कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली से प्रवासियों के भारी पलायन को लेकर उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को एक चिट्ठी लिखी है। खबरों के मुताबिक इस चिट्ठी में उन्होंने इस पलायन पर नाराजगी जताई है। वहीं इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह भी लॉकडाउन के बीच हुए पलायन पर केजरीवाल से गहरी चिंता व्यक्त कर चुके हैं। मगर, उप राज्यपाल अनिल बैजल ने इस बार कड़े शब्दों में पत्र लिखते हुए केजरीवाल से कहा है कि लॉकडाउन को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए दिल्ली सरकार के पास सभी शक्तियाँ थीं, फिर भी ऐसा नहीं हो सका।
गौरतलब है कि इससे पहले गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया था कि गृह मंत्री अमित शाह के उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करने के बाद रविवार शाम पत्र भेजा गया। इस बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को स्पष्ट निर्देश देने के लिए कहा गया कि किसी भी प्रवासी मजदूर के पलायन को अनुमति नहीं दी जाए। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह ने खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल से इसको लेकर बात की।
खबरों के अनुसार, केंद्र इस बात से नाराज है कि दिल्ली सरकार ने प्रवासियों को बसों के जरिए सीमा पर छोड़ दिया। जिसके मद्देनजर गृह सचिव अजय भल्ला ने दिल्ली के मुख्य सचिव को इस मामले में लापरवाही के लिए दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को सस्पेंड करने का आदेश दिया है।
प्रवासियों की भारी भीड़ के बाद केंद्र ने राज्यों से कहा है कि वे अस्थायी शरण केंद्र बनाकर पहले 14 दिन तक इन लोगों को ‘क्वारंटाइन’ करें और इसके बाद ही उन्हें आगे रवाना करें। गृह मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि इसे पूरी तरह से टालना चाहिए था। उन्होंने कहा कि सरकार को चिंता है कि पलायन से देश को बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
अधिकारी ने बताया कि दिल्ली सरकार के पास लॉकडाउन लागू कराने की पूरी छूट थी और उनके पास इससे जुड़ी सभी शक्तियाँ भी थीं। अधिकारी ने कहा कि भविष्य के लिए उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार से कहा है कि वह सभी मजदूरों को सही तरीके से रखें। जरूरत पड़ने पर उन्हें शेल्टर होम में शिफ्ट किया जाए, जहाँ पर सभी मूलभूत सुविधाएँ हों। इसके अलावा बैजल ने यह भी बताया है कि केंद्र के आदेश के अनुसार लॉकडाउन के दौरान किसी के भी रुपए न काटे जाएँ और उन्हें पूरा भुगतान किया जाए।