Sunday, November 17, 2024
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वेदों-उपनिषदों पर सेमीनार करेगी CPI: केरल में RSS के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए उठाया गया कदम

सीएन चंद्रन के अनुसार वे इस तरह के कार्यक्रमों के जरिए 'सांप्रदायिक ताकतों' को अपने हित के लिए हिन्दू धर्म ग्रंथों का गलत इस्तेमाल किए जाने से रोकना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस सेमिनार में भारतीय धर्मग्रंथों के वैज्ञानिक संदर्भों पर चर्चा की जाएगी।

अक्सर देखा जाता है कि मार्क्सवादी लोग वेद और उपनिषदों के औचित्य को खारिज करते पाए जाते हैं, लेकिन इस बार कुछ अलग हो रहा है। मीडिया खबरों के मुताबिक केरल में वामपंथी दल कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया वेदों और उपनिषदों के सार पर सेमिनार आयोजित करने वाला है। कहा जा रहा है कि उनका ये कदम दक्षिण भारतीय प्रदेश केरल में संघ परिवार को बढ़ते प्रभाव को रोकने के प्रयास के रूप में उठाया जा रहा है। राज्य की सत्ताधारी गठबंधन एलडीएफ की सहयोगी पार्टी सीपीआई 3 दिन की इस संगोष्ठी को राज्य के कन्नूर में 25 अक्टूबर को आयोजित करेगी। इसका नाम ‘भारतीयम 2019’ रखा जाएगा।

इस कार्यक्रम को दिवगंत वामपंथी नेता एनई बलराम की जन्म शताब्दी के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है। इस आयोजन का पूरा दारोमदार एनई बलराम मेमोरियल ट्रस्ट के पास हैं। जानकारी के अनुसार इस कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रीय महासचिव डी राजा द्वारा होगा जबकि समापन समारोह में प्रदेश के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के शामिल होने की संभावना बताई जा रही है।

ट्रस्ट के अध्यक्ष और वरिष्ठ सीपीआई नेता सीएन चंद्रन ने इस आयोजन पर जानकारी देते हुए कहा है कि भारतीय दर्शनशास्त्र दिवंगत नेता एनई बलराम का पसंदीदा विषय था। इस कार्यक्रम में 9 विशेषज्ञ, वेद, उपनिषद, पुराण और एपिक पर अपने पत्र पेश करेंगे।

सीएन चंद्रन के अनुसार वे इस तरह के कार्यक्रमों के जरिए ‘सांप्रदायिक ताकतों’ को अपने हित के लिए हिन्दू धर्म ग्रंथों का गलत इस्तेमाल किए जाने से रोकना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस सेमिनार में भारतीय धर्मग्रंथों के वैज्ञानिक संदर्भों पर चर्चा की जाएगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीएन चंद्रन ने बताया कि पार्टी कार्यकर्ता इस आयोजन में भाग नहीं लेंगे। इसके अलावा कोई भी इच्छुक व्यक्ति इस संगोष्ठी में भाग ले सकता है। 

पीटीआई से बातचीत में भाकपा नेता ने बताया कि इस संगोष्ठी में ‘वेद और ईसायत’ तथा ‘वेद, बौद्ध धर्म और सूफी’ जैसे विषयों पर अलग से शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएँगे। उन्होंने कहा कि संगोष्ठी में इस विषय पर चर्चा होगी कि वामपंथी विचारधारा का वेद और उपनिषद के प्रति क्या रवैया रहा है और पार्टी के विचारकों का इसके प्रति क्या नजरिया रहा।

सीएन चंद्रन के मुताबिक वेद और उपनिषद वैज्ञानिक विचारधारा का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन संघ परिवार के लोग इस विषयों पर अपना एकाधिकार मानते हैं और फिर उनकी गलत व्याख्या करते हैं।

उल्लेखनीय है कि अभी हाल ही में मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी ने भी कन्नूर में श्रीकृष्ण जयन्ती पर बालगोकुलम की शोभायात्रा निकालकर ऐसा ही आयोजन किया था। इसके अलावा अभी बीते दिनों कुछ वामपंथी नेता नवरात्रि पर बधाई देने को लेकर चर्चा में आए थे। जिसमें राजनीतिक दल सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी का नाम भी शामिल था। उन्होंने नवमी और विजयदशमी पर लोगों को बधाई दी थी। जिसके कारण लोगों ने उन्हें इन पर्वों का अर्थ समझाते हुए इनका महत्तव भी बताया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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