Monday, December 23, 2024
Homeराजनीतिमजदूरी करने दिल्ली आया था कल्लन का बेटा ताहिर, 20 साल में खड़ा कर...

मजदूरी करने दिल्ली आया था कल्लन का बेटा ताहिर, 20 साल में खड़ा कर लिया ‘दंगों का हेडक्वार्टर’

ताहिर हुसैन दिल्ली की राजनीति का चर्चित चेहरा नहीं है। लेकिन पूर्वोत्तर दिल्ली के शाहदरा, नेहरू नगर, चाँदबाग जैसे इलाकों में खासा रसूख रखता है। अपनी बिरादरी में उसकी अच्छी-खासी पैठ है।

ताहिर हुसैन जैसों ने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के बीच जो खूनी डिजाइन तैयार किया उसने उत्तर पूर्वी दिल्ली को दंगों की चपेट में ले लिया। स्थानीय लोगों बताते हैं कि ताहिर का घर दंगों का हेडक्वार्टर था। वहॉं पकड़-पकड़कर हिंदू लाए गए और उनकी हत्या की गई। इंटेलीजेंस ब्यूरो के कॉन्स्टेबल अंकित शर्मा को जिस तरह उसके गुंडों ने मौत के घाट उतारा गया, वह रोंगटे खड़े कर देता है।

दंगों में भूमिका सामने आने के बाद आप ताहिर से पल्ला छुड़ाने की कोशिश में है। उसे पार्टी से निलंबित कर दिया गया है। हालाँकि पार्षद ताहिर हुसैन दिल्ली की राजनीति का चर्चित चेहरा नहीं है। लेकिन पूर्वोत्तर दिल्ली के शाहदरा, नेहरू नगर, चाँदबाग जैसे इलाकों में खासा रसूख रखता है। अपनी बिरादरी में उसकी अच्छी-खासी पैठ है। नेहरु विहार से पार्षद ताहिर हुसैन का घर करावल नगर में है। वह पैसे के लिहाज से भी काफी मजबूत है। उसके घर की छत से जिस तरह पेट्रोल बम, पत्थर का जखीरा मिला है उससे जाहिर करता है कि वह दंगे की पूरी तैयारी करके बैठा था।

दैनिक जागरण के अमरोहा संस्करण में प्रकाशित खबर

दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार AAP पार्षद ताहिर हुसैन मूलरूप से उत्तर प्रदेश के अमरोहा के गाँव पौरारा का रहने वाला है। ताहिर हुसैन का मामूली मजदूर से आम आदमी पार्टी के पार्षद तक का सफर हैरान करने वाला है। ताहिर 20 साल पहले मजदूरी करने की नीयत से दिल्ली आया था। यहाँ आकर वो मजदूरी करने लगा। कुछ महीनों बाद ताहिर के पिता कल्लन सैफी भी अमरोहा से दिल्ली अपने बेटे के पास आ गए। ताहिर ने कुछ वर्ष पहले गाँव के अपने पुश्तैनी मकान को भी बेच दिया था।

फिलहाल उसकी कुछ आवासीय भूमि खाली पड़ी हुई है। ताहिर साल में एक-दो बार गाँव जाया करता था, लेकिन पिछले तकरीबन एक साल से वो गाँव नहीं गया है। उसका एक भाई गाँव में स्कूल चलाता है। ताहिर पाँच भाइयों में सबसे बड़ा है। ग्रामीणों का कहना है कि गाँव में किसी तरह का कोई रोजगार न होने की वजह से वो मजदूरी करने के लिए दिल्ली आ गया था। कुछ साल में ही वह बड़ा कारोबारी बन गया और राजनीति में भी उसने पैठ बना ली। इसके बाद वह AAP का निगम पार्षद बन गया।

जानकारी के मुताबिक ताहिर हुसैन करीब 18 करोड़ की संपत्ति का मालिक है। आठवीं पास ताहिर ने 2017 में पहली बार चुनाव लड़ा था और चुनाव आयोग को दिए शपथ-पत्र के अनुसार उस पर कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं था। बता दें कि ताहिर हुसैन का घर इस तरीके से बनाया गया है कि उससे चारों ओर का इलाका कवर हो और अंदर जो भी लोग हों, वो एकदम सुरक्षित रहें। स्थानीय लोगों ने बताया कि ताहिर हुसैन के घर में तकरीबन 3000 दंगाई जमा थे और कई संदिग्ध लोगों का आना-जाना लगा हुआ था, यानी काफ़ी पहले से इसकी साज़िश रची जा रही थी। लोगों ने हुसैन के बारे में बताया कि उसकी इमारत का परिसर बहुत बड़ा है, जिसमें एक तहख़ाना भी है

ताहिर की छत के जो विडियो सामने आए हैं उनमें भारी मात्रा में पत्थर, पेट्रोल बम, बोलतें, डंडे शामिल हैं। अपने ऊपर लगे आरोपों के बाद भले ही ताहिर हुसैन खुद को बेगुनाह बता रहा हो मगर जो सबूत उनके मकान की छत से मिले हैं, उसने ताहिर के दावों को कठघरे में खड़ा कर दिया है। सोशल मीडिया पर ऐसे भी विडियो तैर रहे हैं जिनमें खुद ताहिर हुसैन हाथों में डंडा लेकर अपने मकान की छत पर घूम रहा है।

ताहिर हुसैन पर गुरुवार (फरवरी 27, 2020) को दयालपुर पुलिस थाने में आईपीसी की धारा-302 (हत्या) का मामला दर्ज किया गया। ताहिर पर आईबी ऑफिसर अंकित शर्मा समेत 4 लोगों को मार कर उनकी लाश को नाले में फेंकने का आरोप है। साथ ही दिल्ली पुलिस ने ताहिर हुसैन के घर को सील कर उसके ख़िलाफ़ जाँच शुरू कर दी है। नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली के खजूरी ख़ास क्षेत्र स्थित ताहिर हुसैन की फैक्ट्री को भी सील कर दिया गया है। फिलहाल ताहिर फरार चल रहा है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उसकी तलाश शुरू कर दी गई है। संभावित ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी गई है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -