दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी एक बार फिर से सवालों के घेरे में है। केजरीवाल सरकार पर आरोप है कि उन्होंने 2015 से 2019 के बीच कई समस्याओं के बावजूद दिल्ली में कोई भी नया अस्पताल और फ्लाईओवर नहीं बनाया है। दिल्ली सरकार के विकास के चौतरफा झूठे दावों का खुलासा आरटीआई (RTI) में हुआ है।
सत्ता में आने से पहले ‘आप’ ने दिल्ली की जनता से कई लोक लुभावन वायदे किए थे, जो अब तक धरातल पर नजर नहीं आए। वहीं, सीएम केजरीवाल ने दावा किया है कि पिछले साढ़े चार साल में उनकी सरकार ने 23 फ्लाईओवर बनाए हैं, लेकिन वास्तविकता इसके उलट है कि दिल्ली में AAP सरकार ने वर्षों से केवल विज्ञापन ही दिया है।
तेजपाल सिंह ने आरटीआई याचिका में इस संबंध में सवाल पूछे थे। जब संबंधित विभागों ने अपने-अपने जवाब भेज दिए तो यह पक्का हो गया कि AAP सरकार द्वारा लगातार किए गए लोक लुभावन दावों के विपरीत ना तो कोई अस्पताल बनाया गया और ना ही 2015 से 2019 के बीच दिल्ली में किसी फ्लाईओवर का निर्माण किया गया।
RTI से खुलासा हुआ था कि 1 अप्रैल 2015 से लेकर 31 मार्च 2019 के बीच दिल्ली में @AamAadmiParty की सरकार ने ना ही किसी हॉस्पिटल को अनुदान दिया था और न ही किसी नए फ्लाईओवर का निर्माण करवाया था।
— Akshay Lakra (@akshaylakra17) April 2, 2021
बस झूठे विज्ञापन दे देकर जनता को मूर्ख बना लिया, और जनता भी इसकी बातों में आ गयी। pic.twitter.com/DJyVmSLhfh
दिल्ली सरकार द्वारा पिछले 5 वर्षों में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं, इसकी जानकारी लेने के लिए साल 2019 में यह आरटीआई दायर की गई थी। नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष अक्षय लाकड़ा ने आरटीआई द्वारा 3 जुलाई 2019 को पूछे गए सवालों के जवाबों की प्रति को शुक्रवार (2 अप्रैल, 2021) को ट्वीट किया है।
उन्होंने लिखा है, ”RTI से खुलासा हुआ कि 1 अप्रैल 2015 से लेकर 31 मार्च 2019 के बीच दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने ना ही किसी हॉस्पिटल को अनुदान दिया और न ही किसी नए फ्लाईओवर का निर्माण करवाया। बस झूठे विज्ञापन दे-दे कर जनता को मूर्ख बना लिया और जनता भी इसकी बातों में आ गई।”
गौरतलब है कि ‘आप’ ने चुनावी वायदे करते हुए जनता को कई मुफ्त योजनाओं का प्रलोभन दिया था। बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएँ मुहैया कराने को प्राथमिकता बताते हुए उन्होंने इसे चुनावी अभियान के रूप में इस्तेमाल किया। साल 2015 में चुनावी घोषणापत्र में ‘आप’ ने राजधानी के अस्पतालों में कुल बिस्तरों की संख्याा 40,000 तक बढ़ाने का वादा किया था।