Saturday, December 21, 2024
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अधीर रंजन ने संसद सत्र के पहले ही दिन दिया विवादित: कॉन्ग्रेस की हुई फजीहत

संसद के शून्यकाल में बोलते हुए चौधरी ने कहा "हमारे कई नेताओं और सांसदों को कश्मीर नहीं जाने दिया गया। राहुल गाँधी को भी वहाँ जाने से रोक दिया गया। वहाँ मजदूर मर रहे हैं, आर्मी वाले मर रहे हैं।"

संसद में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने संसद के शीतसत्र शुरू होते ही अपने बयान से एक बार फिर सबको आलोचना का मौका दे दिया है। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 के दौरान बयान देकर अपनी किरकिरी करवाने वाले नेता विपक्ष अधीर रंजन ने ऐसा पहली बार नहीं किया है।

कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद राज्य की स्थिति का जायजा लेने पहुँचे यूरोपीय यूनियन के सदस्यों के दौरे पर टिप्पणी करते हुए कॉन्ग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने उन्हें “किराए का टट्टू” कहा है। कई सांसदों ने अधीर रंजन के इस बयान का विरोध किया। वहीं लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी अधीर रंजन के इस बयान को जाँचने की बात कही, उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो इसे लोकसभा कार्रवाई के रिकॉर्ड से हटा दिया जाएगा।

भारतीय सांसदों को कश्मीर जाने से रोकने और विदेश से आए ईयू के दल को कश्मीर भेजने पर आपत्ति जताते हुए अधीर रंजन ने लोकसभा में भारत सरकार पर निशाना साधा। संसद के शून्यकाल में बोलते हुए चौधरी ने कहा “हमारे कई नेताओं और सांसदों को कश्मीर नहीं जाने दिया गया। राहुल गाँधी को भी वहाँ जाने से रोक दिया गया। वहाँ मजदूर मर रहे हैं, आर्मी वाले मर रहे हैं।”

इस दौरान अधीर रंजन ने फारूख अब्दुल्ला के संसद में न उपस्थित होने के लिए सरकार को ज़िम्मेदार ठहराते हुए इसे क्रूरता बताया। बता दें कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद वहाँ की परिस्थितियों का जायजा लेने के लिए यूरोपियन यूनियन का एक 28 सदस्यीय दल भारत पहुँचा था। अपनी यात्रा के दौरान इस दल ने राज्यपाल से लेकर जम्मू-कश्मीर प्रशासन और सिविल सोसाइटी के लोगों से भी बातचीत की थी।

हालाँकि, ईयू दल के इस दौरे का कई नेताओं ने विरोध किया था। विरोध करने वाले नेताओं में सबसे पहला और सबसे प्रमुख नाम AIMIM के नेता और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी का था। ओवैसी ने तो ईयू सांसदों को नाज़ी प्रेमी तक कह दिया था। ओवैसी के इस बयान के पलटवार में दल के सदस्यों ने कहा था कि “हम नाज़ीप्रेमी नहीं हैं, अगर हम ऐसे होते तो हम निर्वाचित नहीं होते। हम नाजी प्रेमी कहे जाने से बहुत नाराज हैं।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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