सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के खिलाफ कॉन्ग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी (AAP) भी कंधे से कंधा मिलाकर चलती दिख रही है। गुरुवार (03 जून 2021) को दिल्ली के ओखला से AAP विधायक और दिल्ली सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अमानतुल्ला खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा और सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के दौरान मस्जिदों को नुकसान पहुँचाए जाने के विषय में चेतवानी भी दी।
ट्विटर पर खान ने लिखा, “सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की वजह से मानसिंह रोड पर ज़ाब्ता गंज मस्जिद, वाइस प्रेसीडेंट आवास की मस्जिद और कृषि भवन की मस्जिद को नुकसान पहुँचाया जा सकता है। इस संदर्भ में हम प्रधानमंत्री कार्यालय और केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी से राब्ता करेंगे। किसी भी हालत में इन मस्जिदों का नुकसान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।“ इसके अलावा खान ने पत्र में मोदी सरकार से 10 दिन के अंदर स्पष्टीकरण की माँग भी की।
हालाँकि अमानतुल्ला खान के इस प्रोपेगेंडा के इतर मानसिंह रोड पर स्थित ज़ाब्ता गंज मस्जिद के इमाम असद खान फलाही ने कहा कि उन्होंने इस मामले में प्रशासन से बात की है और उनके पास सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का पूरा खाका भी है। फलाही ने मुस्लिम समुदाय के लोगों से अपील करते हुए कहा कि मस्जिद पूरी तरह सुरक्षित है और उन्हें सोशल मीडिया पर प्रचारित किसी भी प्रकार की फेक न्यूज, अफवाह या प्रोपेगेंडा पर विश्वास करने की कोई जरूरत नहीं है।
Delhi’s Shahi Masjid Zabta Ganj near India Gate is safe and faces no threat to its existence, says Imam of the mosque Asad Khan Falahi pic.twitter.com/JoWX5N1ljt
— Clarion India (@TheClarionIndia) June 3, 2021
अमानतुल्ला खान और उसका हिन्दूफोबिया
AAP विधायक अमानतुल्ला खान अपनी इस्लामिक राजनीति के जरिए सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न करने के लिए जाने जाते हैं। 22 मई 2021 को खान ने भगवा (ऑरेंज) के माध्यम से हिन्दू धर्म पर निशाना साधते हुए कहा था कि ऑरेंज फंगस ही समाज में दूसरे फंगस की जड़ है। उससे पहले 7 अप्रैल को खान ने डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ हिंसा की अपील की थी और नरसिंहानंद सरस्वती के कथित पैगंबर मोहम्मद विरोधी वक्तव्य पर इस्लामिक कानून शरिया के हिसाब से उनकी गर्दन धड़ से अलग करने की धमकी दी थी। इस पर कार्रवाई करते हुए दिल्ली पुलिस ने अमानतुल्ला खान के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की थी।
इसी प्रकार 15 दिसंबर 2019 को जब दिल्ली में इस्लामी भीड़ ने सीएए विरोध के नाम पर दंगा किया था, तब दिल्ली के ही जामिया नगर में अमानतुल्ला खान ही प्रमुख नेतृत्वकर्ता था। उसी दिन दंगों के दौरान भीड़ ने सरकारी संपत्ति को भयानक नुकसान पहुँचाया था और ‘हिंदुओं से आजादी’ के नारे लगाए थे।