पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम एम्स के प्राइवेट वार्ड में इलाज नहीं करा पाएँगे। इस संबंध में दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को उनकी याचिका खारिज कर दी। हाई कोर्ट ने कहा कि चिदंबरम को एम्स में स्टरलाइज़्ड (जीवाणुरहित) निजी वार्ड में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं है। साथ ही अदालत ने जेल अधीक्षक को तिहाड़ में ही उनको साफ और स्वच्छ वातारण मुहैया कराने के दिशा-निर्देश दिए हैं।
पूर्व वित्त मंत्री इस समय INX मीडिया मामले में तिहाड़ जेल में बंंद हैं। बुधवार को विशेष सीबीआई अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत 13 नवंबर तक बढ़ा दी थी। चिदंबरम ने प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत को चुनौती देते हुए स्वास्थ्य कारणों से हाई कोर्ट से जमानत मॉंगी थी। उनकी याचिका के आधार पर गुरुवार (31 अक्टूबर) को हाई कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड का गठन भी किया था।
INX media case: Delhi Court disposes of the plea of Congress leader P. Chidambaram’s interim bail with direction to Tihar Jail Superintendent to keep P. Chidambaram’s cell clean & provide mineral water, protection against mosquitoes & he should be provided a face mask. (file pic) pic.twitter.com/7NUhfV5m7C
— ANI (@ANI) November 1, 2019
शुक्रवार (1 नवंबर) को हाई कोर्ट के सामने मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पेश की। इसके बाद अदालत ने कहा कि चिदंबरम को एम्स में इलाज के लिए निजी वार्ड में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं है। जेल में ही डॉक्टर उनका रेगुलर चेकअप करें। साथ ही उन्हें पीने के लिए मिनरल वाटर देने और मच्छरों से बचाव के लिए लोशन उपलब्ध कराने को कहा।
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने जेल अधीक्षक को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि चिदंबरम के आसपास का परिवेश साफ और स्वच्छ हो। उन्हें घर का बना खाना और साफ मिनरल वाटर उपलब्ध कराया जाए। उन्हें मच्छरदानी और मास्क भी मुहैया कराने के भी निर्देश दिए।
हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि चिदंबरम की न्यायिक हिरासत में नियमित स्वास्थ्य जाँच हो। उनका ब्लड प्रेशर आदि चेक किया जाए। जेल में जिस जगह उन्हें रखा जा रहा है वहाँ दिन में दो बार साफ़-सफ़ाई की जाए।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट के सामने रिपोर्ट रखी, जिसमें कहा गया है कि चिदंबरम को स्वच्छ वातावरण देने की जरूरत है, एडमिट करने की ज़रूरत नहीं है। इससे पहले उन्होंने बताया था कि चिदंबरम की जाँच क्रोहन रोग के विशेषज्ञ एम्स के डॉक्टर आहूजा द्वारा की गई है। डॉक्टर आहूजा ने भी चिदंबरम के अनुरोध पर डॉक्टर रेड्डी के साथ बातचीत की, जहाँ उन्होंने कहा कि उपचार की दिशा ठीक है। सॉलिसिटर जनरल ने यह भी तर्क दिया था कि स्टरलाइज़्ड (जीवाणुरहित) वातावरण एम्स में ही आवेदक को उपलब्ध करवाया जा सकता है।
सिब्बल ने इस प्रस्ताव पर कहा था कि चिदंबरम को कम से कम निजी अस्पताल ले जाना चाहिए। जब इस माँग को अस्वीकार कर दिया गया, तो सिब्बल ने एम्स में एक स्टरलाइज़्ड निजी वार्ड देने के लिए निवेदन किया था।