जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 के मुख्य प्रावधानों को हटाए जाने के बाद विशेष राज्य का दर्जा समाप्त हो गया है। मोदी सरकार के इस ऐतिहासिक फ़ैसले से घाटी के नेताओं में खलबली मची हुई है। देश भर में इस मुद्दे पर सियासत गर्मा गई है, इसी बीच कॉन्ग्रेस के गुलाम नबी आज़ाद ने एक बार फिर से अपना पुराना राग अलापा है।
गुलाम नबी ने कहा, “मैं सरकार से माँग करता हूँ कि उनके द्वारा लिया गया ग़लत निर्णय वापस लिया जाए। ये एक बार फिर सिद्ध हो गया है क्योंकि इससे राज्य में कोई भी ख़ुश नहीं है। ऐसा निर्णय वापस लिया जाना चाहिए। राजनेताओं को छोड़ा जाना चाहिए और सामान्य हालात बनाए जाना चाहिए।”
Ghulam Nabi Azad, Congress: I demand from the govt that the wrong decision (#Article370Scrapped) taken by them, which has also been proved wrong as nobody in the state is happy, such a decision should be reversed. Political leaders should be released & normalcy must be restored. pic.twitter.com/GD2Cvio5V9
— ANI (@ANI) August 19, 2019
ग़ौरतलब है कि गृह मंत्री अमित शाह ने 5 अगस्त को राज्यसभा में संकल्प पत्र पेश करने के साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिए जाने संबंधी विधेयक पेश किया था। इसके पारित होने और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद ये क़ानून बन गया, तभी इस मुद्दे पर राजनीतिक गलियारे में उथल-पुथल मची हुई है।
जम्मू-कश्मीर में स्थिति को क़ाबू में रखने के लिए केंद्र सरकार ने भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती कर रखी है। घाटी में माहौल ख़राब करने की आशंका के चलते कई नेताओं को नज़रबंद भी किया गया है। हालाँकि, जम्मू-कश्मीर में अब धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं।
बता दें कि अनुच्छेद-370 को लेकर कॉन्ग्रेस में दो धड़े बँट गए हैं। एक धड़ा जहाँ सरकार के समर्थन में खड़ा है, वहीं दूसरी धड़ा इसके विरोध में है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व महासचिव जनार्दन द्विवेदी, मिलिंद देवड़ा और कॉन्ग्रेस विधायक अदिति सिंह ने अनुच्छेद-370 हटाने के सरकार के फ़ैसले का समर्थन किया है।