प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नफरत करने वाले कुछ लोगों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म ‘Our Democracy’ फिर से ऑनलाइन है। इस बार कॉन्ग्रेस नेता जिग्नेश मेवानी अपने चुनाव प्रचार के लिए फंड जुटाने के लिए इसका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करते देखे गए। मेवानी का कैंपेन 16 नवंबर को वेबसाइट पर शुरू किया गया था। कैंपेन की लॉचिंग पर मेवानी ने एक वीडियो जारी कर दावा किया, “विधायकों की खरीद-फरोख्त के दौर में एक ‘नॉन करप्ट’ विधायक होना आसान नहीं है। भाजपा जैसे बड़े दल के सामने लड़ना मेरे लिए चुनौती है।”
https://t.co/s1B8AURBC2
— Jignesh Mevani (@jigneshmevani80) November 16, 2022
जनता की लड़ाई जनता के चंदे से।
ऊपर दिए गए लिंक पर क्लिक करें और मुझे चुनाव लड़ने में मदद करें। pic.twitter.com/BFSlfQsfqT
जिग्नेश ने लोगों से कहा, “अगर वे मुझे ईमानदार नेता मानते हैं। उन्हें लगता है कि मैं सच्चाई से काम रहा हूँ। संविधान में जिन मूल्यों की बात की गई है, उन मूल्यों को प्रोटेक्ट करने की लड़ाई लड़ रहा हूँ, तो प्लीज मेरे इस कैंपेन को सपोर्ट किजिए। इस कैंपेन के लिंक को तमाम व्हाट्सएप्प ग्रुप और जहाँ भी आपका संपर्क है, वहाँ शेयर किजिए। इस संदेश को ज्यादा से ज्यादा फैलाएँ। पिछली बार भी मैंने कहा था कि जनता का नेता जनता के चंदे से चुनाव लड़ेगा। आप सभी से हाथ जोड़कर विनती है प्लीज मेरा सहयोग करें।”
दिलचस्प बात यह है कि जिग्नेश ने लोगों से जिस व्हाट्सएप्प पर उनके कैंपेन का लिंक फैलाने का आग्रह किया, वह लंबे समय से इस प्लेटफॉर्म का मजाक उड़ाते आ रहे हैं। उन्होंने कई बार यह कहकर भाजपा समर्थकों का मजाक उड़ाया कि वे अपनी कई जानकारी ‘व्हाट्सएप्प यूनिवर्सिटी’ से प्राप्त करते हैं। दरअसल, मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर फैली फर्जी खबरों के लिए इस तरह के शब्द प्रयोग किए जाते हैं।
‘ऑवर डेमोक्रेसी’ पर जिग्नेश के कैंपेन का एक और दिलचस्प पहलू यह है कि इसमें उनके राजनीतिक दल का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। जबकि जिग्नेश वडगाम सीट से कॉन्ग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन प्रचार पेज पर कॉन्ग्रेस पार्टी का कोई जिक्र नहीं है। पिछली बार मेवानी ने कॉन्ग्रेस के समर्थन से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीता था। मालूम हो कि वडगाम से 2012 का चुनाव जीतने वाले कॉन्ग्रेस के पूर्व नेता मणिलाल वाघेला बीजेपी की टिकट पर मेवानी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
मेवानी चुनाव लड़ने के लिए 40 लाख रुपए माँग रहे हैं। अब तक उन्होंने 7.20 लाख रुपए से ज्यादा का चंदा जुटा लिया है। इसे दिव्या गौर द्वारा शुरू किया गया, इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने तक कैंपेन के 713 से अधिक समर्थक थे। चंदा देने वालों में टॉप पर तीस्ता सीतलवाड़ नाम की एक दानदाता भी शामिल हैं, जिन्होंने 30,000 रुपए का चंदा दिया है। यह स्पष्ट नहीं है कि क्या यह वही सीतलवाड़ हैं, जिसे हाल ही में गुजरात पुलिस ने तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ साजिश रचने और गुजरात की छवि खराब करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
चंदा दान करने वाली की वास्तविक पहचान कर पाना संभव नहीं है। वेबसाइट को 2000 रुपए से अधिक के दान के लिए पैन कार्ड की आवश्यकता होती है।
‘Our Democracy’ का विवादास्पद इतिहास
जनवरी 2022 में, ऑपइंडिया ने बताया था कि कैसे ‘Our Democracy’ वेबसाइट अचानक से ऑफलाइन हो गई थी। यहाँ पर तत्कालीन कॉन्ग्रेस समर्थक (अब टीएमसी नेता) साकेत गोखले, कॉन्ग्रेस नेता कन्हैया कुमार, आप नेता आतिशी और कई अन्य लोगों को जगह दी गई थी। मेवानी पहले भी इस मंच का इस्तेमाल कर चुके हैं। चूँकि, गोखले पूर्णकालिक नौकरी छोड़कर 10 रुपए खर्च करके आरटीआई डालने का काम करते थे, इसलिए उन्हें धन जुटाने के लिए क्राउडफंडिंग का सहारा लेना पड़ता था।
नवंबर 2019 में गोखले ने क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म का एक लिंक ट्वीट कर कहा था कि उन्होंने ‘बीजेपी/आरएसएस से लड़ने’ के लिए अपनी नौकरी छोड़ने का फैसला किया है। उन्होंने मोदी से नफरत करने लोगों से इकट्ठा होने और उन्हें पैसे देने का आग्रह किया था, ताकि वे इस लड़ाई के खर्चों का वहन कर सकें और इसके लिए उन्हें नौकरी ना करनी पड़े।
ऑपइंडिया ने क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म की गहराई से पड़ताल की तो कुछ और दिलचस्प कनेक्शन पाए। इस दौरान पता चला कि टाइम्स नाउ और WION जैसे चैनलों के साथ काम कर चुके एनडीटीवी के पूर्व पत्रकार बिलाल जैदी ने आनंद मंगनाले (Anand Mangnale) के साथ मिलकर 2017 में कथित स्वतंत्र पत्रकारों के लिए ऑनलाइन क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म ‘क्राउडन्यूजिंग’ की शुरुआत की थी।
हालाँकि, 2019 के आम चुनावों से ठीक पहले उन्होंने इस प्लेटफॉर्म का विस्तार करने का फैसला किया और इसे ‘ourdemocracy’ में बदल दिया। इस पर कन्हैया कुमार, आतिशी मार्लेना जैसे नेताओं और साकेत गोखले जैसे ‘बेरोजगार’ लोगों का स्वागत किया, जिन्होंने आरटीआई भरने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी थी। जब साकेत टीएमसी में शामिल हुए थे तब OurDemocracy प्लेटफॉर्म के को-फाउंडर ने उनकी सराहना की थी। इस साल जुलाई में Our Democracy की वापसी हुई। 4 जुलाई को, ट्विटर पर घोषणा की गई कि उन्हें एक नया सीईओ उमर सिद्दीकी मिल गया है।
8 जुलाई को फिर से घोषणा की गई कि वेबसाइट एक बार फिर लाइव हो गई है। हालाँकि, तब से इस पर बेहद कम गतिविधि हुई थी। लेकिन 17 नवंबर, 2022 को इस मंच से जिग्नेश के समर्थन में वीडियो और कैम्पेन लिंक को आगे बढ़ाना शुरू कर दिया गया।
विशेष रूप से, बहुत कम गतिविधि वाले छह अन्य कैंपेन हैं। उनमें से एक पुराना कैंपेन है, जिसे इस साल सितंबर में बीबीएमपी चुनाव के लिए AAP उम्मीदवार सिंथिया स्टीफन के लिए शुरू किया गया था। बीबीएमपी चुनाव दिसंबर में होने हैं। सिंथिया स्टीफन ने खुद अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर अभियान का लिंक साझा नहीं किया है। लेकिन, उसने इसे एक बार अपने फेसबुक अकाउंट पर शेयर किया था। कैंपेन से 64,000 रुपए से अधिक चंदा जुटाया गया है।
बता दें कि इस मंच का उपयोग करने वाले अन्य प्रचारकों में AAP नेता हरगोवन देभी (25,000 रुपए से अधिक का चंदा), AAP नेता विपुल परमार (1,000 रुपए से अधिक का चंदा), AAP नेता आशु ठाकुर (49,000 रुपए से अधिक चंदा एकत्र किया), AAP नेता कैलाशदान गधवी (कुछ भी चंदा एकत्र नहीं) और AAP नेता बीना बालगुहर (5,000 रुपए से अधिक का चंदा एकत्र किया) हैं। पैसे जुटाने के मामले में इस प्लेटफॉर्म पर मेवानी का कैंपेन अब तक का सबसे सफल कैंपेन रहा है। पुराने कैंपेन का रिकॉर्ड इस वेबसाइट से हटा दिया गया है।