कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए कॉन्ग्रेस ने मंगलवार (2 मई 2023) को अपना घोषणा-पत्र जारी किया। इसमें कॉन्ग्रेस ने सत्ता में आने पर बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) जैसे संगठनों पर बैन का वादा किया है। दिलचस्प यह है कि कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पीएफआई पर केंद्र की मोदी सरकार पहले ही प्रतिबंध लगा चुकी है। ऐसे में बजरंग दल पर प्रतिबंध का वादा कॉन्ग्रेस की उस रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसके तहत कभी ‘भगवा आतंकवाद’ गढ़ा गया था।
घोषणा-पत्र जारी किए जाने के मौके पर कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, डीके शिवकुमार जैसे पार्टी नेता मौजूद थे। घोषणा-पत्र में पाँच प्रमुख गारंटी का जिक्र करते हुए बजरंग दल, पीएफआई और ऐसे अन्य संगठनों पर प्रतिबंध की बात कही गई है। इसमें कहा गया है कि ये कानून और संविधान का उल्लंघन करते हैं और समुदायों के बीच दुश्मनी और नफरत को बढ़ावा देते हैं। कॉन्ग्रेस जाति और धर्म के आधार पर समुदायों के खिलाफ नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ कड़ी और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।
कॉन्ग्रेस ने घोषणा पत्र में कहा है, “हम मानते हैं कि कानून और संविधान पवित्र हैं। बजरंग दल, पीएफआई जैसे व्यक्तियों के जरिए बहुसंख्यक या अल्पसंख्यक समुदायों के बीच शत्रुता या घृणा को बढ़ावा देने वाले अन्य लोगों की तरफ से इसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता है।” बीजेपी ने कॉन्ग्रेस के घोषणा-पत्र को कट्टरपंथी मुसलमानों का मैनिफेस्टो करार दिया है। कहा है कि कॉन्ग्रेस जिन्ना से भी नीचे गिर चुकी है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “गृह मंत्री (अमित शाह) ने PFI को बैन किया तो कॉन्ग्रेस बोल रही है कि वे बजरंग दल को बैन करेंगे, मुस्लिम आरक्षण को फिर से शुरू करेंगे। कॉन्ग्रेस ने जो घोषणा-पत्र जारी किया है, वह पूरा मुस्लिम फंडामेंटलिस्ट का घोषणा-पत्र है।”
#WATCH | The manifesto launched by Congress today shows that it is a complete Muslim fundamentalist manifesto. Even if Jinnah was alive, he would not make such a manifesto. Congress has become a Muslim fundamentalist party. Our HM had banned PFI and now Congress is saying that… pic.twitter.com/GUmJb6RgYB
— ANI (@ANI) May 2, 2023
कॉन्ग्रेस का जनाजा निकलना तय: VHP
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा है कि हिंदू समाज, हिंदू जनमानस, हिंदू आस्था के केंद्रों, मंदिरों और संतों पर हमला कॉन्ग्रेस के लिए कोई नई बात नहीं है। इनका काम जिहादियों को खुश करना और देशद्रोहियों को पनाह देना है। इसी मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति के तहत इन्होंने अपने घोषणा-पत्र में पीएफआई के साथ बजरंग दल का नाम लिया है। उन्होंने कहा, “ये कॉन्ग्रेस के ताबूत की अंतिम कील साबित होगी। अब कर्नाटक से इसका जनाजा निकलना तय है।”
Vinod Bansal, VHP national spokesperson, talks about Congress' promise to ban Bajrang Dal from OpIndia Videos on Vimeo.
वहीं विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा है, “कॉन्ग्रेस ने कर्नाटक चुनाव के लिए अपना घोषणा पत्र जारी करते हुए प्रखर राष्ट्र भक्त संगठन बजरंग दल की तुलना कुख्यात, देशद्रोही और प्रतिबंधित आतंकी संगठन पीएफआई से की है, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। बजरंग दल का एक-एक कार्यकर्ता देश के लिए, समाज के लिए समर्पित है और पीएफआई की गतिविधियों से पूरी दुनिया परिचित है। इसे देश की जनता इसे स्वीकार नहीं करेगी।”
#WATCH | It's unfortunate that Congress today compared Bajrang Dal with anti-national and banned PFI. People of the country will not accept it. Bajrang Dal accepts this challenge and will answer it through all democratic ways: Dr Surendra Jain, Vishva Hindu Parishad pic.twitter.com/HsruovDCbP
— ANI (@ANI) May 2, 2023
224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा के लिए 10 मई को वोट पड़ेंगे। नतीजे 13 कई को घोषित होंगे।