कॉन्ग्रेस अब ‘काँवर यात्रा’ के विरोध में भी उतर आई है। पार्टी की नेशनल कोऑर्डिनेटर ने ट्वीट कर लिखा, “किताबे उठाइए, काँवड़ उठाने की जरूरत नही पड़ेगी।” बता दें कि महादेव के भक्त सावन महीने में काँवड़ लेकर निकलते हैं और जल भर कर शिवालय तक पैदल यात्रा करते हैं। जैसे, बिहार-झारखंड के अधिकतर लोग 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक देवघर में स्थित बाबा वैद्यनाथ को जल चढ़ाते हैं। सोमवार के दिन, भगवान शिव के अन्य त्योहारों या आम दिनों में भी काँवड़ यात्रा होती है।
किताबे उठाइए, कांवड़ उठाने की जरूरत नही पड़ेगी।
— Ritu Choudhary (@RituChoudhryINC) July 17, 2022
जहाँ तक रितु चौधरी की बात है, वो कई अन्य बड़े पदों पर रह चुकी हैं और अन्य संस्थाओं में भी महत्वपूर्ण पद सँभाले हैं। फ़िलहाल वो कॉन्ग्रेस पार्टी की ‘नेशनल कोऑर्डिनेटर’ हैं। उनके बयान के बाद लोग पूछ रहे हैं कि कॉन्ग्रेस पार्टी को भला हिन्दुओं से इतनी घृणा क्यों है? एक ने उन्हें सलाह दी कि तलवे चाटते रहिए, नौकरी करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। एक ने लिखा कि पत्थर उठाने से अच्छा है कि हमने धर्म को जाना और काँवड़ उठाया।
https://t.co/syepXJgeB6
— Mahesh Tiwary (@maheshtiwary092) July 18, 2022
किताबें उठाओ
पत्थर नहीं 🥳#ArrestRituChoudhary
एक यूजर ने लिखा, “आप ऐसा भी बोल सकती किताब पढ़िए, हज जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन, हिम्मत नहीं है।” कइयों ने उन्हें अपना DNA टेस्ट करने की सलाह दी, तो कइयों ने काँवड़ यात्रा का महत्व समझाते हुए बताया कि कैसे रास्ते में काँवड़ियों के स्वागत के लिए लोग उन्हें पानी देते हैं, भोजन कराते हैं। इससे आपसी भाईचारा बढ़ता है। हिन्दू होकर हिन्दू धर्म का मजाक उड़ाने के लिए भी लोगों ने उन्हें आड़े हाथों लिया।