कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए देशभर में 21 दिन का लॉकडाउन है। बावजूद इसके दिल्ली-यूपी बॉर्डर से हैरान करने वाली तस्वीरें आ रही है। यूपी-बिहार के अपने गॉंवों की ओर लौटने के लिए जुटे लोगों की भारी भीड़ से लॉकडाउन की सार्थकता को लेकर सवाल उठने लगे हैं। इस स्थिति के लिए अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। कहा जा रहा है कि मजदूरों को गुमराह कर बॉर्डर पर भेजा गया।
इस मामले को लेकर केजरीवाल चौतरफा घिरते जा रहे हैं। न केवल विपक्षी दल बीजेपी के कपिल मिश्रा, मनोज तिवारी, गौतम गंभीर प्रवेश वर्मा जैसे नेताओं ने मुख्यमंत्री पर सवाल उठाए हैं, बल्कि आशुतोष जैसे पत्रकार जो आप में रह चुके हैं ने भी केजरीवाल सरकार को घेरा है।
पूर्व क्रिकेटर और बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने इसे शर्मनाक कृत्य करार देते हुए ट्विटर पर लिखा, “दिल्ली की जनता ने अरविंद केजरीवाल को औरों पर आरोप लगाने के लिए चुना है क्या? इस स्थिति में भी सारी जवाबदेही PM और बाकी राज्यों के CM पे डाल दी! 500 करोड़ के advertisement budget में 2 लाख लोगों का खाना आ जाएगा। अगर दिल्ली ही नहीं रहेगी तो कहाँ बेचोगे अपने झूठ को?”
वहीं दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने लिखा, “अरविंद केजरीवाल जी DTC बसों में लोगों को भर दिल्ली बॉर्डर पर इकट्ठा तो करवा दिए आप। CM साहेब हाथ जोड़ कर विनम्र निवेदन है कि 15 दिनों का राशन हर परिवार को दें और उन्हीं बसों में इनको वापिस दिल्ली में जहाँ रहते हैं वहाँ छुड़वा दें, नहीं तो ये गंभीर समस्या का रूप ले लेगा।”
भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने इसको लेकर केजरीवाल से एक के बाद एक कई सवाल दागे। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, “दिल्ली के गरीबों में भगदड़ क्यूँ? क्योंकि ग्राउंड पे सरकार गायब है। दिल्ली सरकार सिर्फ प्रेस कॉन्फ्रेंस, विज्ञापनों में बिजी है। लेबर्स गए तो राशन और दवाई की सप्लाई भी ठप्प होगी।”
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने दिल्ली-यूपी बॉर्डर के कौशाम्बी की तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा कि ये तस्वीरें देखकर रोना भी आ रहा है और गुस्सा भी। एक फेल दिल्ली सरकार जो गरीबों को भरोसा ही नहीं दे पाई। चंद एजेंडा पत्रकार जिन्होंने 24 घंटे हौवा खड़ा किया और इन गरीबों में दहशत पैदा की। देश की कोरोना के खिलाफ लड़ाई कहीं यहीं से फेल ना हो जाए। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा कि अभी इस समय आनंद विहार दिल्ली में 2 लाख से ज्यादा की भीड़ है। दिल्ली की निकम्मी राज्य सरकार और चंद एजेंडा पत्रकारों ने पूरे देश को इस आग में झोंक दिया है। इसी तरह एक ट्वीट में कपिल मिश्रा ने पूछा कि आखिर केजरीवाल चाहते क्या हैं?
कपिल मिश्रा ने कई विडियो जारी कर केजरीवाल सरकार की पोल खोली है। एक वीडियो में दिख रहा है कि दिल्ली की गलियों में माइक से अनाउंसमेंट किए जा रहे हैं। इस अनाउंसमेंट में कहा जा रहा है कि आनंद विहार के लिए बसें जा रही हैं, उससे आगे यूपी-बिहार के लिए बसें मिलेंगी। सोते हुए लोगों को उठा-उठा कर बसों से उप्र बॉर्डर पर भेजा गया। कपिल मिश्रा ने इसे सोची-समझी साजिश करार दिया। इसी के साथ उन्होंने केजरीवाल को डीटीसी बसें बन्द करने, झूठी प्रेस कॉन्फ्रेंस और विज्ञापन बन्द करने के साथ ही बेसिक सुविधाओं को मैनेज करने की सलाह देते हुए कहा कि लोगों को खाना, राशन सच में बँटवाएँ।
वहीं पत्रकार आशुतोष ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए हुए ट्वीट किया, “क्या आपने आनंद विहार पर दिल्ली सरकार के किसी नुमाइंदे को देखा? कहाँ है दिल्ली के मुख्यमंत्री? ये सारे वही लोग वहाँ इकट्ठा हैं, जिन्होंने एक महीना पहले केजरीवाल को वोट दिया। आज ये अपने को अनाथ महसूस कर रहे हैं! ये पार्टी कहती है कि ये आम आदमी की बात करती है।”
बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने भी सीएम पर सवाल खड़े करते हुए कहा, 22 मार्च को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया कि 31मार्च तक दिल्ली के बॉर्डर सील रहेंगे। किसने अफवाह फैलाई और कौन बसें भर-भर के लोगों को बॉर्डर पर छुड़वा रहा है? दिल्ली में अलग ही आपातकालीन स्थिति उत्पन्न कर करोड़ों लोगों की ज़िन्दगियों से खेलने का क्या मतलब है?