मैसूर के क्रूर शासक टीपू सुल्तान के नाम पर मुंबई के मलाड में एक स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स के नामकरण पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। भारतीय जनता पार्टी ने इस पर आपत्ति जताई। इस विवाद पर बुधवार (26 जनवरी 2022) को महाराष्ट्र के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे की प्रतिक्रिया सामने आई। उनका कहना है कि इस जगह का नाम अभी फाइनल नहीं हुआ है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र की ‘महा विकास अघाड़ी (MVA)’ सरकार में कॉन्ग्रेस कोटे से मंत्री असलम शेख द्वारा इस स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किए जाने के बाद उनकी यह प्रतिक्रिया सामने आई है।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ने कहा है, “परियोजनाओं के आधिकारिक नामों को अंतिम रूप देना बीएमसी के दायरे में आता है। महापौर ने कहा है कि उस पार्क के आधिकारिक नाम को लेकर अभी तक अंतिम फैसला नहीं हुआ है।” आदित्य ठाकरे का यह दावा असलम शेख के दावों के बिल्कुल विपरीत है। मंत्री असलम शेख ने कहा था कि पिछले 70 वर्षों से टीपू सुल्तान के नाम को लेकर कोई विवाद नहीं था, लेकिन अब भाजपा ने अपने ‘गुंडों’ को भेज कर देश को ‘बदनाम करने’ का काम किया है।
#WATCH | Finalizing official names of projects comes under the purview of BMC & the mayor has said that official name of that park has not been finalized yet: Maharashtra Minister Aditya Thackeray on Congress leader Aslam Shaikh inaugurating the project named after Tipu Sultan pic.twitter.com/ZMNMgqn8Ie
— ANI (@ANI) January 26, 2022
एक कार्यक्रम में, शेख ने कहा था, “इस पार्क का नाम पिछले 15 वर्षों से (टीपू सुल्तान के नाम पर) है। लेकिन अब तक किसी ने भी इस पर आपत्ति नहीं की है। विपक्ष के नेता ने परिसर का नाम टीपू सुल्तान के नाम पर रखने पर आपत्ति जताई है। मेरा सवाल है, क्या वह अपनी पार्टी के विधायक और पार्षद, जिन्होंने सबसे पहले यह प्रस्ताव रखा था, इस्तीफा देने के लिए कहेंगे?” उन्होंने कहा, “मौजूदा बगीचे के नवीनीकरण के हिस्से के रूप में, टेनिस और बैडमिंटन कोर्ट बनाए गए हैं और वे सभी धर्म या जाति के लिए खुले हैं।”
विरोध में भाजपा, विहिप, बजरंग दल का प्रदर्शन
बीजेपी, बजरंग दल और अन्य संगठन टीपू के नाम पर एक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के नामकरण का विरोध कर रहे हैं। टीपू सुल्तान भारत के सबसे क्रूर इस्लामी शासकों में से एक माना जाता है। उसके आदेश पर हिंदुओं का जबरन धर्म परिवर्तन, बलात्कार और अपहरण की कई घटनाएँ रिकॉर्ड में हैं। उसके शासनकाल में कई मंदिरों को ध्वस्त किए जाने का उल्लेख है। यहाँ तक कि शिवसेना के सदस्यों ने भी खेल परिसर के नामकरण का विरोध किया है। मंगलवार को शिवसेना कार्यकर्ताओं ने खेल परिसर के बाहर धरना दिया और पार्क के नामकरण पर नाराजगी जताई।