सोमवार (जुलाई 8, 2019) को लोकसभा में कॉन्ग्रेस के विरोध के बीच जलियाँवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक, 2019 पेश किया गया। इस विधेयक को लाने का मकसद जलियाँवाला बाग मैमोरियल ट्रस्ट को गैर राजनीतिक रूप देना है। इस विधेयक में ट्रस्टी के रूप में भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष को हटाकर उसके स्थान पर लोकसभा में मान्यता प्राप्त विरोधी दल के नेता या उस स्थिति में सदन में सबसे बड़े एकल विरोधी दल के नेता को ट्रस्टी बनाने का प्रस्ताव दिया गया है।
यह विधेयक नॉमिनेटेड ट्रस्टी के कार्यकाल को समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार को और अधिक शक्ति प्रदान करता है, जो कि अब तक ट्रस्ट स्मारक का प्रबंधन ही करता है। इस विधेयक का उद्देश्य ट्रस्ट में किसी विशेष राजनैतिक दल के प्रभुत्व को खत्म करना है। इस विधेयक के पारित होने के बाद कॉन्ग्रेस का इसके स्थाई ट्रस्टी के तौर पर एकाधिकार समाप्त हो जाएगा।
The #Congress opposed the introduction of the #JallianwalaBagh National Memorial (Amendment) Bill in the Lok Sabha on Monday. It seeks to remove the Congress president as a permanent member of a trust that runs the Jallianwala Bagh National Memorial.https://t.co/Tx9FrS5biz
— The Hindu (@the_hindu) July 9, 2019
इस विधेयक को केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने लोकसभा में पेश किया, जिसका कॉन्ग्रेस ने जबर्दस्त तरीके से विरोध किया। कॉन्ग्रेस नेता शशि थरूर ने इस का विरोध करते हुए कहा कि यह देश की विरासत के साथ खिलवाड़ है। देश के इतिहास व उसकी विरासत के साथ विश्वासघात नहीं होना चाहिए। थरूर ने कहा कि जब से स्मारक बनाया गया तब से ही कॉन्ग्रेस अध्यक्ष को स्मारक का पदेन ट्रस्टी बनाया गया है। कॉन्ग्रेस ने इस ट्रस्ट के लिए पैसा जुटाया था।
कॉन्ग्रेस के विरोध का जवाब देते हुए संस्कृति मंत्री ने कहा कि इतिहास की बात कर रहे कॉन्ग्रेस सदस्य रिकॉर्ड पलट कर देख लें। कॉन्ग्रेस ने पिछले 40-50 वर्षों में स्मारक के लिए कुछ भी नहीं किया है। साथ ही पटेल ने यह भी कहा कि कॉन्ग्रेस सदस्य विधेयक पर चर्चा के दौरान अपने सवाल उठा सकते हैं। उनके सारे सवालों के जवाब दिए जाएँगे। प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि विधेयक फरवरी में लोकसभा में पारित हो गया था, लेकिन राज्यसभा में पारित नहीं हो सका था, इसलिए सरकार फिर से इसे लोकसभा में लेकर आई है। बता दें कि, वर्तमान में
जलियाँवाला बाग ट्रस्ट में कुल नौ ट्रस्टी हैं। जिसमें प्रधानमंत्री के बाद दूसरे नंबर के ट्रस्टी भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष होते हैं।