पश्चिम बंगाल के बशीरहाट की तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) सांसद नुसरत जहाँ को संदेशखाली की पीड़िताओं के दर्द से कोई फर्क नहीं पड़ रहा। वह इस समय भी कोलकाता के फिल्म कार्यक्रमों को प्राथमिकता दे रही हैं न कि संदेशखाली को। उनसे जब अब तक संदेशखाली न जाने की वजह पूछी गई तो उन्होंने बड़ा अजीब जवाब दिया।
Due to "174 act" being imposed, Basirhat MP Nusrat Jahan could not visit Sandeshkhali.
— Keya Ghosh (@keyakahe) February 27, 2024
Gems of Trinamool pic.twitter.com/wqozdzAvDY
नुसरत जहाँ हाल में ‘बंगाल नेशनल प्राइड’ कार्यक्रम में शामिल होने गई थीं। इस कार्यक्रम में वह लाल साड़ी और बड़े-बड़े ईयरिंग पहन पहुँचीं। वहाँ मीडिया से मुखातिब होते वक्त उनसे एक पत्रकार ने उनसे पूछ लिया कि वो अब तक संदेशखाली क्यों नहीं गईं, तो इस पर कोई संवेदनशील बयान देने की बजाय उन्होंने कहा कि अभी संदेशखाली में 174 धारा लागू है इसलिए वह वहाँ नहीं जा सकतीं।
दिसचस्प बात तो ये है कि जहाँ नुसरत जहाँ ऐसे बयान दे रही हैं। वहीं दूसरी ओर अन्य पार्टियों के नेता हर हाल में पीड़िताओं से मिलने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।
खैर, नुसरत जहाँ ने ऐसा पहली बार नहीं किया है। संदेशखाली का जब मामला ताजा-ताजा उठा था और पूरा देश महिलाओं के साथ हुए अत्याचारों की बात जानकर सन्न था, उस समय भी टीएमसी सांसद इस मुद्दे पर बोलने की बजाय इंस्टाग्राम पर एक्टिव थीं और अपने अलग-अलग इवेंट की फोटोज-वीडियो डाल रहीं थीं।
उनके इंस्टा अकॉउंट को खँगालने पर पता चलता है कि कुछ दिन पहले ही वो ‘कलकत्ता टाइम्स फूड गाइड पार्टी’ में कैमरे के आगे पोज दे रही थीं। उससे पहले भी वो किसी न किसी ब्रांड के लिए फोटोशूट करती बार-बार देखी गई थीं।
While her constituents suffer and thousands of women demand justice for the atrocities inflicted by her party members, Sandeshkhali MP Nusrat Jahan shamelessly revels in Spring festivities. It's disgraceful! Prioritize your duty over personal indulgence, Nusrat! #JusticeDenied pic.twitter.com/to7Gwv7PzO
— Locket Chatterjee (@me_locket) February 24, 2024
लेकिन, 8 फरवरी से लेकर अब तक एक भी बार उन्होंने संदेशखाली पर कुछ नहीं बोला। उनके सोशल मीडिया पर भी इस संबंध में कोई पोस्ट नहीं देखने को मिलता। उलटा जब विपक्षी नेताओं ने उनकी इस चुप्पी पर सवाल किया था तो इससे पहले उन्होंने जवाब दिया था कि वो लोग आग में घी डाल रहे हैं।
उन्होंने कहा था- “ऐसी गंभीर स्थिति में किसी को भी दूसरों को उकसाना नहीं चाहिए बल्कि एकजुट होकर राज्य प्रशासन का समर्थन करना चाहिए। राज्य सरकार वह कर रही है जिसकी जरूरत है और अधिकारी स्थानीय लोगों की अथक सहायता कर रहे हैं। इस घटना का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। हमारा काम आग बुझाना है। आग में घी डालना नहीं। एक जन प्रतिनिधि के तौर पर मैं लगातार अधिकारियों के संपर्क में हूँ।”