कल अनुपम खेर और अक्षय खन्ना अभिनीत फिल्म ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ का ट्रेलर जारी किया गया जिसे दर्शकों और विश्लेषकों की काफी अच्छी प्रतिक्रया मिली। ये फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के कार्यकाल के बारे में है और डॉक्टर सिंह के मीडिया सलाहकार रहे संजय बारू की इसी नाम की किताब पर आधारित है। वहीं कांग्रेस की तरफ से इस फिल्म कोल लेकर काफी तीखी प्रतिक्रिया आई है और फिल की रिलीज़ रोकने की धमकी दी गई है। महाराष्ट्र युवा कांग्रेस ने फिल्म के निर्माता को एक चिट्ठी लिखी है जिसमे फिल्म को उन्हें दिखाने की मांग की गई है।
महाराष्ट्र युवा कांग्रेस के अध्यक्ष सत्यजीत ताम्बे पाटिल ने कहा कि अगर फिल्म से कथित विवादित सीन को हटाया नहीं गया तो कांग्रेस पूरे देश में कहीं भी इसका प्रदर्शन नहीं होने देगी। साथ ही उन्होंने फिल्म की से पहले पहले कांग्रेस नेताओं के लिए स्पेशल स्क्रीनिंग किये जाने की मांग भी रखी। यूथ कांग्रेस ने अपने धमकी भरे पत्र में लिखा;
“ट्रेलर देखकर लगता है कि तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की गई है और उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस पार्टी को नुकसान पहुंचाने के लिए गलत तरीके से पेश किया गया है जोकि अस्वीकार्य है।”
फिल्म में मनमोहन सिंह को काफी लाचार हालत में दिखाया गया है और गाँधी परिवार को उनपर हावी होता दिखाया गया है। फिल्म में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का किरदार राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता अनुपम खेर ने निभाया है वहीं संजय बारू के किरदार में अक्षय खन्ना दिख रहे हैं। ये फिल्म 11 जनवरी से सिनेमाघरों में प्रदर्शित की जाएगी। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्मकार हंसल मेहता ने फिल्म का स्क्रीनप्ले लिखा है। भारतीय जनता पार्टी ने भी अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से इन फिल्म के ट्रेलर को ट्वीट किया और इसकी प्रसंशा की।
वैसे बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब कांग्रेस ने किसी फिल्म का विरोध किया हो। कांग्रेस सरकारों के कार्यकाल के दौरान राजनीती पर आधारित कई फिल्मों को बैन भी किया जा चुका है। 1975 में रिलीज़ हुई गुलजार द्वारा निर्देशित फिल्म ‘आंधी’ का भी कांग्रेस ने कड़ा विरोध किया था। कांग्रेस द्वारा इस फिल्म को तत्कालीन प्रधानमन्त्री इंदिरा गाँधी पर आधारित बताया गया था। श्रीमती गाँधी के दो स्टाफ ने इस फिल्म को देखा जिसके बाद इसके प्रदर्शन की इजाजत दी गई लेकिन बाद में इस फिल्म को सरकार द्वारा बैन कर दिया गया। इसी तरह 1975 में रिलीज़ के लिए तैयार शबाना आजमी अभिनीत फिल्म ‘किस्सा कुर्सी का’ को लेकर कांग्रेस ने आपत्ति जताई थी। इतना ही नहीं, तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा इस फिल्म के प्रिंट्स और नेगटिव्स भी जला दिए गए गए थे।
अभी हाल ही में आपातकाल को लेकर बनी मधुर भंडारकर की फिल्म ‘इंदु सरकार’ को लेकर भी कांग्रेस ने कड़ा विरोध जताया था और इसके प्रदर्शन को रोकने की धमकी दी थी। इन धमकियों के मद्देनजर उस समय डायरेक्टर भंडारकर की सुरक्षा भी बढ़ानी पड़ी थी। नागपुर के एक होटल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने फिल्म की प्रेस कांफ्रेंस को रोक दिया था जी कारण से टीम को आधे रास्ते से ही लौटना पड़ा था। वहीं 2010 में आई प्रकाश झा की फिल्म ‘राजनीती’ को लेकर भी कांग्रेस पार्टी ने आपत्ति जताई थी। ऐसे में ताजा धमकियों के बाद अब देखना पड़ेगा कि ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ को लेकर आगे कांग्रेस पार्टी का क्या रुख रहता है।