पंजाब में प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मामले पर एक स्टिंग ऑपरेशन के बाद पंजाब पुलिस की कार्यशैली और चन्नी सरकार पर कई सवाल उठ रहे हैं। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जहाँ सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व जस्टिस इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता में पाँच सदस्यीय पीठ का गठन किया है। वहीं हिमंता बिस्वा सरमा, योगी आदित्यनाथ, शिवराज सिंह चौहान सहित भाजपा शासित 6 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कॉन्ग्रेस और चन्नी सरकार पर पीएम मोदी की हत्या के उद्देश्य से एक पूर्वनियोजित साजिश का आरोप लगाया है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कॉन्ग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए गुवाहाटी में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया से बातचीत में कहा कि पंजाब में 5 जनवरी, 2022 को पीएम मोदी की सुरक्षा में जो चूक हुई, उसमें ना सिर्फ पंजाब सरकार शामिल थी, बल्कि कॉन्ग्रेस हाईकमान का भी हाथ था। सरमा ने एक स्टिंग ऑपरेशन का हवाला देते हुए कहा कि अभी तक जो सबूत मिले हैं वो ये स्पष्ट करते हैं कि कॉन्ग्रेस आलाकमान और पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मारने की साजिश रची थी। हिमंत बिस्वा सरमा ने इस दौरान कहा कि इस साजिश के लिए न सिर्फ पंजाब के मुख्यमंत्री को माफी माँगनी चाहिए और बल्कि उनको गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
उनका साफ कहना है, “…सबूत स्पष्ट करते हैं कि कॉन्ग्रेस आलाकमान और पंजाब के सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मारने की साजिश रची।”
#WATCH | “…Evidences makes it clear that Congress high command and Punjab CM conspired to kill Prime Minister Narendra Modi…”: Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma said during a presser in Guwahati (12.01) pic.twitter.com/hI336Bz0At
— ANI (@ANI) January 12, 2022
असम के CM हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “SHO बीरबल सिंह ने उस स्टिंग में साफ कहा है कि उनको उस वक्त (प्रधानमंत्री सुरक्षा चूक के समय) कार्यवाही करने की कोई अधिकृत ज़िम्मेदारी नहीं दी गई थी। उन्होंन यह भी बताया कि जो लोग प्रदर्शन कर रहे थे वह किसान नहीं बल्की खालिस्तानी समर्थक थे।”
SHO बीरबल सिंह ने उस स्टिंग में साफ कहा है कि उनको उस वक्त (प्रधानमंत्री सुरक्षा चूक के समय) कार्यवाही करने की कोई अधिकृत ज़िम्मेदारी नहीं दी गई थी। उन्होंन यह भी बताया कि जो लोग प्रदर्शन कर रहे थे वह किसान नहीं बल्की खालिस्तानी समर्थक थे: असम के CM हिमंत बिस्वा सरमा, गुवाहाटी pic.twitter.com/QfyOfenV9q
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 12, 2022
आपको बता दें कि इंडिया टुडे के जिस स्टिंग का हिमंत बिस्वा सरमा हवाला दे रहे थे उसमें दावा किया गया है कि पंजाब पुलिस के पास 2 जनवरी, 2022 को ही प्रधानमंत्री की हत्या के प्रयास के बारे में खुफिया रिपोर्ट थी। CM सरमा ने स्टिंग ऑपरेशन का हवाला देते हुए यह भी कहा कि 5 जनवरी की घटना के बाद कॉन्ग्रेस नेताओं द्वारा दिए गए बयान ये संकेत देते हैं कि वे सभी इस ‘साजिश’ के बारे में जानते थे।
इसी स्टिंग ऑपरेशन का हवाला देते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में कहा कि पंजाब दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा के साथ खूनी साजिश रची गई थी। पीएम की सुरक्षा से खिलवाड़ किया गया। यह एक पूर्व नियोजित साजिश थी। CM योगी ने कहा कि डीजीपी, सीएस और सीएम का वहाँ न होना ब्लू बुक का उल्लंघन है। इससे पंजाब सरकार बच नहीं सकती। सुरक्षा की वो खिल्ली उड़ाते हुए नजर आए। देश की संवैधानिक सुरक्षा और राष्ट्र की सुरक्षा के साथ कॉन्ग्रेस पार्टी खिलवाड़ कर रही है। कॉन्ग्रेस नेताओं ने गैरजिम्मेदाराना बयान भी दिया जिसके लिए पूरे देश से माफी माँगनी चाहिए।
पंजाब दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक एक साजिश थी। पंजाब सरकार ने प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया। वहां ड्रोन या किसी भी तरह का हमला हो सकता था लेकिन पंजाब सरकार ने इस सब को नजरअंदाज किया। कांग्रेस को देश से माफी मांगनी चाहिए: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ pic.twitter.com/5JHfgzgFJp
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 12, 2022
सीएम योगी ने कहा कि देश के प्रमुख व्यक्ति के साथ सुरक्षा नियमों का पालन पंजाब सरकार ने नहीं किया। ये प्रायोजित था। पीएम के आगमन पर सीएम, सीएस और डीजीपी स्वयं नहीं आए, जबकि अगवानी का नियम है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि वीवीआईपी मूवमेंट के पहले इंटेलिजेंस के इनपुट आते हैं। जिसमें पूरे मूवमेंट को शासन को उपलब्ध कराया जाता है। खालिस्तानियों के बयान जिस तरह से आ रहे थे और इनपुट में भी पहले से था। योगी ने कहा कि वैकल्पिक रूट की अनदेखी की गई। फ्लीट को रोका गया जहाँ ड्रोन हमले या सुरक्षा से समझौता हो सकता था।
वहीं मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “पीएम मोदी की सुरक्षा में सेंध- अब यह स्पष्ट है कि यह स्वतःस्फूर्त नहीं था बल्कि एक पूर्वनियोजित साजिश थी और एसएचओ और डीएसपी सीआईडी ने इसके बारे में पूर्व सूचना दी लेकिन उच्च अधिकारियों ने इसे नजरअंदाज कर दिया। मैं सोनिया गाँधी से पूछना चाहता हूँ कि पीएम के साथ सीएम, डीजीपी क्यों नहीं थे।”
PM Modi security breach | Now it’s clear that it was not spontaneous but a sponsored plan & SHO and DSP CID gave prior information about it but higher officials ignored it. I want to ask Sonia Gandhi why CM, DGP was not there with PM: Madhya Pradesh CM Shivraj Singh Chouhan pic.twitter.com/zVJIThrIzc
— ANI (@ANI) January 12, 2022
अगरतला में, मुख्यमंत्री बिप्लव देब ने आरोप लगाया कि सुरक्षा उल्लंघन “पूर्व नियोजित और पीएम के जीवन को खतरे में डालने के लिए एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा था।” उन्होंने आरोप लगाया, “भारत विरोधी भावनाओं को बढ़ावा देने वाले खालिस्तानी संगठन सुरक्षा उल्लंघन में शामिल थे और जिस तरह से कॉन्ग्रेस नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है, उससे स्पष्ट होता है कि कॉन्ग्रेस आलाकमान ने पूरी घटना को प्रायोजित किया।”
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी “लापरवाही” और “बड़े पैमाने पर साजिश” का आरोप लगाया। उन्होंने अपने बयान में कहा, “यह कहा जा सकता है कि यह सिर्फ एक गलती नहीं थी बल्कि एक बड़ी साजिश थी। उन्होंने जिस तरह से प्रधानमंत्री को नुकसान पहुँचाने की कोशिश की, वह स्वतःस्फूर्त नहीं था, बल्कि एक पूर्व नियोजित, प्रायोजित साजिश थी। कॉन्ग्रेस आलाकमान को जवाबदेह होना होगा।”
हरियाणा में, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी कॉन्ग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “स्टिंग ऑपरेशन से पता चला है कि संभावित व्यवधानों पर खुफिया इनपुट के बावजूद, वैकल्पिक व्यवस्था करने के बजाय किसान नेताओं को मार्ग कैसे अवरुद्ध करें पर स्पष्ट निर्देश दिए गए थे। यह पंजाब सरकार की ओर से बेहद शर्मनाक है। जिस तरह से प्रधानमंत्री के जीवन को खतरे में डाला गया वह बेहद निंदनीय है।”
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पीएम मोदी के पंजाब दौरे के दौरान सुरक्षा में चूक पर फिर से कॉन्ग्रेस को घेरा है। एक टीवी चैनल के पीएम की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे पर स्टिंग ऑपरेशन के सामने आने के बाद स्मृति ईरानी ने कहा, “अब पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक का सच सबके सामने आ गया है।” उन्होंने पंजाब के सीएम चन्नी पर निशाना साधते हुए सवाल उठाया कि उन्होंने प्रियंका गाँधी को पीएम की सुरक्षा चूक की जानकारी क्यों दी। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि पीएम की सुरक्षा मामले में प्रियंका गाँधी को जानकारी देना गलत है। वह एक प्राइवेट व्यक्ति हैं।
भारतीय जनता पार्टी की तरफ से बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसी ‘स्टिंग’ का हवाला देते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सवाल किया, “पंजाब में कॉन्ग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार की सक्रिय मिलीभगत से सुरक्षा उपायों का जानबूझकर उल्लंघन क्यों किया गया? कॉन्ग्रेस में किसने उल्लंघन का लाभ उठाने की कोशिश की?” उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब के पुलिसकर्मियों द्वारा सूचना दिए जाने के बावजूद प्रदेश की कॉन्ग्रेस सरकार ने जानबूझकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा को नजरअंदाज किया। साथ ही यह सवाल भी उठाया कि इस सुरक्षा चूक से कॉन्ग्रेस में किसने लाभ उठाने की कोशिश की।
ये दुर्भाग्य की बात है कि कांग्रेस के नेता इस गंभीर परिस्थिति को किसी न किसी हास्यासपद तरीके से छोटा करने का प्रयास कर रहे हैं: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 12, 2022
उन्होंने मीडिया को बताया, इस ‘स्टिंग’ में पंजाब पुलिस के कुछ अधिकारियों को यह कहते सुना जा सकता है कि उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित कर दिया था कि प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री के काफिले के मार्ग को अवरुद्ध कर रखा है, लेकिन कथित तौर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। स्मृति ईरानी ने कहा कि कॉन्ग्रेस ने पीएम को जानबूझकर असुरक्षित रखा।
गौरतलब है कि 5 जनवरी, 2022 को बठिंडा के हुसैनीवाला में स्वतंत्रता के बलिदानियों को श्रद्धांजलि देने जा रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले को रोकने के लिए किसान प्रदर्शनकारियों द्वारा फ्लाईओवर जाम कर दिया गया, जिस कारण उन्हें 20 मिनट तक वहाँ फँसे रहने के बाद वापस दिल्ली लौटना पड़ा। इस मामले में पंजाब पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठे, जो प्रदर्शनकारियों के साथ चाय की चुस्की लेते हुए दिखी। और पंजाब की चन्नी सरकार बयान बदलती रही। मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुँचा और जाँच के लिए कमिटी बनी। इस पूरे मामले में गृह मंत्रालय ने इसे पीएम मोदी की सुरक्षा में गंभीर चूक मानते हुए पंजाब सरकार से विस्तृत रिपोर्ट माँगी है। बता दें कि फिरोजपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 42,750 करोड़ के विकास कार्यों के शिलान्यास के लिए पहुँचने वाले थे।
इस मामले में ‘इंडिया टुडे’ ने अपनी ‘ऑन ग्राउंड इन्वेस्टीगेशन‘ के आधार पर खुलासा किया है कि पंजाब पुलिस ने जानबूझ कर कार्रवाई नहीं की और उसे सब पहले से पता था। इस ‘स्टिंग ऑपरेशन’ में सबसे पहले ‘इंडिया टुडे’ के पत्रकार ने फिरोजपुर के एसपी सुखदेव सिंह से मुलाकात की। PM मोदी की उस दिन फिरोजपुर में ही रैली थी, जिसे रद्द करना पड़ा था। इसमें उनसे पूछा गया कि आखिर राज्य की ख़ुफ़िया व्यवस्था इस प्रकरण में विफल कैसे हो गई?
Big expose on PM @NarendraModi ji’s security breach by Punjab Police.
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) January 11, 2022
Ahead of PM Modi’s visit, Punjab Police knew about protesting farmers but didn’t act.
📖 https://t.co/lXzerJRu5M pic.twitter.com/rIG8EeTYVw
इस पर उन्होंने बताया कि एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस को 2 जनवरी को ही इस सम्बन्ध में एक पत्र भेज कर सुझाव दिया गया था कि कुछ महत्वपूर्ण स्थानों पर ट्रैफिक रोका जाए और भाजपा कार्यकर्ताओं को पीएम मोदी की रैली तक पहुँचने से रोका जाए। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों को कई बार रिपोर्ट भेज कर आगाह किया गया कि प्रदर्शनकारी रैली के पंडाल में घुस सकते हैं और पुलिस द्वारा रोके जाने पर सड़क पर ही धरना देकर जाम लगा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि ‘बलदेव सिंह जीरा ग्रुप (भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी)’ ने पहले ही भीड़ जुटाने की साजिश रची थी। उन्होंने आगे मार्च किया और सड़क जाम कर दिया। इसके बाद फिर से पुलिस को सूचित किया गया। उन्होंने बताया कि 2, 3, 4 जनवरी को ADG (सिक्योरिटी) नागेश्वर राव आए भी थे, जिन्हें ब्लॉकेड के सम्बन्ध में आगाह करते हुए पत्र दिया गया। बता दें कि पीएम मोदी पहले हैलीकॉप्टर से फिरोजपुर जाने वाले थे, लेकिन मौसम खराब रहने के कारण उन्हें गाड़ी से यात्रा की योजना बनानी पड़ी। इस स्टिंग के सामने आने के बाद से ही कॉन्ग्रेस और पंजाब की चन्नी सरकार बुरी तरह से घिर गई है।