एक दिन पहले कॉन्ग्रेस कमेटी के मुखिया डीके शिवकुमार ने भारतीय जनता पार्टी पर बेंगलुरु दंगे की जाँच प्रभावित करने का आरोप लगाया था। इस पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा विरोधी दलों को तब तक कोई आरोप नहीं लगाना चाहिए जब तक जाँच की रिपोर्ट सामने नहीं आ जाती है।
मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने इस मुद्दे पर आधिकारिक तौर पर बयान जारी करते हुए कहा, “बेंगलुरु दंगों की जाँच अभी चल रही है। बहुत जल्द सच सामने आएगा इसलिए कॉन्ग्रेस को इस मुद्दे पर आरोप नहीं लगाने चाहिए। न ही इस मुद्दे का राजनीतिकरण करना चाहिए।”
इसके पहले कर्नाटक सरकार में स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्री के सुधाकर ने भी डीके शिवकुमार के बयान पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि डीके शिवकुमार ईमानदार तरीक़े से हो रही जाँच से क्यों डर रहे हैं।
The investigation is underway in the Bengaluru violence issue, the truth will come out. Congress should not fix blame before that and should not politicise the matter: #Karnataka Chief Minister BS Yediyurappa pic.twitter.com/q6eshvloZj
— ANI (@ANI) August 21, 2020
के सुधाकर ने कहा, “KPCC (कर्नाटक प्रदेश कॉन्ग्रेस कमेटी) के अध्यक्ष ने सार्वजनिक रूप से बेंगलुरु के मंडलायुक्त कमल पंत पर आरोप लगाया है। जबकि वह दंगों के इन मामले की निष्पक्ष रूप से जाँच कर रहे हैं। लोग उन्हें भाजपा का एजेंट कह रहे हैं। डीके शिवकुमार आखिर इस जाँच से क्यों डर रहे हैं? यह कोशिश किसे बचाने के लिए की जा रही है?”
बीते दिन (20 अगस्त 2020) मीडिया वार्ता करते हुए डीके शिवकुमार ने भाजपा पर कई आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था पुलिस अपनी जाँच में कॉन्ग्रेस नेताओं को निशाना बना रही है।
इसके अलावा डीके शिवकुमार ने अपने बयान में कहा था, “मैं पुलिसकर्मियों से निवेदन करना चाहता हूँ। खासकर मंडलायुक्त, जिनके लिए यह चेतावनी है। मैं इस बात पर चर्चा नहीं करना चाहता हूँ कि क्यों हाल ही में हिंसा की घटना हुई। लेकिन आप सभी (पुलिस अधिकारी) भाजपा के मंत्रियों से प्रभावित होकर जाँच कर रहे हैं। मिस्टर कमीश्नर हम आपको ऐसा नहीं करने देंगे। हम भले भाजपा का विरोध करें या नहीं लेकिन पुलिस वालों का विरोध ज़रूर होगा। कॉन्ग्रेस का कोई भी नेता हिंसा के लिए ज़िम्मेदार नहीं है यह पूरी तरह पुलिस की नाकामी है। पुलिस घटना को नियंत्रित नहीं कर पाई और हम इस घटना की निंदा करते हैं।”
बेंगलुरु दंगे के सिलसिले में अब तक 61 लोगों के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया है। सिटी पुलिस कमिश्नर के हवाले से मीडिया रिपोर्टों में यह जानकारी दी गई है।
पंत ने बताया कि मामले की जॉंच जारी है और साक्ष्यों के आधार पर यह आगे बढ़ रही है। इसी आधार पर आरोपितों की गिरफ्तारी की जा रही है। जो आरोपित पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं, उन्हें भी जल्द पकड़ लिया जाएगा। कर्नाटक की राजधानी में 11 अगस्त की रात हिंसा और आगजनी हुई थी। राज्य के गृहमंत्री बसवराज बोम्मई ने पिछले दिनों दंगों के पीछे संप्रदाय विशेष के कट्टरपंथी लोगों का हाथ होने की बात बताई थी। उन्होंने इसे बड़ी साजिश का हिस्सा बताते हुए जॉंच के आदेश दिए थे।
कर्नाटक के कॉन्ग्रेस विधायक के भतीजे नवीन द्वारा सोशल मीडिया पर पैगम्बर मोहम्मद के कथित अपमानजनक पोस्ट को लेकर कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में हुए दंगों में उग्र भीड़ द्वारा ‘पुलिसकर्मियों को मार डालो, उन्हें मत छोड़ो, उन्हें खत्म करो’ के नारे भी लगाए गए। नवीन को भी फिलहाल गिरफ्तार किया गया है। विधायक के आवास और डीजे हाली के एक थाने में संप्रदाय विशेष के उपद्रवियों ने उत्पात मचाया, जिन्होंने कई पुलिस और निजी वाहनों को भी आग लगा दी और लूटपाट भी मचाई थी।
मंगलवार (अगस्त 11, 2020) की शाम कॉन्ग्रेस विधायक अखंडा श्रीनिवास मूर्थी के आवास पर संप्रदाय विशेष के हज़ारों लोगों की भीड़ इकट्ठा हुई। कुछ ही देर में भीड़ ने पूरे घर को तबाह कर दिया। इसके बाद डीजे हल्ली और केजी हल्ली पुलिस थाने पर भी जम कर तोड़ फोड़ की। पुलिस द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई में कुल 3 लोगों की जान गई थी और 6 लोग घायल हुए थे। दंगे की घटनाओं में 60 पुलिसकर्मी घायल हुए थे जिसमें से 15 नज़दीकी अस्पतालों में भर्ती हुए थे।