महाराष्ट्र की राजनीति अभी एक ही व्यक्ति के इर्दगिर्द घूम रही है और वो हैं एकनाथ शिंदे, जो मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार में शहरी विकास और पब्लिक वर्क्स मंत्रालय सँभाल रहे हैं। साथ ही वो शिवसेना के विधायक दल के नेता भी थे, लेकिन अब उन्हें इस पद से हटा दिया गया है। 35 विधायकों के समर्थन का दावा करने वाले एकनाथ शिंदे कौन हैं, आइए हम आपको बताते हैं। वो देवेंद्र फड़नवीस की सरकार में भी मंत्री रहे थे।
वो ठाणे के कोपरी-पाचपाखाडी विधानसभा से पिछले 18 वर्षों से लगातार विधायक हैं और उन्होंने लगातार 4 बार यहाँ से जीत दर्ज की है। ठाणे जिले में उनकी तूती बोलती है और 2019 विधानसभा चुनाव के दौरान वहाँ के शिवसेना कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में उनके पोस्टर-बैनर लगाए थे। एकनाथ शिंदे ने अचानक से ऐसा फैसला लिया है, क्योंकि हाल ही में आदित्य ठाकरे के अयोध्या दौरे के दौरान वो उनके साथ थे।
शिवसेना ने उन्हें पार्टी का चीफ व्हिप भी बना रखा था। बता दें कि एकनाथ शिंदे पहले ऑटो रिक्शा ड्राइवर हुआ करते थे। 80 के दशक में ठाणे में उन्हें शिवसेना का शाखा प्रमुख बनाया गया था। फिर वो 1997 में म्युनिसिपल कॉर्पोरेटर बने। 3 वर्षों तक वो सिविक एजेंसी स्टैंडिंग कमिटी से सदस्य रहे। उनके बेटे श्रीकांत शिंदे कल्याण से शिवसेना सांसद हैं। आदित्य ठाकरे को जिस तरह से बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जा रहा था, उससे वो खुश नहीं थे।
ठाणे को मुंबई का सैटेलाइट सिटी भी कहा जाता है और शिवसेना का इसे गढ़ भी माना जाता है। बता दें कि एकनाथ शिंदे के जीवन में एक त्रासदी भी हो चुकी हाउ, जब दुर्घटना में उनके दो बच्चों का निधन हो गया था। सतारा में उनका एक बेटा और एक बेटी उनके सामने ही पानी में बह गए थे। तब वो शिवसेना कॉर्पोरेटर थे और राजनीति से इस घटना के बाद उनका मोहभंग हो गया था। उनके राजनीतिक गुरु आनंद दिघे उन्हें वापस लेकर आए।
Anand Dighe was the most towering leader of Shiv Sena after Balasaheb Thackeray, his death left a vaccum in Thane that many felt couldn’t be filled, but Shinde an ardent fan of Dighe, held the Shiv Sena strong, he even poached NCP leaders like Sarnaik in Thane
— Singh Varun (@singhvarun) June 21, 2022
उनके निधन के बाद 2001 में एकनाथ शिंदे को ठाणे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में सदन का नेता चुना गया। शिवसेना के कई कार्यक्रमों का आयोजन उनके ही जिम्मे होता था। राज ठाकरे और नारायण राणे के बगावत के बाद एकनाथ शिंदे ने ही शिवसेना से जनता को फिर से जोड़ा। 2019 में कई विधायकों को वही वापस लेकर आए। सतारा जिले के पहाड़ी जवाली तालुका से आने वाले एकनाथ शिंदे ने ठाणे शहर में आने के बाद 11वीं कक्षा तक मंगला हाई स्कूल और जूनियर कालेज, ठाणे से पढ़ाई की। वो कुछ दिनों के लिए नेता प्रतिपक्ष भी रहे।