आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी पर एफआईआर दर्ज की गई है। दरअसल, राँची संसदीय सीट के लिए 6 मई को हटिया विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र संख्या-288 (सेंट फ्रांसिस स्कूल) में हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी मतदान करने गए थे। इस दौरान वे झामुमो का पट्टा अपने गले में डालकर कतार में खड़े थे और दोनों ने पट्टा पहनकर ही वोट डाला था।
आचार संहिता उल्लंघन के मामले में हेमंत सोरेन व उनकी पत्नी पर एफआईआर दर्ज
— News24Today (@News24Todaycom) May 13, 2019
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भारतीय जनता पार्टी ने इस मामले में चुनाव आयोग से शिकायत की थी। आयोग को दर्ज शिकायत में भाजपा ने कहा था कि हेमंत ने मतदाताओं को अपने पक्ष में मतदान करने के लिए प्रत्यक्ष ढंग से प्रभावित किया। शिकायत मिलने पर चुनाव आयोग ने जाँच के आदेश दिए। जिसके बाद राँची के कार्यपालक दंडाधिकारी राकेश रंजन उरांव ने मामले की जाँच की और आरोप को सही पाया। जाँच में आरोप के सही पाए जाने के बाद हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी के खिलाफ सोमवार (मई 13, 2019) को रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट 1951 एवं 188 आईपीसी के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई और इसकी जानकारी और जाँच रिपोर्ट जिला प्रशासन द्वारा निर्वाचन आयोग को भेज दी गई है।
गौरतलब है कि, जब भाजपा ने हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी के खिलाफ मतदान केंद्र पर पार्टी के सिंबल वाला पट्टा गले में डालकर जाने को आचार संहिता का उल्लंघन बताकर चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की थी, तब हेमंत सोरेन ने कहा था कि यदि ऐसा करना चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन होता तो कोई उनको रोकता। उनको किसी ने बताया भी नहीं कि इस प्रकार मतदान केंद्र में मतदान के लिए नहीं जा सकते।
हेमंत सोरेन के इस बयान को भाजपा प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने हास्यास्पद बताया था और कहा था कि हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री रह चुके हैं और वो ये कह कर नहीं बच सकते हैं। उन्होंने चुनाव के दिन बूथ के भीतर और बाहर पार्टी का सिंबल वाला पट्टा लगाकर अपनी पार्टी का प्रचार करने का प्रयास किया है। प्रतुल ने चुनाव आयोग से इस पर संज्ञान लेकर कार्रवाई करने का अनुरोध किया था।