रामचरितमानस विवाद में अब कॉन्ग्रेस प्रवक्ता डॉ उदित राज की भी टिप्पणी सामने आई है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही ‘आज तक’ की डिबेट में उन्होंने मुस्लिम या ईसाई धर्म पर कुछ भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया लेकिन हिन्दू धर्म पर टिप्पणी को अपना संवैधानिक अधिकार बताया है। एंकर द्वारा उदित राज का धर्म पूछे जाने पर उन्होंने खुद को बौद्ध बताया।
2 मिनट 3 सेकेण्ड के वायरल वीडियो में ‘आज तक’ के एंकर शुभांकर मिश्रा ने उदित राज से हिन्दू होने पर सवाल किया तो उन्होंने साफ इंकार कर दिया। इसके बाद उदित राज ने खुद को बौद्ध बताया। इसी वीडियो में शुभांकर ने उदित राज से ईसाई और इस्लाम पर सवाल नहीं करने का कारण पूछा तो कॉन्ग्रेस प्रवक्ता कन्नी काट गए। हालाँकि वो लगातार हिन्दू धर्म के खिलाफ बोलने की कोशिश करते रहे और इसे उन्होंने अपना संवैधानिक हक बताया।
बिहार में एक शब्द काफी प्रचलित है ‘थेथरई’, उसका सटीक उदाहरण यहाँ देखने को मिला!
— Ritesh Kashyap (@meriteshkashyap) February 5, 2023
भारत धर्मनिरपेक्ष देश है इसीलिए उदित राज हिन्दू धर्म पर टिप्पणी कर सकते हैं लेकिन मुस्लिम और ईसाइयों पे नही !! https://t.co/iEs5jQEReF pic.twitter.com/pjDHvgjhHh
आज तक द्वारा ये वीडियो शनिवार (4 फरवरी 2023) को शेयर किया गया। यह वीडियो 6 मिनट 38 सेकेण्ड लम्बा है। डिबेट में भाजपा की तरफ से राकेश त्रिपाठी, AIMIM की तरफ से वारिस पठान के साथ सुनील सिंह व विशाल मिश्रा नाम के 2 अन्य पैनलिस्ट भी मौजूद थे। इस बहस की शुरुआत एंकर शुभांकर मिश्रा ने राहुल गाँधी की भारत जोड़ो यात्रा से की। उन्होंने कॉन्ग्रेस के सहयोगियों द्वारा की जा रही अशोभनीय टिप्पणियों का हवाला देकर उदित राज से स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरितमानस पर की गई टिप्पणी से संबंधित सवाल किया।
उदित राज ने इसी वीडियो में सनातन धर्म को व्यक्तिगत धर्म बताते हुए कहा कि उन्हें इस धर्म की न तो कोई किताब कहीं मिली है और न ही उसकी नियमावली। उन्होंने कहा कि इस धर्म को कुछ लोग सनातन, कुछ अन्य लोग हिन्दू तो कुछ लोग वैदिक धर्म कहते हैं, इसलिए उन्हें कुछ समझ में नहीं आता। उदित राज ने हिन्दू राष्ट्र के मुद्दे को भाजपा द्वारा वोटों का ध्रुवीकरण बताया।
डॉ उदित राज ने आगे कहा कि इस्लाम या ईसाई धर्म में कमियों से दलितों या पिछड़ों का कोई लेना-देना नहीं क्योंकि उन्हें पीड़ा जिससे है, उसी की बात की जाएगी। उदित राज का कहना था कि जिस धर्म में उन्हें छुआछूत जैसी पीड़ा मिली, वो उसी के बारे में बोलेंगे। भारत को उदित राज ने धर्मनिरपेक्ष बताते हुए कहा कि यह हिन्दूराष्ट्र नहीं है। इस बावत उन्होंने बाबा भीमराव अम्बेडकर का हवाला देते हुए कहा कि ऐसी कल्पना भी गलत होगी।