दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ट्विटर पर अदालत के एक फैसले को लेकर जश्न मना रहे हैं। अदालत ने अपने उस फैसले में कहा है कि आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों अमानतुल्लाह खान और प्रकाश जारवाल के खिलाफ आरोप तय किए जाएँ। ये मामला दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट और बदतमीजी से जुड़ा हुआ है।
सत्यमेव जयते https://t.co/JJuWdsslie
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 11, 2021
दिल्ली की एक अदालत ने AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और दिल्ली सरकार में उनके डिप्टी मनीष सिसोदिया के अलावा 9 अन्य विधायकों को भी इस मामले में मुक्त कर दिया। अब जब AAP के ही दो विधायकों के खिलाफ आरोप तय किए जाएँगे और उनके खिलाफ मुकदमा चलेगा, उन्हीं की पार्टी जश्न भी मना रही है। यानी, क्या वो मानते हैं कि अमानतुल्लाह खान व प्रकाश जारवाल के खिलाफ जो आरोप हैं, वो सही हैं?
सत्यमेव जयते🇮🇳
— AAP (@AamAadmiParty) August 11, 2021
CM @ArvindKejriwal has been discharged in the fake CS assault case.
Delhi Special MP, MLA Court discharged Delhi CM, Dy CM @msisodia along with 8 AAP MLAs in the Fake Chief Secretary assault case filed by Delhi Police#CourtSlapsModi #ModiShudApologiseToKejriwal
AAP ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, “सत्यमेव जयते! चीफ सेकेट्री को पीटने के झूठे मामले में अरविंद केजरीवाल पर लगे आरोपों से अदालत ने उन्हें मुक्त कर दिया है। दिल्ली की स्पेशल ‘MLA, MP अदालत’ ने दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज किए गए इस मामले में सीएम के अलावा मनीष सिसोदिया व 8 अन्य विधायकों को भी आरोपों से मुक्त कर दिया।” अरविंद केजरीवाल ने भी ट्विटर पर ‘सत्यमेव जयते’ लिखा।
AAP इस मामले को लेकर खुद की पीठ थपथपाना चाहती है और इससे राजनीतिक लाभ लेना चाहती है, क्योंकि मनीष सिसोदिया ने भी इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। 2018 के इस मामले को उन्होंने झूठा करार दिया और दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाया कि उसने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व AAP सरकार को बदनाम करने के लिए ये मामला दर्ज किया था। उन्होंने कहा कि ‘देश के सबसे लोकप्रिय CM’ से घबरा कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा ने ये साजिश रची थी।
उन्होंने न्यायपालिका का आभार जताते हुए दावा किया कि दिल्ली पुलिस हमारे बेडरूम तक घुस आई थी। उन्होंने पीएम मोदी व भाजपा को केजरीवाल से माफ़ी माँगने को कहा। साथ ही कहा कि न्यायपालिका की विश्वसनीयता इस फैसले से बढ़ गई है। उन्होंने भाजपा से कहा, “विपक्ष की चुनी हुई सरकारों को चलने दीजिए। उन्हें गिराने की साजिश मत कीजिए।” इस मामले के सामने आने के बाद दिल्ली सरकार के कई अधिकारी हड़ताल पर चले गए थे।
यहाँ कन्फ्यूज की स्थिति है क्योंकि केजरीवाल और सिसोदिया कह रहे हैं कि उनके खिलाफ झूठे थे, तो क्या उनके दोनों विधायकों के खिलाफ लगाए गए आरोप सच हैं? वो मानते हैं कि इस घटना में वो दोनों शामिल थे? अगर ऐसा है तो क्या पार्टी उन पर कार्रवाई करेगी? या उनके हिसाब से अदालत का आधा फैसला सही है और आधा गलत? वैसे भी अल्पसंख्यक तुष्टिकरण के लिए अमानतुल्लाह खान AAP में एक बड़ा चेहरा हैं।