Saturday, December 21, 2024
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एके एंटनी के बेटे अनिल का कॉन्ग्रेस से इस्तीफा, बताया ट्वीट हटाने का था दबाव: BBC की प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री का किया था विरोध

"मैंने कॉन्ग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। मुझे मेरा ट्वीट हटाने के लिए कहा गया था। जो लोग अभिव्यक्ति की आजादी की बात करते हैं, वहीं लोग मुझ पर दबाव दे रहे थे। जो प्रेम का प्रचार करने वाले थे, वहीं मेरे खिलाफ नफरत-अपशब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसे ही पाखंड कहते हैं।"

अनिल एंटनी (Anil Antony) ने बुधवार (25 जनवरी 2023) को कॉन्ग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। वे वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री एके एंटनी (AK Antony) के बेटे हैं। उन्होंने बीबीसी की प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री का विरोध किया था। कहा था कि इससे देश की संप्रभुता कमजोर होगी। इस्तीफा देते हुए बताया है कि उन पर यह ट्वीट हटाने का दबाव दिया जा रहा था।

अनिल एंटनी ने इस्तीफा देते हुए ट्वीट कर कहा है, “मैंने कॉन्ग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। मुझे मेरा ट्वीट हटाने के लिए कहा गया था, लेकिन मैंने मना कर दिया। जो लोग अभिव्यक्ति की आजादी की बात करते हैं, वहीं लोग मुझ पर ट्वीट हटाने का दबाव दे रहे थे। जो लोग प्रेम का प्रचार करने वाले थे, वहीं फेसबुक पर अब मेरे खिलाफ नफरत-अपशब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसे ही पाखंड कहते हैं। जिंदगी चलती रहती है।” अनिल ने इसके साथ ही अपना इस्तीफा भी शेयर किया है ।

उन्होंने अपने इस्तीफे में कहा है, “कल (24 जनवरी 2023) जो भी हुआ मुझे यह महसूस हो रहा है कि यह कॉन्ग्रेस पार्टी में मेरी सभी भूमिकाओं को छोड़ने का समय है। मेरा मानना है कि मेरे पास कुछ विशेष शक्ति है, जिस वजह से मुझे पार्टी के लिए योगदान देने का मौका मिला। लेकिन अब मुझे कॉन्ग्रेस नेतृत्व के करीबी लोगों से यह मालूम पड़ चुका है कि वे सिर्फ चाटुकारों और चमचों के साथ काम करना चाहते हैं, जो बिना सवाल के उनकी माँगों को पूरा करें।”

अनिल एंटनी ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा था, “मुझे लगता है की भाजपा से एक बड़े मतभेद के बावजूद, जो लोग ब्रिटिश सरकार प्रायोजित चैनल BBC और इराक युद्ध के पीछे दिमाग वाले व्यक्ति जैक स्ट्रा जैसे लोगों के विचारों को आगे रखते हैं, वह भारतीय संस्थानों के लिए खतरनाक मिसाल कायम कर रहे हैं। इससे हमारी संप्रभुता कमजोर होगी।” उल्लेखनीय है कि जैक स्ट्रॉ ब्रिटेन के पूर्व विदेश सचिव थे और माना जाता है कि इराक युद्ध के पीछे इन्हीं का दिमाग था।

दरअसल, इस डॉक्यूमेंट्री में BBC ने गुजरात दंगों का दोष वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर डालने की कोशिश की है। यही नहीं, उनकी छवि इस्लाम विरोधी भी दिखाने की कोशिश की है। दो पार्ट में बनाई गई BBC की इस सीरीज में प्रधानमंत्री मोदी और भारत के मुस्लिमों के बीच तनाव की बात कही गई है। बीबीसी ने मोदी सरकार के देश के मुस्लिमों के प्रति रवैए, कथित विवादित नीतियाँ, कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने और नागरिकता कानून को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं।

BBC की डॉक्यूमेंट्री पर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। सरकार के आदेश के बाद ट्विटर और यूट्यूब से डॉक्यूमेंट्री से संबंधित लिंक हटाए जा रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूट्यूब वीडियो के लिंक वाले 50 से ज्यादा ट्वीट्स को ब्लॉक किया गया है। आईटी नियम, 2021 के तहत इमरजेंसी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए सरकार ने यह कार्रवाई की है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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