प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से काॅन्ग्रेस और उसके नेता मणिशंकर अय्यर की घृणा जगजाहिर है। अब अय्यर ने यही घृणा पाकिस्तान की जमीन से भी दिखाई है। पाकिस्तानियों को भारत की सबसे बड़ी संपत्ति बताते हुए कहा है कि मोदी सरकार में मेज पर बैठकर बात करने का साहस नहीं है। उन्होंने बीते 10 साल में पाकिस्तान के साथ बातचीत नहीं होने को सबसे बड़ी गलती भी बताया है।
डाॅन की रिपोर्ट के अनुसार लाहौर के अलहमरा में फैज फेस्टिवल के दौरान एक सत्र को संबोधित करते हुए मणिशंकर अय्यर ने यह बात कही। इस दौरान मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए अय्यर ने कहा, “मैं पाकिस्तान के लोगों से कहना चाहता हूँ कि वे याद रखें कि मोदी को कभी भी एक तिहाई से ज्यादा वोट नहीं मिले हैं। लेकिन हमारी भारत प्रणाली ऐसी है कि एक तिहाई वोट पाकर भी उनके पास दो तिहाई सीटें है। पर दो तिहाई भारतीय आपके पाकिस्तानी साथ आने को तैयार हैं।”
अपने मित्र सतिंदर कुमार लांभा की किताब का हवाला देते हुए अय्यर ने कहा कि काॅन्ग्रेस और बीजेपी सरकारों में इस्लामाबाद में तैनात रहे 5 भारतीय उच्चायुक्तों का मानना था कि जैसे भी मतभेद हों पर पाकिस्तान को भारत से जुड़ना चाहिए। लेकिन 10 वर्षों में हमने बातचीत नहीं कर सबसे बड़ी गलती की। उन्होंने कहा, “हमारे पास आपके खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक का साहस है, लेकिन मेज पर बैठकर बात करने का साहस नहीं है।”
काॅन्ग्रेस नेता ने कहा कि पाकिस्तान के साथ संबंधों में सद्भावना की आवश्यकता थी। लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार के गठन के बाद से बीते 10 साल में सद्भावना के उलट काम हुए हैं। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तानियों की आवभगत का जिक्र करते हुए उन दिनों को याद किया जब वे कराची में महावाणिज्य दूत थे। अय्यर ने कहा कि पाकिस्तान के अलावा उन्होंने कोई ऐसा देश नहीं देखा, जहाँ इतने खुले दिल से उनका स्वागत किया गया हो। महावाणिज्य दूत रहते हर कोई मेरी और मेरी पत्नी के देखभाल कर रहा था। उन्होंने बताया कि इससे जुड़ी कई घटनाओं का जिक्र उन्होंने अपनी किताब में भी किया है।
अय्यर ने कहा, “मेरे जो अनुभव हैं वे बताते हैं कि पाकिस्तानी दूसरे पक्ष पर जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया देते हैं। अगर हम मित्रतापूर्ण हैं, तो वे ज्यादा मित्रतापूर्ण रहेंगे। अगर हम शत्रुतापूर्ण व्यवहार करते हैं तो वे और भी ज्यादा शत्रुतापूर्ण प्रतिक्रिया देते हैं।” इस दौरान काॅन्ग्रेस नेता ने पाकिस्तान की जमीन पर फल-फूल रहे आतंकवाद का कोई जिक्र नहीं किया।
गौरतलब है कि पिछले महीने जब राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम हुआ था, तब मणिशंकर अय्यर की बेटी सुरन्या ने इसके विरोध में 3 दिनों का अनशन किया था। उसने सनातन धर्म के खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किए थे। इसके बाद दिल्ली के जंगपुरा स्थित जिस सोसायटी में वे रहती हैं, वहाँ उन्हें विरोध भी झेलना पड़ा था। रेसिडेंट्स वेलफेयर सोसायटी (RWA) ने उनसे पत्र लिख कर कहा था कि या तो वे अपनी हरकत के लिए माफी माँगें या फिर सोसायटी छोड़ कर चली जाएँ।