Saturday, November 16, 2024
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1 जनवरी 2024 को होगा अयोध्या के भव्य राम मंदिर का उद्घाटन, श्रद्धालु भी कर सकेंगे दर्शन: त्रिपुरा में गृहमंत्री अमित शाह ने की घोषणा

इस साल मार्च में त्रिपुरा सहित देश के 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इनमें उत्तर-पूर्व के त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड के साथ-साथ राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, कर्नाटक, मध्य प्रदेश शामिल है। उधर साल 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में श्रीराम मंदिर का सीधा लाभ भाजपा को मिल सकता है।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (MHA) ने गुरुवार (5 जनवरी 2023) को कहा कि अयोध्या में बन रहे भगवान राम के भव्य मंदिर का दर्शन श्रद्धालु 1 जनवरी 2024 से कर सकेंगे। अमित शाह त्रिपुरा में एक जनसभा को संबोधित करने के दौरान यह बात कही।

उन्होंने श्रीराम निर्माण का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया। अमित शाह ने कहा कि आजादी के बाद से ही कॉन्ग्रेस अदालतों में राम मंदिर निर्माण के मामले में अड़ंगा लगाती आई है। राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद आया है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने 5 अगस्त 2020 को श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या में ‘भूमि पूजन’ किया था। श्रीराम मंदिर के आसपास के 70 एकड़ क्षेत्र में वाल्मीकि, केवट, शबरी, जटायु, सीता, विघ्नेश्वर (गणेश) और शेषावतार (लक्ष्मण) के मंदिरों का भी निर्माण किया जाएगा।

मंदिर के पहले पहले फेज का काम 30 दिसंबर 2023 को पूरा हो जाएगा। उसके बाद इसे श्रद्धालुओं के खोल दिया जाएगा। वहीं, दूसरे फेज का काम 30 दिसंबर 2024 और तीसरे एवं अंतिम फेज का काम 30 दिसंबर 2025 को पूरा होगा। मंदिर निर्माण में करीब 1800 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।

मंदिर का पूरा परिसर 71 एकड़ का है। वहीं, रामलला का मंदिर 8 एकड़ में बन रहा है। मंदिर का शिखर 161 फीट का होगा। मंदिर के निर्माण में किसी प्रकार के लोहे या स्टील का उपयोग नहीं किया जा रहा। साथ ही, इसे ऐसा बनाया जा रहा है कि 1000 साल तक यह मंदिर पूरी तरह सुरक्षित रहेगा। यहाँ तक कि 6.5 रिएक्टर के भूकंप से भी मंदिर को किसी प्रकार की क्षति नहीं पहुँचेगी।

मंदिर के गर्भ गृह में जहाँ राम लला विराजमान होंगे, वह आसन सोने का होगा। वहीं, मंदिर का शिखर भी सोने का हो सकता है। इसके लिए, महाराष्ट्र के एक व्यापारी ने श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट से बात की है। हालाँकि, ट्रस्ट की ओर से अब तक इसको लेकर कोई पुष्टि नहीं हुई।

भगवान राम के इस मंदिर को सरकार देश का सबसे बड़ा धार्मिक, आध्यात्मिक केंद्र बनाने के साथ ही सबसे बड़ा धार्मिक पर्यटन केंद्र बनाने में जुटी है। चूँकि, रामलला की बालस्वरूप मूर्ति काफी छोटी है। इसलिए, श्रद्धालु सही तरीके से मूर्ति के दर्शन नहीं कर पाएँगे। ऐसे में, ट्रस्ट ने गर्भगृह में एक अन्य प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया है। 

बता दें कि इस साल मार्च में त्रिपुरा सहित देश के 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इनमें उत्तर-पूर्व के त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड के साथ-साथ राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, कर्नाटक, मध्य प्रदेश शामिल है। उधर साल 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में श्रीराम मंदिर का सीधा लाभ भाजपा को मिल सकता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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