जनवरी को होगी प्राण प्रतिष्ठा

गौरतलब है कि आगामी 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए तैयारियाँ जोरों-शोरों से हो रही हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहेंगे। इनके अतिरिक्त 3000 वीआईपी समेत 7000 लोगों को निमंत्रण भेजे गए हैं। ट्रस्ट का कहना है कि लगभग 15000 लोगों के आने का इंतजाम होगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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