OpIndia is hiring! click to know more
Sunday, April 13, 2025
Homeविविध विषयधर्म और संस्कृतिगर्भगृह में विराजमान होंगे नीलवर्ण के रामलला, इस मूर्तिकार की बनाई प्रतिमा पर एकमत...

गर्भगृह में विराजमान होंगे नीलवर्ण के रामलला, इस मूर्तिकार की बनाई प्रतिमा पर एकमत हुआ ट्रस्ट: मीडिया में रिपोर्ट – कमल के फूल पर विराज होंगे बाल श्रीराम

रामलला की तीन प्रतिमाओं का निर्माण 3 मूर्तिकारों गणेश भट्ट, योगीराज और सत्यनारायण पांडेय ने तीन पत्थरों से किया है। इनमें सत्यनारायण पांडेय की प्रतिमा श्वेत संगमरमर की है।

अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर में नीलवर्ण के रामलला विराजमान होंगे। तीन मूर्तियों में से एक मूर्ति को फाइनल कर लिया गया है। ये मूर्ति कर्नाटक के योगीराज ने बनाई है, जो नीले पत्थर से बनी है। बाकी की एक मूर्ति भी नीले पत्थर की है, लेकिन वो दक्षिण भारतीय शैली में है। वहीं, एक मूर्ति सफेद संगमरमर की बनी है। ऐसे में योगीराज की बनाई मूर्ति पर सभी की सहमति बन गई है। 22 जनवरी को रामलला के मंदिर में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में इसी मूर्ति को प्रतिष्ठित किया जाएगा।

बताया जा रहा है कि 29 दिसंबर को हुई बैठक में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सभी सदस्यों ने अपना मत लिखित रूप से चंपत राय को दे दिया था। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया है कि गर्भगृह में रामलला की 51 इंच लंबी प्रतिमा स्थापित की जाएगी, जिसमें रामलला 5 साल के बाल स्वरूप में होंगे। प्रतिमा में रामलला को खड़े हुए दिखाया गया है। प्रतिमा ऐसी है जो राजा का पुत्र और विष्णु का अवतार लगे। गर्भगृह में रामलला कमल के फूल पर विराजमान होंगे। कमल के फूल के साथ उनकी लंबाई करीब 8 फुट होगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रामलला की तीन प्रतिमाओं का निर्माण 3 मूर्तिकारों गणेश भट्ट, योगीराज और सत्यनारायण पांडेय ने तीन पत्थरों से किया है। इनमें सत्यनारायण पांडेय की प्रतिमा श्वेत संगमरमर की है। जबकि शेष दोनों प्रतिमाएँ कर्नाटक के नीले पत्थर की हैं। इनमें गणेश भट्ट की प्रतिमा दक्षिण भारत की शैली में बनी थी। इस कारण अरुण योगीराज की प्रतिमा का चयन किया गया है।

रामलला की तीनों मूर्तियों को नवनिर्मित मंदिर में ही स्‍थापित किया जाएगा। एक मूर्ति गर्भगृह में स्थापित की जाएगी। दूसरी पहले तल पर राम दरबार में लगेगी। तीसरी मूर्ति को द्वितीय तल पर स्थापित किया जाएगा। पहली मूर्ति का चुनाव हो गया है, बाकी की दोनों मूर्तियों को कहाँ स्थापित किया जाएगा, इसका निर्णय बाद में किया जाएगा। तीनों मूर्तियों के लिए वस्‍त्र, जेवर और मुकुट का निर्माण हो रहा है। रामलला को गर्भगृह में जिस आसन पर विराजमान करवाना है, वह भी तैयार है।

गौरतलब है कि अयोध्या के श्रीराम मंदिर में 22 जनवरी, 2024 को रामलला का प्राण-प्रतिष्ठा होगा। इसके लिए तैयारियाँ जोरों-शोरों से हो रही हैं। इस अवसर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहेंगे। इनके अतिरिक्त 3000 वीआईपी समेत 7000 निमंत्रण भेजे गए हैं। इनमें कारसेवकों का परिवार भी हैं जिन्होंने राम मंदिर के लिए अपनी जान गवा दी। ट्रस्ट का कहना है कि आयोजन में 10 हजार से 15000 लोगों के आने का इंतजाम होगा।

OpIndia is hiring! click to know more
Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

देवी-देवताओं की मूर्तियाँ गढ़ते थे हरगोविंद दास और उनके बेटे चंदन, काट डाला: BJP ने शेयर किया Video, मुर्शिदाबाद में मुस्लिम भीड़ का खून-खराबा

मुर्शिदाबाद हिंसा में हिंदुओं को खास तौर पर निशाना बनाया गया। उनके घर, दुकानें, गाड़ियाँ और यहाँ तक कि मंदिर भी नहीं बख्शे गए।

क्या पश्चिम बंगाल में नहीं लागू होगा वक्फ कानून, जानिए क्या कहता है संविधान: ममता बनर्जी को भाजपा क्यों बता रही ‘झूठा’

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐलान किया है कि वह राज्य में नए वक्फ कानून को लागू नहीं करेंगी।
- विज्ञापन -