आत्ममुग्ध बौने के नाम से चर्चा में आए अरविन्द केजरीवाल इस बार चुनाव जीतने के लिए किसी भी हद तक जाने की अपनी बात को सही साबित करते हुए नजर आ रहे हैं। कभी वो लोगों को फोन कर के गुमराह करने की कोशिश करते हैं। तो कभी उनके खत चुनाव आयोग की नजर में आ रहे हैं। नई वाली राजनीति का उनका हर पैंतरा जनता के सामने बेनकाब होता जा रहा है, जो कि उनकी IIT की डिग्री से प्रभावित हुए प्रशंसकों के लिए दुखद खबर हैं।
कॉन्ग्रेस से लगातार गठबंधन की भीख माँगने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नाम से सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल करके भेजी जाने वाली चिट्ठियों को चुनाव आयोग के अधिकारियों ने सील कर दिया है। यह चिट्ठी पानी के बिलों के साथ भेजे जाने की तैयारी की गई थी। अरविंद केजरीवाल दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष हैं। चिट्ठियाँ जल बोर्ड के नरेला कार्यालय के कमरे में रखी गईं थीं। इस मामले की शिकायत भाजपा नेता ने चुनाव आयोग से की थी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. रणवीर सिंह ने बताया कि नरेला जल बोर्ड ऑफिस से संबंधित एक शिकायत मिली थी, उसमें कहा गया था कि इन चिट्ठियों को पानी के बिल के साथ भेजने की तैयारी की जा रही है। चिट्ठी में केजरीवाल दिल्ली में पानी और सीवर की पुराने समय की बदहाली का जिक्र कर के वर्तमान में किए गए कार्यों को उपलब्धि के तौर पर गिनवा रहे थे, जो कि आचार संहिता का उल्लंघन है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से जुड़े अधिकारियों ने छापा मारा, वहाँ बड़ी संख्या में ऐसी चिट्ठियाँ मिलीं और इसके बाद अधिकारियों ने उस कमरे को सील किया।
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने मंगलवार (मार्च 27, 2019) को दिल्ली BJP दफ्तर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि कॉन्ग्रेस ने भी हाल ही में वोटरों को गुमराह करने के लिए कुछ झूठे, आपत्तिजनक और अभद्र भाषा वाले विडियोज जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि हताशा के चलते कॉन्ग्रेस और AAP, दोनों ही आपा खो चुकी हैं और इस कारण दोनों पार्टियाँ अब आचार संहिता का खुलेआम उल्लंघन करने पर उतर आईं हैं। गुप्ता ने दावा किया कि उनकी शिकायत पर दिल्ली जल बोर्ड के नरेला स्थित दफ्तर सहित कुछ अन्य दफ्तरों पर चुनाव आयोग ने रेड डालकर आपत्तिजनक प्रचार सामग्री भी जब्त की है और यह प्रक्रिया अब भी जारी है।