Friday, November 22, 2024
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DCW में 6 महीने से सैलरी नहीं, बजट 30% घटाया: CM अरविंद केजरीवाल से स्वाति मालीवाल का सवाल- महिलाओं की दुश्मन क्यों है AAP सरकार?

स्‍वाति ने लिखा कि DCW के साथ हो रहे बर्ताव 674 परिवार प्रभावित हो रहे हैं। आयोग में बहुत सारी ऐसी सर्वाइवर्स को भर्ती किया गया था जो अपने परिवार में खुद कमाकर घर चलाती हैं, लेकिन सैलरी न मिलने से इनके परिवारों पर भरण पोषण का संकट आ गया है।

दिल्ली महिला आयोग लगभग निष्क्रिय हो चुका है। दिल्ली महिला आयोग का अध्यक्ष पद पिछले 6 माह से खाली है। एससी सदस्य का पद 1.6 साल से खाली है। 2 सदस्य भी कम हैं। दिल्ली महिला आयोग का बजट करीब 30 प्रतिशत कम कर दिया गया है। कर्मचारियों को 6 महीने से वेतन नहीं मिला है। दिल्ली सरकार ने रेप पीड़ितों के लिए बनी हेल्पलाइन 181 को भी बंद कर दिया है। ये सब जानकारी दी है दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 4 पन्नों की चिट्ठी लिखी है और केजरीवाल से अपील की है कि उनकी सरकार महिलाओं से दुश्मनी न निकाले।

राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने ‘रेप कैपिटल’ जैसे बदनामी वाले टैग लगे ‘दिल्ली’ को सेफ बनाए रखने के लिए अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखी है। स्वाति मालीवाल ने वो चिट्ठी सोशल मीडिया पर शेयर किया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, “जब से मैंने दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दिया है, तबसे दिल्ली सरकार के मंत्रियों और अफ़सरों ने आयोग के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है। पिछले 6 महीने से किसी को सैलरी नहीं दी गई है, बजट 28.5 प्रतिशत कम कर दिया है, 181 हेल्पलाइन वापस ले ली गई है और अध्यक्ष और 2 मेम्बर की पोस्ट भरने के लिए कोई कार्य नहीं किया गया है। दलित मेम्बर की पोस्ट 1.5 साल से ख़ाली पड़ी है! मेरे जाते ही हर संभव कोशिश की जा रही है महिला आयोग को फिर से एक कमज़ोर संस्थान बनाने की। महिलाओं से दिल्ली सरकार क्यों दुश्मनी निकाल रही है? मैंने अरविंद केजरीवाल जी को पत्र लिखके उनसे जवाब माँगा है!”

दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और अब राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने ANI से कहा, “आठ साल में दिल्ली महिला आयोग ने 1,70,000 मामलों की सुनवाई की, लेकिन जब से मैंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है, पूरी दिल्ली सरकार दिल्ली महिला आयोग को बंद करने पर अड़ी हुई है। दिल्ली सरकार ने छह महीने से दिल्ली महिला आयोग के लिए एक रुपया भी फंड के तौर पर जारी नहीं किया है।”

स्वाति ने आगे कहा, “हम यह भी देख रहे हैं कि दिल्ली सरकार ने इस साल के लिए दिल्ली महिला आयोग के बजट में 30% की कटौती की है। दिल्ली महिला आयोग के अध्यक्ष का पद अभी भी खाली है और छह महीने हो गए हैं…दो अन्य पद भी खाली हैं…दिल्ली सरकार ने 181 हेल्पलाइन बंद कर दी है। यह शर्मनाक है कि रेप कैपिटल माने जाने वाले राज्य की 181 हेल्पलाइन बंद कर दी गई है…मैंने सीएम अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है कि वे ऐसा कैसे कर सकते हैं…जिस राज्य का महिला आयोग सक्षम नहीं है, वहाँ की महिलाओं की सुरक्षा कैसे हो सकती है?…मेरा मानना ​​है कि सरकार नहीं चाहती कि महिलाएँ सक्षम हों। मुझे लगता है कि सरकार को सवाल उठाने वाली महिलाओं से दिक्कत है…”

स्‍वाति मालीवाल ने पूछा है कि महिलाओं से दिल्ली सरकार क्यों दुश्मनी निकाल रही है? उन्होंने पत्र में लिखा है, “बहुत दुख हो रहा है कि जिस सिस्‍टम को इतना कष्‍ट झेलकर 2015 से लेकर अब तक बनाया उसे दिल्‍ली सरकार खत्‍म कर रही है। मेरे 8 साल के कार्यकाल में महिलाओं और बच्‍चों की ओर से कमीशन में आई 1.7 लाख शिकायतों को हैंडल किया। 2016 से आयोग की 181 हेल्‍पलाइन पर 41 लाख से ज्‍यादा कॉल्‍स दर्ज की गई हैं। इस हेल्‍पलाइन को 45 काउंसिलर्स की मदद से बेहतर ढंग से चलाया गया. राजधानी से उससे बाहर 2500 से ज्‍यादा रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन चलाए।”

स्वाति मालीवाल ने कहा, “स्‍वाति ने लैटर में आयोग की रेप क्राइसिस सेल में भर्ती किए गए वकीलों द्वारा दिल्‍ली की हर एक अदालत में की गई रेप पीड़‍ितों की मदद का हवाला दिया। इसके अलावा क्राइसिस इंटरवेंशन सेंटर की मदद से 60 हजार से ज्‍यादा सेक्‍सुअल असॉल्‍ट सर्वाइवर्स की मदद का आंकड़ा पेश किया।”

स्‍वाति ने लिखा कि दिल्‍ली सरकार की ओर से दिल्‍ली महिला आयोग के साथ किए जा रहे बर्ताव की वजह से करीब 674 परिवार प्रभावित हो रहे हैं। आयोग में बहुत सारी ऐसी सर्वाइवर्स को भर्ती किया गया था जो अपने परिवार में खुद कमाकर घर चलाती हैं, लेकिन सैलरी न मिलने से इनके परिवारों पर भरण पोषण का संकट आ गया है। यहाँ तक कि वे अपने बच्‍चों को स्‍कूलों से निकाल रही हैं, उन्‍हें बीमारियों में भी इलाज नहीं दिलवा पा रही हैं। आरसीसी के लॉयर्स ने दिल्‍ली हाईकोर्ट में रुकी हुई सैलरीज को लेकर याचिका दी थी, जिस पर हाईकोर्ट ने 9 मई 2024 को वेतन जारी करने का आदेश भी जारी किया था लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद 30 मई को फिर से हाईकोर्ट ने सैलरी देने का आदेश दिया लेकिन अभी तक डब्‍ल्‍यूसीडी की ओर से इसे बहाल किया जाना बाकी है। इस पर तत्‍काल कदम उठाने की जरूरत है।

बता दें कि स्वाति मालीवाल लंबे समय तक दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष रही हैं। उन्हें आम आदमी पार्टी ने राज्यसभा भेज दिया। कुछ समय पहले स्वाति मालीवाल के साथ अरविंद केजरीवाल के घर में कथित तौर पर मारपीट की घटना सामने आई थी, जिसमें अरविंद केजरीवाल के अहम सहयोगी विभव कुमार पर मारपीट का आरोप लगा। विभव को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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