पश्चिम बंगाल में प्रमुख मौलवियों ने अपने समुदाय को सावधानीपूर्वक वोट देने की सलाह देते हुए एक संदेश जारी किया है। ख़बर के अनुसार, मुस्लिमों के वोट न बँटे इसलिए मौलवियों ने यह संदेश मुस्लिम समुदाय को जारी किया है।
मौलवियों की इस अपील में न तो यह स्पष्ट किया गया कि किस उम्मीदवार को वोट देना चाहिए और न ही किसी राजनीतिक पार्टी के ख़िलाफ़ चेतावनी ही दी गई। लेकिन मुस्लिम वोटर्स से सावधानीपूर्वक मतदान करने के आग्रह से यह स्पष्ट है कि अगर गलत मतदान किया तो गलती सुधारने के लिए अगले पाँच साल तक प्रतीक्षा करनी होगी।
मुस्लिम वोटर्स के नाम जारी किए इस संदेश पर ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल के अध्यक्ष क़ारी फ़ज़लुर रहमान, जो कोलकाता के रेड रोड पर ईद की नमाज़ का नेतृत्व करते हैं, काउंसिल के उपाध्यक्ष क़ारी मोहम्मद शफीक और प्रतिष्ठित नखोदा मस्जिद के इमाम ने हस्ताक्षर किए हैं।
अपील के अनुसार, “लोकतंत्र में चुनाव के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। यह हमें हर पाँच साल में एक सरकार का चयन करने का मौका देता है। लेकिन अगर हम ग़लती करेंगे, तो इसे सुधारने के लिए हमें पाँच साल तक इंतज़ार करना होगा। इसलिए जिसे वोट देना है उसे लेकर पहले सावधानीपूर्वक सोचे।”
क़ासमी ने कहा, “यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने धर्म और राष्ट्र दोनों की सेवा करें। इसलिए धार्मिक ज्ञान के अलावा, हमें सही उम्मीदवार और एक पार्टी का चयन करने के लिए राजनीतिक परिपक्वता की भी आवश्यकता है, जो इस देश के प्रत्येक नागरिक की प्रगति और सुरक्षा के लिए काम करेगी।”
मौलवियों का यह संदेश काफी हद तक मायने रखता है क्योंकि बंगाल में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या एक तिहाई से थोड़ी कम है, और यदि इस समुदाय के वोट किसी एक उम्मीदवार या पार्टी के पक्ष में वोट पड़ जाएँ तो इसका प्रभाव बड़े स्तर पर पड़ेगा।