कॉन्ग्रेस द्वारा लोकसभा चुनाव के लिए गलत प्रत्याशियों का चयन, पार्टी की गंभीरता पर लगातार सवाल उठा रहा है। बीते कुछ दिनों पहले दूसरी पार्टी की प्रत्याक्षी घोषित हो चुकीं तनुश्री को टिकट देकर कॉन्ग्रेस की सोशल मीडिया पर खूब हँसी उड़ी थी। और अब मणिपुर में अपने उम्मीदवार को लेकर पार्टी को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है।
दरअसल, आउटर मणिपुर से कॉन्ग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के जेम्स पर पंजाब नेशनल बैंक ने आरोप लगाया है कि उनपर बैंक के ₹100 करोड़ बकाया है, जिन्हें लौटाने में वो अब तक असफल रहे हैं। बैंक ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर इसकी शिकायत की है। बैंक के अनुसार साल 2017 में जेम्स ने नॉर्थइस्ट रीजन फिन सर्विसेज लिमिटेड नाम की एक फर्म के निदेशक और निजी गारंटर के तौर पर ₹100 करोड़ उधार लिए थे।
बैक की शिकायत है कि जेम्स ने बिना बैंक को बताए ही फर्म से इस्तीफ़ा दे दिया, जो कि नियमों के उल्लंघन में आता है। बैंक का आरोप है कि जेम्स ने अपने पद से इसलिए इस्तीफ़ा दिया है क्योंकि वह कर्ज़ लेने की बात को छिपाना चाहते थे।
चुनाव आयोग को पत्र लिखते हुए बैंक ने जेम्स के चुनाव न लड़ने पर प्रतिबंध लगाने की माँग की है। साथ ही बैंक जेम्स को जान-बूझकर कर्ज न चुकाने वाले ‘डिफॉल्टर’ की सूची में भी डालने वाला है। बैंक का कहना है कि कर्ज़ न चुकाने से उनका अकॉउंट एनपीए में बदल गया है। लेकिन उसके तीन साल बाद भी कर्ज नहीं चुकाया जा सका।
बैंक द्वारा दी जानकारी के अनुसार अब जेम्स पर कुल ₹116 करोड़ बकाया है। बैंक की इस शिकायत पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने एक्शन लेते हुए आउटर मणिपुर के लोकसभा क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी को मामले में लगे आरोपों पर जाँच करने को कहा है। बता दें कि जेम्स का पहले राजनैतिक बैकग्राउंड नहीं रहा है। वो फाइनेंस सर्विसेज के पूर्व अधिकारी रह चुके हैं।