दिल्ली कॉन्ग्रेस में उस वक़्त कलह का माहौल सतह पर आ गया, जब पार्टी के 2 वरिष्ठ नेता आपस में ही लड़ बैठे। मामला केंद्र सरकार द्वारा ट्रैफिक नियमों के तहत चालान की राशि बढ़ाए जाने के विरुद्ध प्रदर्शन का था। दिल्ली में कॉन्ग्रेस का कोई प्रदेश अध्यक्ष नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के निधन के बाद से ही यह पद खाली पड़ा हुआ है। ऐसे में, अध्यक्षविहीन प्रदेश संगठन में अनुशासन की कमी दिख रही है और निचले स्तर के कार्यकर्ता तो दूर की बात, पार्टी में दशकों से सक्रिय वरिष्ठ नेता भी आपस में सिर-फुटव्वल कर रहे हैं।
दिल्ली कॉन्ग्रेस के उपाध्यक्ष चतर सिंह ने चालान राशि बढ़ाने के ख़िलाफ़ कन्हैया नगर मेट्रो स्टेशन के पास त्रीनगर में एक धरना प्रदर्शन का आयोजन किया था। बुधवार को आयोजित इस धरना प्रदर्शन में उन्होंने दो पूर्व प्रदेश अध्यक्षों जेपी अग्रवाल और अजय माकन का नाम भी दे दिया। कहा जाता है कि अग्रवाल और माकन, दोनों में ही नहीं पटती है और वे एक-दूसरे के साथ मंच साझा करने से बचते रहते हैं। ऐसे में, लोगों का सवाल था कि क्या ये दोनों धरना प्रदर्शन में भाग लेंगे?
बुधवार (सितम्बर 18, 2019) को आयोजित इस धरना प्रदर्शन के बारे में प्रदेश कॉन्ग्रेस प्रवक्ता ने जितेंद्र कोचर ने जेपी अग्रवाल के हवाले से कहा कि बिना उनकी अनुमति लिए इस धरना प्रदर्शन में उनका नाम शामिल कर दिया गया है। जेपी अग्रवाल को इस आयोजन के मुख्य अतिथि के रूप में दिखाया गया था लेकिन ख़ुद अग्रवाल का कहना है कि इसके लिए उनसे सहमति ली ही नहीं गई थी।
वहीं चतर सिंह का कहना है कि जेपी अग्रवाल से इस सम्बन्ध में बातचीत हुई थी और धरना प्रदर्शन में सम्मिलित होने को लेकर उन्होंने अपनी सहमति भी दे दी थी। उन्होंने कहा कि अगर अब अग्रवाल आने से मना कर रहे हैं तो अब उनकी मर्जी है। उन्होंने बताया कि अजय माकन धरने में शामिल होने आ रहे हैं।
दिल्ली कांग्रेस के 2 पूर्व अध्यक्ष आमने-सामने, नहीं थम रही गुटबाजी https://t.co/fm2x5Qhlf0#Delhi #Congress @INCIndia @DelhiCongress
— nvr24.com (@Nvr24C) September 18, 2019
प्रदेश कॉन्ग्रेस में इस विवाद को लेकर तनाव का माहौल है। दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है और इसे देखते हुए कॉन्ग्रेस की कलह का सतह पर आना पार्टी के लिए अच्छा संकेत नहीं है क्योंकि दूसरे राज्यों में भी पार्टी अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है।